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Sunday, October 25, 2020

हिन्दू धर्म में गोत्र प्रणाली से तात्पर्य

🕉️हिन्दू धर्म में गोत्र प्रणाली से आशय🕉️


 हिंदू धर्म में व्यक्ति की प्राचीन पहचान को स्पष्ट करने के लिए ऋषियों के नाम पर गोत्र बनाये गए...


विवाह में गोत्र प्रणाली का है विशेष अर्थ-

लड़का और लड़की के लिए जब विवाह की चर्चा आरंभ होती है, तो हिंदू परिवारों में सबसे पहले गोत्र के बारे में पता किया जाता है। गोत्र के जरिये प्राचीन वंश या कुल से व्यक्ति का नाता और मूल पहचान की जानकारी की जाती है। हिंदू समाज में यह परंपरा है कि शादी के वक्त लड़का और लड़की का गोत्र एक-दूसरे के साथ और मां के गोत्र के साथ नहीं मिलने चाहिए। साथ ही लड़के-लड़की का गोत्र नानी और दादी के गोत्र से भी नहीं मिलाया जाता है। क्योंकि शादी हेतु तीन पीढ़ियों का गोत्र अलग होना आवश्यक है।


ऋषियों के नाम पर बने हैं गोत्र-


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हिंदू धर्म में ऋषियों के नाम पर गोत्र बनाए गए हैं। वैसे तो ऋषियों की संख्या लाखों-करोड़ो होने के कारण गोत्र की संख्या भी लाखों-करोड़ो मानी जाती है, परंतु सामान्यतः आठ ऋषियों के नाम पर मूल आठ गोत्र माने जाते हैं, जिनके वंश के पुरुषों के नाम पर अन्य गोत्र बनाए गए। 'महाभारत' के शांतिपर्व (297/17-18) में मूल चार गोत्र बताए गए हैं।


संगोत्र में विवाह की अनुमति नहीं-


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पुराणों व स्मृति ग्रंथों में बताया गया है कि यदि कोई कन्या संगोत्र हो, किंतु सप्रवर न हो अथवा सप्रवर हो किंतु संगोत्र न हो, तो ऐसी कन्या के विवाह को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। माना जाता है कि एक ही गोत्र का होने के कारण लड़का-लड़की भाई बहन हो जाते हैं।

👨🏻‍💻सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी: भाग-1👨🏻‍💻

👨🏻‍💻विविध प्रतियोगी सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी (हल एवम् व्याख्या सहित): भाग-1👨🏻‍💻





1. प्रकाश के निम्नलिखित में से किस गुण के  कारण, टिंडल प्रभाव दिखाई पड़ता है? (CISF Exam -2020)


(a) प्रकाश का परावर्तन

(b) प्रकाश का विवर्तन

(c) प्रकाश का ध्रुवण 

(d) प्रकाश का प्रकीर्णन

जवाबः (d) प्रकाश का प्रकीर्णन


 व्याख्याः किसी कोलायडी विलयन में उपस्थित कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन होने की परिघटना टिंडल प्रभाव (Tyndall effect) कहलाती है। यह प्रभाव छोटे-छोटे निलम्बित कणों वाले विलियन द्वारा भी देखा जा सकता है। टिंडल प्रभाव को 'टिंडल प्रकीर्णन (Tyndall scattering) भी कहा जाता है। इस प्रभाव का नाम 19वीं शताब्दी के भौतिकशास्त्री जॉन टिण्डल के नाम पर पड़ा है।

2. निम्नलिखित में से कौन-सा पोषक तत्व, उर्वरकों में उपलब्ध नहीं होता? (CISF Exam -2020)

 (a) लौह

(b) नाइट्रोजन

(c) फॉस्फोरस 

(d) पोटेशियम

जवाब: (a) लौह

व्याख्याः उर्वरक, पौधों के लिये आवश्यक तत्वों को तत्काल पूर्ति के साधन हैं। उर्वरकों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम तत्व पाए जाते हैं। नाइट्रोजन पौधों की वृद्धि में सहायक है। पौधों की जड़ों को मजबूती प्रदान करने एवं विकसित करने के लिए फॉस्फोरस का प्रयोग किया जाता है। पोटाश से पौधों के तनों का विकास करने में मदद मिलती है। पौधों के लिए आवश्यक मुख्य तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, गंधक आदि की मृदा में कमी होने पर बुआई के समय ही खेत में डालना चाहिए।

3. नवंबर, 2019 में इसरो द्वारा कार्टोसैट-3 के साथ 13 व्यावसायिक नैनोसैटेलाइट को भी छोड़ा गया था। ये 13 व्यावसायिक नैनोसैटेलाइट, निम्नलिखित में से किस देश के थे? (CISF Exam -2020)

