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Wednesday, October 4, 2023

संघर्ष से स्वाभिमान तक

 ⚡🔥संघर्ष से स्वाभिमान तक🔥⚡

स्वरचित प्रेरणास्पद लघु कविता

आत्मग्लानि से बचने को, दृष्टांत स्वाभिमान का गढ़ने को,

संघर्षों के दम पर भूत-भविष्य-वर्तमान रचने को!

देहरी लाँघ निकलना होगा, कुंदन की भाँति तप-तपकर बन स्वर्ण फिर निखरना होगा!

चाह नहीं अमरत्व की, फिर भी गरिमापूर्ण मरण हेतु पहले तिल-तिल मरना होगा!

कपटी जग में अस्मिता रक्षण हेतु, बन योद्धा रण तो लड़ना होगा!

तज दुःख-सन्ताप-विषाद समस्त, पग-पग आगे बढ़ना होगा!!