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Tuesday, August 4, 2020

भारत में ऑक्सफोर्ड के कोरोना रोधी टीके का परीक्षण!

ऑक्सफोर्ड की कोरोना रोधी वैक्सीन का भारत में होगा द्वितीय-तृतीय चरण का ट्रायल।

डीसीजीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इण्डिया को दी अनुमति।

Image Credit: Pixabay


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तथा फार्मास्युटिकल कम्पनी एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार कोरोना रोधी वैक्सीन से दुनिया भर के लोगों में आशा की एक नई किरण जगी है। भारत में मनुष्यों पर वैक्सीन के दूसरे व तीसरे चरण के ट्रायल के लिये ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इण्डिया (डीसीजीआई) ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया (एसाईआई) को अनुमति प्रदान कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार डीसीजीआई के डॉक्टर वी जी सोमानी ने विशेषज्ञ समिति के मूल्यांकन के निष्कर्षों के पश्चात रविवार देर रात परीक्षण की स्वीकृति दे दी। सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) के अधिकारी के अनुसार परीक्षण की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद तृतीय चरण के परीक्षण से पूर्व कम्पनी को डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (डीएसएमबी) के सेफ्टी डेटा को सीडीएससीओ को हस्तांतरित करना होगा।

29 दिन में दी जायेंगी वैक्सीन की दो खुराक

व्यक्ति को चार सप्ताह में वैक्सीन की दो डोज देनी है। पहली डोज प्रथम दिन तथा दूसरी डोज 29वें दिन दी जायेगी। इस दौरान दवा के प्रभाव, उसकी सुरक्षा एवम् अन्य कारकों को परखा जायेगा। वैक्सीन के प्रथम चरण के प्रारंभिक परिणाम सकारात्मक आने के बाद द्वितीय व तृतीय ट्रायल का अनुमोदन किया गया है।


17 नगरों में होगा 1600 व्यक्तियों पर ट्रायल

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इण्डिया की ओर से दिये गये प्रस्ताव में 18 वर्ष से अधिक आयु के 1600 लोगों पर ट्रायल की बात सामने आई है। ट्रायल देश के भिन्न-भिन्न सत्रह नगरों में होगा। वहीं ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ब्रिटेन में द्वितीय चरण गतिमान है।

भारत बॉयोटेक तथा कैडिला हेल्थकेयर की सौजन्य से पहले से ही देश में जारी प्रथम एवम् द्वितीय चरण के मानवीय परीक्षणों के चलते भारत भी कोरोना रोधी वैक्सीन के सम्भावित निर्माताओं की होड़ में सम्मिलित हो गया है।

दोनों स्थानीय फार्मा कम्पनियों द्वारा मानवीय परीक्षणों हेतु क्रमशः आठ विविध स्थानों पर 1150 प्रतिभागियों तथा पाँच विविध स्थानों पर 1000 प्रतिभागियों का चयन किया गया है।
वैश्विक स्तर पर लगभग 24 प्रायोगिक टीके मानवीय परीक्षण के विविध चरणों में हैं जबकि 141 अन्य पूर्व परीक्षण स्तर पर हैं।। 
💉💉💉💉💉💉💉जय धन्वंतरि💉💉💉💉💉💉

ENGLISH VERSION:-)

💉Serum Institute gets nod for final phase Covid vaccine trial

💉Two other potential candidates- each from Bharat Biotech and Cadila Healthcare are already conducting phase 1 and phase 2 of human trials

India's apex drug regulator has allowed Pune based Serum Institute of India (SII) to conduct late stage- Phase 2 and 3 human trials in India for the Oxford Covid-19 vaccine candidate.
With this, Serum Institute also joins the race for Covid-19 vaccine in India where two other potential candidates- each from Bharat Biotech and Cadila Healthcare are already conducting phase 1 and phase 2 of human trials.
The human trials by Serum Institute will involve around 1600 people aged above 18 years across 17 selected sites including AIIMS Delhi and Jodhpur, BJ Medical College in Pune, RMRIMS in Patna and PGIMER Chandigarh, as per media reports.
This would mean this is so far the largest trial for Covid-19 vaccine in the country as the other two candidates in human trials involve a relatively smaller participant base and trial size. For one of the other two locally developed vaccine candidates, there are 1150 participants in eight sites, whereas the other is in five sites with 1000 participants.
The approval to Serum Institute is backed with recommendations from a subject expert committee on vaccines which had earlier raised queries on the initial proposal from Serum Institute seeking permission to start clinical trials in India. While Serum Institute addressed the concerns within hours, the committee gave its final approval following a meeting on Friday.
Serum Institute has partnered with AstraZeneca for the Oxford University's Covid-19 vaccine candidate.

