📡☎️साइबर फ्रॉड पर अंकुश हेतु राष्ट्रीय हेल्पलाइन☎️📡
📱🖥️साइबर फ्रॉड : गृहमंत्रालय ने शुरू की हेल्पलाइन🖥️📱
गृहमंत्रालय ने साइबर फ्रॉड रोकने और लोगों को इससे होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 शुरू की है। इस पर किसी भी साइबर अपराध की सूचना दर्ज की जा सकेगी। इस हेल्पलाइन को संचालित करने की जिम्मेदारी इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की होगी। वहीं आरबीआई व अन्य प्रमुख बैंक, पेमेंट वॉलेट और ऑनलाइन मर्चेंट इसमें सहयोग करेंगे। अभी यह सेवा छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में काम कर रही है। अप्रैल में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई इस हेल्पलाइन के जरिये दो महीने में 1.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रोकी गई है।
साइबर क्राइम शाखा ने लोगों को आनलाइन ठगी से बचाने के लिए नई पहल की है। इसके लिए लोगों को उस हेल्पलाइन नंबर के प्रति जागरूक किया जा रहा है, जिस पर शिकायत दर्ज कराने पर खाते या वॉलेट से निकाली गई रकम खाते में वापस आ जाएगी। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर-155260 को यूपी पुलिस की आपात सेवा 112 से भी जोड़ दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर बनाए गए सिटीजन फाइनेंशियल फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम के तहत यह हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे पहले दिल्ली में लागू किया गया था, जिसे अब पूरे देश में लागू कर दिया गया है। यूपी में इसे आपात सेवा के नंबर-112 से जोड़ दिया गया है। जालसाज ज्यादातर रिटायर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। इस कारण ऐसे लोगों को जागरूक करने पहल की गई है।
ऐसे करेगा काम-
यदि कोई आनलाइन ठगी का शिकार हुआ है यानी उसके बैंक खाते या ई-वॉलेट से पैसा ट्रांसफर कर लिया गया है। तो सबसे पहले 155260 पर डायल करना होगा। यह कॉल 112 पर ट्रांसफर हो जाएगी। कॉल टेकर पीड़ित से संबंधित जानकारी ज्यों ही अपने सिस्टम पर फीड करेगा, अलर्ट संबंधी संदेश बैंकों के पास चला जाएगा। जिस बैंक के खाते या ई-वॉलेट से पैसा ट्रांसफर किया गया है और जिस बैंक के खाते या ई-वॉलेट में पैसा लिया गया है, दोनों को ही यह अलर्ट मिल जाएगा। यह अलर्ट मिलते ही बैंक पैसे की निकासी पर पर रोक लगा देंगे और संपर्क किए जाने पर वह रकम उसके खाते में वापस लौटा दी जाएगी।