(a) रूस

(b) कनाडा

(c) यूएसए 

(d) जापान

जवाब: (c) यूएसए 

व्याख्याः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने नवंबर 2019 में कार्टोसेट श्रृंखला के तीसरे उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। इसे अंतरिक्ष में भारत की आँख के नाम से भी जाना जाता है। इस उपग्रह के साथ इसरो ने अमेरिका के 13 छोटे (नैनोसैटेलाइट) उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में उनकी कक्षा में सफलतापूर्वक भेजा। कार्टोसैट-3 से मैप मेकिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग, तटीय लैंड यूज एवं नियमन, रोड नेटवर्क पर नजर रखने जैसे काम किये जा सकेंगे। इसके साथ ही कार्टोसैट-3 के उपयोग से किसी भौगोलिक या मानव निर्मित फीचर के बारे में समझने में भी मदद मिलेगी।

4. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कहां स्थित है? (CISF Exam -2020)

(a) उत्तर प्रदेश 

(b) मध्य प्रदेश

(c) छत्तीसगढ़

(d) झारखंड 

जवाब: (C) उत्तीसगढ़

व्याख्या: छत्तीसगढ़ के कोरिया एवं सूरजपुर जिले में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान वास्तव में पहले संजय नेशनल पार्क का एक हिस्सा था। जब मध्य प्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य बनाया गया तो यह पार्क गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के रूप में नवगठित किया गया। पार्क का 60% भाग कोरिया जिले में स्थित है। यह जगह सुधारवादी नायक गुरु घासीदास के लिए मशहूर है। इस उद्यान के तहत मिश्रित पर्णपाती वन की वनस्पति में मुख्य रूप से सागौन, साल और बाँस के पेड़ आते हैं।

5. निम्नलिखित में से कौन-सी मुख्य (दीर्घ) पट्टिका है? (NDA Exam II-2019) 

(a) पैसिफिक प्लेट

(b) कोकोस प्लेट 

(c) अरेबियन प्लेट 

(d) फिलीपीन प्लेट 

जवाब: (a) पैसिफिक प्लेट

व्याख्याः धरती में कुल सात प्रमुख टैकटोनिक प्लेटे हैं। इन सात प्लेटों में सबसे बड़ी पैसिफिक प्लेट (102,900,000 वर्ग किलोमीटर) है, इसके बाद नार्थ अमेरिकी प्लेट (75,900,000 वर्ग किलोमीटर), यूरेशियन प्लेट (67,800,000 वर्ग किलोमीटर), अफ्रीकन प्लेट (61,300,000 वर्ग किलोमीटर), अंटार्कटिक प्लेट (60,900,000 वर्ग किलोमीटर), इंडो-ऑस्ट्रेलिया प्लेट (58,900,000वर्ग किलोमीटर) और दक्षिण अमेरिकी प्लेट (43,600,000 वर्ग किलोमीटर) है।

6. वर्ष 1931 में बॉम्बे में हुए अखिल भारतीय दलित वर्ग नेतृत्व सम्मेलन (ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लासेस लीडर्स कॉन्फेंस) द्वारा निम्नलिखित में से कौन-सी माँग रखी थी? (CDS Exam II-2020) 

(a) सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार 

(b) अछूतों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र

(c) अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट 

(d) भारत में एक एकात्मक राज्य

 जवाबः (b) अछूतों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र 

व्याख्याः बॉम्बे (मुंबई) में आयोजित अखिल भारतीय दलित वर्ग सम्मेलन में पहली बार अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी घोषणा पत्र जारी हुआ। इसके अलावा अछूतों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र की माँग की गई थी।

7. सुरक्षा फ्यूज की कार्यप्रणाली निम्नलिखित में से किस/किन पर निर्भर करती है? ( CDS Exam -2018) 

(i) धारा का चुंबकीय प्रभाव

 (ii)  धारा का रासायनिक प्रभाव

(iii) धारा का परिमाण

 (iv) धारा का ऊष्मीय प्रभाव

 कूटः

(a)i, ii, iii और iv

 (b) केवल i, ii और iii

 (c) केवल iii और iv

 (d) केवल iv

 जवाबः (d) केवल iv

व्याख्याः विद्युत परिपथों में लगे उपकरणों, मापक यंत्रों, संयोजक तारों आदि की सुरक्षा के लिए विद्युत फ्यूज का उपयोग किया जाता है। विद्युत फ्यूज सामान्यतः ताँबा, टिन और सीसा का मिश्र धातु होता है, जिसका गलनांग कम होता है। विद्युत परिपथ में यह श्रेणी क्रम में संयोजित होता है। किन्हीं कारणों से परिपथ में अधिक धारा प्रवाहित होने पर फ्यूज तार गरम होकर पिघल जाता है, जिससे परिपथ की निरंतरता टूट जाती है और धारा बंद हो जाती है।