💉SII to conduct largest vaccine trial in India

It has shown promising results in early human trials (Phase 1 and 2) in the UK. The results published in The Lancet last month showed the vaccine to be safe and capable of inducing an immune response.
Once the trials are over successfully and the vaccine is approved, SII plans to make one billion doses of the jab over the next one year for India and other low and middle income countries. It will start producing a few millions of doses at personal risk. Based on the success of trials it is expected to be available by the end of this year. It is believed to reach the masses by the first quarter of the next year, as per media reports.
It is also said that the concerned company will try to price the vaccine below ₹1000/- (Rs. One thousand only). 

Globally, around 24 vaccine candidates are in various stages of human trials while 141 others are in the pre-clinical stages.

#Silverlining



निजी स्कूलों में भी 5वीं तक अंग्रेजी माध्यम व्यवस्था होगी समाप्त

नई शिक्षा नीति

निजी स्कूलों में भी 5वीं तक अंग्रेजी माध्यम व्यवस्था होगी समाप्त


नई दिल्ली- केंद्रीय मानव संसाधन सचिव अमित खरे ने स्पष्ट किया कि नई शिक्षा नीति में पांचवीं तक अंग्रेजी मीडियम बंद करने का फैसला प्राइवेट स्कूलों पर भी लागू होगा। पत्रकार के साथ विशेष बातचीत में खरे ने इस नीति से संबंधित उलझनों को दूर किया।

नई शिक्षा नीति का आम छात्रों और अभिभावक पर क्या प्रभाव होगा?

जवाब : पहली क्लास से पहले स्कूल-पूर्व शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा। अभी जो व्यवस्था है वह साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स व्यवस्था है, जो खत्म हो जाएगी। अभी अगर 3 साल की डिग्री है और किसी कारणवश पौने तीन साल में पढ़ाई छोड़नी पड़ी तो कुछ नहीं मिलता। लेकिन अब मल्टीपल एंट्री-एक्जिट की व्यवस्था होगी। 


क्या अब स्कूल की पढ़ाई पूरी करने में 15 साल लगेंगे?


जवाब : नई नीति के निर्धारण के लिए बनाई गई समिति की अध्यक्षता केे. कस्तूरीरंगन कर रहे थे। देश और विदेश के कई विशेषज्ञों को शामिल किया गया था। सभी का कहना है कि बच्चों की सीखने की शक्ति का विकास शुरुआती 5 से 8 साल में सर्वाधिक होता है, इसलिए अब पहली क्लास से भी पहले तीन वर्ष की प्री स्कूल की पढ़ाई शामिल की गई है। इस दौरान और पहली व दूसरी क्लास में बच्चों को खेल-खेल में ही सब कुछ सिखाया जाएगा।
Image Credit: Pinterest

NEP 2020: अब कैसे बनेंगे शिक्षक?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : अब कैसे बनेंगे टीचर? TET पर क्या होगा पॉलिसी का असर?  जानें


नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। नई स्कूली शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। अभी तक टीईटी परीक्षा दो हिस्सों में बंटी हुई थी- पार्ट 1 और पार्ट 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बंटा होगा - फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। इसी के मुताबिक टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जा सकता है। सभी विषयों की परीक्षाएं और एक कॉमन एप्टीट्यूड टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगी। 

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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, जो उम्मीदवार टीईटी पास करेंगे, उन्हें एक डेमोस्ट्रेशन या इंटरव्यू देकर स्थानीय भाषा में अपना ज्ञान दिखाना होगा।  नई शिक्षा नीति के मुताबिक अब इंटरव्यू शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा होगा। इंटरव्यू में देखा जाएगा कि शिक्षक क्षेत्रीय भाषा में बच्चों को आसानी और सहजता के साथ पढ़ाने के काबिल है या नहीं। टीईटी पास करने के साथ प्राइवेट स्कूलों में भी यह शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य होगा।  स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती और वैकेंसी का ब्योरा डिजिटली मैनेज होगा। शिक्षकों की भर्ती को लेकर एक विस्तृत योजना बनेगी। 


