🇮🇳गणतंत्र दिवस का महत्व🇮🇳
26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे भीतर आत्मगौरव की उत्पत्ति, अभिवर्धन एवम् संचार का कार्य करता है तथा हमें पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति कराता है, यही कारण है कि इस दिन को अखिल राष्ट्र में इतनी धूमधाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस का यह अलौकिक पर्व हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यही वह दिन है जो हमें हमारे संविधान की महत्ता से परिचित कराता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को विदेश आधिपत्य से स्वतंत्र हो गया हो किन्तु इसे पूर्ण रूपेण स्वतन्त्रता की अभिप्राप्ति 26 जनवरी 1950 को हो सकी क्योंकि यही वह विशिष्ट दिन है जब हमारे देश का महान् संविधान प्रभावी हुआ और हमारा देश भारत विश्व पटल पर एक सम्प्रभु गणतांत्रिक देश के रूप में स्थापित हुआ।
आज के समय में यदि हम स्वतंत्र रूप से कोई भी निर्णय लेने में सक्षम हैं या फिर किसी प्रकार के दमन अथवा दुर्व्यवस्था के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने में समर्थ हैं तो ऐसा सिर्फ हमारे देश के संविधान और गणतांत्रिक स्वरूप के कारण ही सम्भव हो सका है, यही कारण है कि हमारे देश गणतंत्र दिवस को समग्र रूप से व्यापक स्तर पर राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
इस पर्व को मनाने के लिए स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी अत्यंत उत्साहित रहते हैं जिसकी तैयारी एक माह पूर्व ही प्रारम्भ कर देते हैं। इस दिन विद्यार्थियों को अकादमिक, खेल सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकारों या शिक्षा के अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार, प्रमाण पत्र तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाता है। पारिवारिक लोग इस दिन अपने मित्र, परिवार और बच्चों के साथ सामाजिक स्थलों पर आयोजित कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर उत्सव मनाते हैं। सभी प्रातः 08:00 बजे से पूर्व राजपथ पर होने वाले कार्यक्रमों को प्रत्यक्ष अथवा टी.वी. पर देखने के लिए एकत्रित हो जाते हैं। इस दिन सभी को ये संकल्प करना चाहिए कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे तथा देश की समरसता और शांति को बनाये रखने के अक्षुण प्रयासों के साथ ही देश के अनवरत विकास में सहयोग करेंगे।।
🇮🇳जय हिन्द🇮🇳
साभार: "अमर उजाला"
26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे भीतर आत्मगौरव की उत्पत्ति, अभिवर्धन एवम् संचार का कार्य करता है तथा हमें पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति कराता है, यही कारण है कि इस दिन को अखिल राष्ट्र में इतनी धूमधाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस का यह अलौकिक पर्व हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यही वह दिन है जो हमें हमारे संविधान की महत्ता से परिचित कराता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को विदेश आधिपत्य से स्वतंत्र हो गया हो किन्तु इसे पूर्ण रूपेण स्वतन्त्रता की अभिप्राप्ति 26 जनवरी 1950 को हो सकी क्योंकि यही वह विशिष्ट दिन है जब हमारे देश का महान् संविधान प्रभावी हुआ और हमारा देश भारत विश्व पटल पर एक सम्प्रभु गणतांत्रिक देश के रूप में स्थापित हुआ।
आज के समय में यदि हम स्वतंत्र रूप से कोई भी निर्णय लेने में सक्षम हैं या फिर किसी प्रकार के दमन अथवा दुर्व्यवस्था के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने में समर्थ हैं तो ऐसा सिर्फ हमारे देश के संविधान और गणतांत्रिक स्वरूप के कारण ही सम्भव हो सका है, यही कारण है कि हमारे देश गणतंत्र दिवस को समग्र रूप से व्यापक स्तर पर राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
इस पर्व को मनाने के लिए स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी अत्यंत उत्साहित रहते हैं जिसकी तैयारी एक माह पूर्व ही प्रारम्भ कर देते हैं। इस दिन विद्यार्थियों को अकादमिक, खेल सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकारों या शिक्षा के अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार, प्रमाण पत्र तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाता है। पारिवारिक लोग इस दिन अपने मित्र, परिवार और बच्चों के साथ सामाजिक स्थलों पर आयोजित कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर उत्सव मनाते हैं। सभी प्रातः 08:00 बजे से पूर्व राजपथ पर होने वाले कार्यक्रमों को प्रत्यक्ष अथवा टी.वी. पर देखने के लिए एकत्रित हो जाते हैं। इस दिन सभी को ये संकल्प करना चाहिए कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे तथा देश की समरसता और शांति को बनाये रखने के अक्षुण प्रयासों के साथ ही देश के अनवरत विकास में सहयोग करेंगे।।
🇮🇳जय हिन्द🇮🇳
साभार: "अमर उजाला"
No comments:
Post a Comment
Thanks for visiting. We are committed to keep you updated with reasonable & authentic facts.