बीएड में बदलाव
नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि शिक्षक बनने के लिए चार वर्षीय बीएड डिग्री साल 2030 से  न्यूनतम क्वालिफिकेशन होगी। निम्न स्तर के शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  नई शिक्षा नीति के दस्तावेज के अनुसार साल 2022 तक राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) शिक्षकों के लिए एक साझा राष्ट्रीय पेशेवर मानक तैयार करेगी। इसके लिए एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञ संगठनों के साथ परामर्श किया जाएगा।


शिक्षकों का प्रमोशन
पेशेवर मानकों की समीक्षा एवं संशोधन 2030 में होगा और इसके बाद प्रत्येक 10 वर्ष में होगा। दस्तावेज में कहा गया है कि शिक्षकों को पारदर्शी प्रक्रिया के जरिये भर्ती किया जाएगा। पदोन्नति योग्यता आधारित होगी। समय-समय पर कार्य-प्रदर्शन के आकलन के आधार पर शैक्षणिक प्रशासक बनने की व्यवस्था होगी।

Saturday, August 1, 2020

मानव सम्पदा पोर्टल पर डाक्यूमेंट्स अपलोड कैसे करें?

मानव सम्पदा पोर्टल पर सर्टिफिकेट/मार्कशीट डाक्यूमेंट कैसे करे अपलोड, देखें पूरा प्रोसेस:
http://ehrms.upsdc.gov.in/
सबसे पहले लिंक पर जाकर साइट ओपन करें।

इंटरफेस  ओपन होने पर Directorate/Headquarter सेलेक्ट करें, तत्पश्चात User ID व Password एंटर करने के बाद ही प्रदर्शित Captcha दर्ज कर LOGIN बटन पर क्लिक करें।

नया पेज ओपन होने पर विभिन्न टैब्स प्रदर्शित होंगे जिनमें से General Tab का चुनाव करना है।




A- General 
के ऑप्शन पे OK करें,
B- Upload Document 
पर OK करें,

०१--Document Category-- यहाँ दो ऑप्शन है:
a--Educational Document 
b--- Other Document

इसमें आपको एजुकेशन डिटेल्स भरनी है तो ऑप्शन (a) पर क्लिक करें
फिर,

०२--Document type-- यहां दो प्वाइंट है- 
a---मार्कशीट 
b---सर्टिफिकेट 

जिस डाक्यूमेंट को अपलोड करना हो उसे सेलेक्ट करें, 
ध्यान रहे--- अगर सर्टिफिकेट सेलेक्ट कर रहे है तो सर्टिफीकेट की ही डिटेल्स सभी कॉलम में भेरेंगे, 
और अगर मार्कशीट सेलेक्ट कर रहे है तो मार्कशीट की ही डिटेल्स सभी कॉलम में भेरेंगे।

०३--Qualification Name-- 
इस कॉलम में जिस क्वालिफिकेशन को अपलोड करना चाहते हो उसे सेलेक्ट करें जैसे-10th, 12th, BA, B.com,etc.

०४--Stream/speciality --
Art, Science, Commerce, जो आपका हो उसे सेलेक्ट करें,

०५-- Issue Date-
 इसमें अभिलेख जारी होने की तारीख़/माह/वर्ष सेलेक्ट करें,

०६--Roll no/Enrollment no--
अनुक्रमांक अथवा नामांकन संख्या दर्ज करें,

०७--Issuing Authority/ Description -- 
जिस बोर्ड, विश्वविद्यालय से आपके सर्टिफिकेट/मार्कशीट जारी हुये हों उसे दर्ज करें,

०८--Document file -- 
जो भी डाक्यूमेंट्स अपलोड करना चाहते हैं उसको PDF/JPG फॉर्मेट में100 KB से कम साइज में पहले से ही बना सेव करके रखें।
 
        Submit
         पर क्लिक करते ही,
Are you sure, you want to save this data लिखकर आएगा जिसे OK करें, 

फिर Data has been Successfully saved, लिखकर आ जायेगा।

 मानव सम्पदा पोर्टल पर डाक्यूमेंट अपलोड करते समय किसी फोटो-सर्टिफिकेट/मार्कशीट को 100 KB या कम साइज में ही सहेजें अन्यथा फाइल अपलोड नहीं होगी।

Q reduce lite
☝ इस एप के माध्यम से आप बहुत आसानी से कोई फ़ोटो 100 KB या कम साइज में बदल सकते हैं।
      जैसे:👇

प्ले स्टोर से-Q reduce lite एप डाउनलोड करें

👉Choose Photo
पर क्लिक करें,
👉गैलरी से फोटो सेलेक्ट करें,

👉80 .........KB
    विवेकानुसार  KB सेलेक्ट करें  जितना करना हो, वैसे अच्छे रेजोल्यूशन के लिए 98 KB चुन सकते हैं।
👉फिर START पर OK करें, 
👉फाइल रेडी हो जाएगी और 
👉यह फ़ाइल 
Q reduce lite नाम के फोल्डर में सेव हो जाएगी।

पैन नम्बर
मानव सम्पदा पोर्टल/साइट पर कैसे अपलोड करें,
http://ehrms.upsdc.gov.in/
सबसे पहले लिंक पर जाकर मानव सम्पदा साइट ओपन करें,
A- फिर General के ऑप्शन पर OK करें,
B- फिर view Upload Document पर OK करें,

०१--Document category
इसके सामने दो ऑप्शन होंगे: 
a---Educational Document 
b---Others Document

चूँकि आपको पैन कार्ड अपलोड करना है तो (b) पर क्लिक करें,
फिर पैन नम्बर की डिटेल्स भरे👇

०२--Document Type-- पैन नम्बर सेलेक्ट करें,
०३--Issue Date-- जिस डेट में जारी हुआ उस डेट को दर्ज करें,
०४-Certificate no.-- पैन नम्बर  सबमिट करें,
०५--Issuing Authority-- इस कॉलम में  "इनकम टैक्स डिपार्टमेंट" सबमिट करें,
०६-Document File--
 पैन कार्ड इमेज JPG/ PDF फॉर्मेट में 100 KB से अधिक साइज की न हो।
अब SUBMIT पर क्लिक करें।
 
फिर
Data has been Successfully saved लिखकर आ जायेगा।


Pan Card Update

Issue Date/इश्यू डेट-- पैन कार्ड जारी करने की तिथि कैसे पता करें?
कुछ शिक्षक साथियों के पैन कार्ड नम्बर पर उनका इश्यू डेट दी गयी है और बहुत से शिक्षक साथियों के पैन कार्ड पर इश्यू डेट नहीं दी गई है। जिनके पैन कार्ड पर इश्यू डेट नहीं दी गई है वो लोग दिए गए नम्बर पर कॉल करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

      
1961
       

उपर्युक्त  नम्बर आयकर संपर्क केंद्र का नम्बर है। 
कॉल करने पर, आपसे जुड़ी हुई कुछ जानकारी माँगी जाएगी जिसे बताने पर आप अपने पैन नम्बर की Issue Date/इश्यू डेट जारी करने की तारीख की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

मानव संपदा पोर्टल पर लॉगिन करते समय ध्यान रहे
सिर्फ ehrms login को ही टच करें। 
Demo login टच होने पर आपका पासवर्ड एवं आईडी सही होने पर भी बार-बार गलत बताएगा और please try after  some time लिखकर आएगा।

ध्यान दें👉
मानव संपदा पोर्टल पर डॉक्यूमेंट अपलोड करते समय Chrome में जाकर डेस्कटॉप साइट को ओपन करके डाक्यूमेंट अपलोड करें, तो फुल स्क्रीन पर कार्य सुलभ-सहज होगा।

डेस्कटॉप साइट का ऑप्शन 
CHROME पर जायें फिर दाहिनी ओर मोबाइल में सबसे ऊपर कॉर्नर पर तीन बिंदु या रेड कलर का एरो बना होगा उसे OK करें,
फिर सबसे नीचे की तरफ डेस्कटॉप साइट लिखा होगा, इसके सामने चौकोर खाना बना होगा इस पर OK करे और राइट✅ का निशान लग जायेगा 
फिर लिंक पर जाकर साइट ओपन करें तो फ़ास्ट काम होगा।

      
 मानव सम्पदा पोर्टल पर डाक्यूमेंट अपलोड:

 
👉डाक्यूमेंट्स सबमिट करते समय कई बार CSRF  मतलब - क्रॉस साइट रिक्वेस्ट फ़ारगेसी 
                                  'या'
 Some error has occurred! Please try again
लिख कर आ रहा है। इसका फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है।
 बार- बार रिफ्रेश/General के ऑप्शन पर जाकर फिर से प्रोसेस को फॉलो करें और डाक्यूमेंट अपलोड करें।

      वैसे सुबह के समय वेबसाइट बहुत अच्छे से काम करती है अगर इस समय डाक्यूमेंट अपलोड किये जायें तो आसानी से हो सकते हैं।

०१-- दिए गए लिंक👇पर जाकर puffin web Browser को भी डाउनलोड करके डाक्यूमेंट अपलोड किया जा सकता है👇 काफी हद तक आसान रहेगा प्रॉसेस:
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cloudmosa.puffinFree
इस एप से भी काफी राहत मिल सकती है डाक्यूमेंट अपलोडिंग में।।


    
 मानव सम्पदा पर कुछ प्रश्नों का समाधान:

  ०१-- 10th के लिए Stream/speciality कॉलम में NA सेलेक्ट करना पड़ेगा।

   ०२--BTC के लिए Document type इस कॉलम में सर्टिफिकेट/मार्कशीट जिसे पहले अपलोड करना चाहते हैं उसे सेलेक्ट करें,
Qualification Name में Certificate courses सेलेक्ट करें
Stream/speciality कॉलम में BTC का ऑप्शन आ जायेगा।।
      
०३-- CTET, TET, ETT, JBT, NTT, के लिए
Document type-- सर्टिफिकेट/मार्कशीट में से जिसे पहले अपलोड करना चाहते हों उसे सेलेक्ट करें।

Qualification Name में Teacher Training Course सेलेक्ट करना होगा,

Stream/speciality-- कॉलम में- CTET, TET ये सब मिल जाएगा।
          
०४--स्नातक स्तर के डाक्यूमेंट अपलोड करते समय 
Stream/Speciality कॉलम में क्या दर्ज किया जाय? इसे लेकर कन्फ्यूजन है लोगो में,
इसी निराकरण के सम्यक विचार-विमर्श उपरान्त अधोवर्णित निष्कर्ष प्रस्तुत हैं👇

०१- Document type- Marksheet/Certificate
०२-Qualification name- BA, B.Sc, या जो भी हो,
०३-Stream speciality--- इस कॉलम में लास्ट ईयर के दो विषय में से कोई एक (और उन्हीं दो में से जिस विषय से आगे डिग्री ली गई हो उसे सेलेक्ट करें)।  

 Stream/Speciality में क्या दर्ज किया जाय इसे लेकर काफी भ्रम बना हुआ है। इस सन्दर्भ में मेरे मतानुसार तथा विविध स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार-
Stream /Speciality कॉलम में ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में दो विषय होते है, इन दो विषयों मे से आप वही विषय सेलेक्ट करें जिस विषय से आपने ग्रेजुएशन के आगे की पढ़ाई की है या डिग्री(MA, M.Sc. etc.) ली है.

👉Issue Date की बाध्यता नहीं है।

Sunday, May 31, 2020

सर्वाधिक कमाई वाले टॉप 10 खिलाड़ी

मेसी को हटा फेडरर बने बादशाह, शीर्ष पर पहुँचने वाले पहले टेनिस खिलाड़ी-

बीस बार के रिकॉर्ड ग्रैंड स्लैम चैंपियन रोजर फेडरर विगत तीस वर्षों में फोर्ब्स की सूची में सर्वाधिक कमाई करने वाले पहले टेनिस खिलाड़ी बन गये। गत वर्ष पाँचवे स्थान पर रहने वाले 38 वर्षीय फेडरर करीब 804 करोड़ रुपये (106.3 मिलियन डॉलर) के साथ सर्वाधिक कमाई करने वाले खिलाड़ी बने। उनकी कमाई में 98 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले वर्ष शीर्ष पर रहने वाले बार्सिलोना के स्टार मेसी लगभग 786 करोड़ रुपये (104 मिलियन डॉलर) के साथ तृतीय स्थान पर खिसक गये। पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो करीब 794 करोड़ रुपये (105 मिलियन डॉलर) के साथ द्वितीय स्थान पर कायम हैं। ब्राजील के नेमार करीब 722 करोड़ रुपये (95.5 मिलियन डॉलर)  की कमाई के साथ चतुर्थ स्थान पर हैं। कमाई के मामले में गोल्फर टाइगर वुड्स भी शीर्ष दस में शुमार हो गये हैं।

Image Credit: Pinterest

197 करोड़ की कमाई के साथ कोहली 66वें स्थान पर-

भारतीय कप्तान विराट कोहली लगातार चौथे वर्ष फोर्ब्स की सर्वाधिक कमाई करने वाले शीर्ष सौ खिलाड़ियों की सूची में शामिल एकमात्र क्रिकेटर व भारतीय हैं। पिछले वर्ष 189 करोड़ रुपये की कमाई के साथ 100वें स्थान पर रहे कोहली इस बार 34 पायदान की छलांग के साथ 66वें स्थान पर पहुँच गये हैं। उनकी कुल वार्षिक आय में आठ करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। उन्होंने गत 12 माह में करीब 197 करोड़ रुपये (26 मिलियन डॉलर) कमाये जिसमें से 182 करोड़ रुपये (24 मिलियन डॉलर) विज्ञापनों से तथा 15 करोड़ रुपये (2 मिलियन डॉलर) वेतन एवम् विजयी मैचों की राशि से आये। कोहली 2018 में 83वें तथा 2017 में 89वें स्थान पर रहे थे।

शीर्ष सौ में मात्र दो महिलायें-

सूची में सिर्फ दो महिलायें हैं और दोनों ही टेनिस की दुनिया की दिग्गज हैं। नाओमी ओसाका 284 करोड़ रुपये (37.4 मिलियन डॉलर) की कमाई के साथ 29वें स्थान पर तो वहीं सेरेना 272 करोड़ रुपये (36 मिलियन डॉलर) के साथ 33वें स्थान पर हैं।

सर्वाधिक कमाई वाले शीर्ष 10 खिलाड़ी-


 रैंक

 खिलाड़ी

 कमाई

 खेल

 1 रोजर फेडरर 804 करोड़टेनिस
 2 के. रोनाल्डो 794 करोड़ फुटबॉल
 3 लियोनेल मेसी 786 करोड़ फुटबॉल
 4 नेमार 722 करोड़ फुटबॉल
 5 लेब्रोन जेम्स 667 करोड़ बास्केटबॉल
 6 स्टीफन करी 563 करोड़ बास्केटबॉल
 7 केविन ड्यूरेन्ट 483 करोड़ बास्केटबॉल
 8 टाइगर वुड्स 471 करोड़ गोल्फ
 9 किर्क कजन्स 457 करोड़ एनएफएल
 10 कार्सन वेंटज 447 करोड़ फुटबॉल

◆ 431 करोड़ के साथ मुक्केबाज टायसन फ्यूरी 11वें और जोशुआ 355 करोड़ रुपये अर्जित कर 19वें स्थान पर रहे।

◆ 408 करोड़ की कमाई से फॉर्मूला वन चैंपियन लुईस हैमिल्टन 13 क्रम पर रहे।

◆ जोकोविच 337 करोड़ कमाकर 23वें तथा राफेल नडाल 302 करोड़ रुपये की आय के साथ 27वें पायदान पर रहे।।











Thursday, May 28, 2020

Let success make the noise

 “None can destroy iron, but its own rust can! Likewise, none can destroy a person but his own mindset can”.                    -Ratna Tata                         

                            
Image Credit: Pixabay

We are all familiar with the fact that how wide the scope of success is.  In today's technological age, it is just a matter of few minutes. That is why a wise man has said that you should work so secretly that success should make a noise.

  Just as to succeed in life is every person's birth  proven right, similarly it is the responsibility of the person to work hard to succeed. The question is how to work hard?  The craving for fame is so intense among many people that they cannot live without flaunting their every small and big effort. These types of people are found in every sphere of life.  Be it student life or professional life, there is no shortage of such people here too.

 Those who tell the secret of success believe that hard work should be done with sincerity, so that success is in your wallet in the shortest time without any hindrance.  If we look at the lives of successful people, this seems to be completely accurate.
 During school / college studies, it is often seen that there are many students in the class who do not seem to be keen on studies, but their marks are shocking when the exam results are declared.

 In the same manner if we look in the business world, we will find that no industrialist is seen boasting off while working hard or making strategy, but the dividend recorded in the balance sheet at the end of the year reveals the secret of their hard work. On the other hand, there is a fear of arrogance among the people who talk about themselves.

 Also, a valuable part of the time spent on success would have been lost, due to which either such people are left far behind from success or they are forced to live frustrated due to lack of desired success. Who would not agree that career foetus is killed as soon as it sinks in arrogance syrup.

कल्प वृक्ष (वट वृक्ष) से जुड़े रोचक तथ्य

🌳सकारात्मक ऊर्जा कि जड़ें🌳
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

हमारे प्राचीन वेद, पुराण आदि ग्रन्थों में कल्प वृक्ष नामक एक ऐसे महाकाय वट का उल्लेख मिलता है, जिसकी प्राप्ति सागर मंथन के समय चौदह रत्नों सहित हुई थी। इन रत्नों में से कल्प वृक्ष को देवेन्द्र को प्रदान किया गया था, जिन्होंने इस वृक्ष की स्थापना हिमालय की उत्तर दिशा में स्थित सुरकानन में की। कल्प वृक्ष को देवताओं के अद्भुत वृक्ष के रूप में मान्यता प्राप्त है। नारद पुराण में वर्णित है कि कल्प वृक्ष पर साक्षात भगवान बालमुकुंद विराजते हैं। मान्यता है कि कल्प वृक्ष की छत्रछाया में बैठकर पूर्ण श्रद्धाभाव से भगवान की पूजा-अर्चना करने और वृक्ष के तने पर मौली बाँधकर तीन या सात बार प्रदक्षिणा करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनायें तो पूर्ण होती ही हैं, बार-बार जन्म एवम् मरण के बंधन से भी मुक्ति मिल जाती है।

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देवताओं के अतिप्रिय कल्प वृक्ष को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, यथा-कल्प द्रुप, कल्प तरु, सुर तरु, देव तरु, कल्प लता आदि। पदम् पुराण के अनुसार, पारिजात वृक्ष ही कल्प वृक्ष है। वहीं नारद पुराण के अनुसार, कल्प वृक्ष को सतयुग में वट, त्रेता में वटेश्वर, द्वापर में कृष्ण तथा कलियुग में पुराण पुरुष के नाम से भी जाना गया।

इस्लामिक धार्मिक साहित्य में भी तूबा नामक ऐसे ही वृक्ष का वर्णन किया गया है, जो स्वर्ग का उपवन कहलाता है। नारद पुराण में कहा गया है कि इस वृक्ष को कल्प वृक्ष इसलिये कहा गया है, क्योंकि इसकी आयु एक कल्प है।

एक कल्प चौदह मनवन्तर का होता है और एक मनवन्तर तीस करोड़ चौरासी लाख अड़तालीस हजार वर्षों का होता है। यही कारण है कि कल्प वृक्ष कल्पांत तक भी नष्ट नहीं होता। आज भी भारत के राँची, अल्मोड़ा, काशी, बाराबंकी, बस्ती आदि स्थानों और दक्षिण अफ्रीका व ऑस्ट्रेलिया में हजारों वर्ष प्राचीन कल्प वृक्ष मौजूद हैं। अपने भीतर अपार सकारात्मक ऊर्जा का भण्डार संजोये और अनेक औषधीय गुणों से प्रचुर कल्प वृक्ष को एक परमार्थी वृक्ष कहा जाये तो अतिशयोक्ति न होगी॥

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