8. हरे पौधों में क्लोरोफिल के बनने के लिए, निम्नलिखित में से कौन तत्व अनिवार्य है ? (CDS Exam -2018) 

(a) कैल्सियम

 (b) लौह

(c) मैग्नीशियम

(d) पोटेशियम

जवाब: (c) मैग्नीशियम 

व्याख्याः मैग्नीशियम पौधे के लिए द्वितीयक आवश्यक पदार्थ की श्रेणी में आता है, जो पौधों के हरित पदार्थ क्लोरोफिल योगिक का केंद्रीय बिंदु है। अतः प्रकाश संश्लेषण के लिए इसका बहुत महत्व है, तो एन्जाइम की क्रियाशीलता बढ़ाने में मैग्नीशियम का सर्वाधिक महत्व है,  साथ ही प्रोटीन उत्पादन और कार्बोहाइड्रेट निर्माण में भी इसकी भूमिका अहम् होती है।

 9. निम्नलिखित में से कौन-सा एक संघनन बहुलक नहीं है? (Assistant commandant Exam-2018) 

(a) नायलोन

(b) डीएनए 

(c) पॉलीथीन

(d) बैकेलाइट

जवाबः (d) बैकेलाइट

व्याख्या: बैकेलाइट एक संघनन बहुलक नहीं है। बल्कि यह एक प्रकार का संश्लिष्ट रेजिन है, जिसमें अम्ल का लवण प्राप्त होता है।

10. निम्नलिखित में से कौन-सा एक युग्म सही सुमेलित नहीं है?  (Assistant commandant Exam-2018) 

(a) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी- फुर्सतगंज

(b) राष्ट्रीय उड़ान प्रशिक्षण संस्थान- बेलगाम 

(c) राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान- रूड़की

 (d) राष्ट्रीय जल अकादमी (मुख्यालय)- खडकवासला

जवाब: (b) राष्ट्रीय उड़ान प्रशिक्षण संस्थान- बेलगाम

व्याख्याः राष्ट्रीय उड़ान प्रशिक्षण संस्थान परसवाडिया - गोडिया महाराष्ट्र में है, न कि बेलगाम में।

11. वर्ष 2017-18 में कॉफी उत्पादन में भारत--------- स्थान पर रहा। (UPSSSC Junior Assistant Exam - 2020)

(a) दूसरे 

(b) पांचवें

(c) सातवें

 (d) नौंवे

जवाबः (c) सातवें 

व्याख्याः अंतर्राष्ट्रीय  कॉफी संगठन (आईसीओ) के अनुसार, वर्ष 2017-18 में कॉफी उत्पादन में भारत सातवें स्थान पर रहा। इस दौरान ब्राजील पहले स्थान पर, उसके बाद वियतनाम, कोलंबिया, इंडोनेशिया, होंडुरास और इथियोपिया का स्थान था। अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन (आईसीओ) संयुक्त राष्ट्र के तहत कार्य करता है। भारत कुल विश्व कॉफी उत्पादन का लगभग 5% उत्पादन करता है। भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया, नेपाल जैसे देश एशिया में दुनिया के कॉफी उत्पादन का लगभग 33% हिस्सा हैं। अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया जैसे लगभग 70 देशों में कॉफी उत्पादन किया जाता है। भारत में कर्नाटक में सबसे ज्यादा कॉफी का उत्पादन होता है।

Disclaimer: All the Images belong to their respective owners which are used here to just illustrate the core concept in a better & informative way.

#Misc_Comptetitive_GK_Solved_Questionnaire_with_Explanation@9ledgeQuest_Part_1





Saturday, October 24, 2020

🚩नवरात्र की नवमी माँ सिद्धिदात्री को समर्पित🚩

 🚩माँ भवानी का नवम स्वरूप- देवी सिद्धिदात्री🚩


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नवम सिद्धिदात्री


देवी भगवती का नौवां स्वरूप सिद्धिदात्री का है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रराकाम्य, ईशित्व और वशित्व ये आठ सिद्धियाँ हैं, जिन्हें पाकर साध सुख-समृद्धि का प्रतीक बन जाता है। ये महालक्ष्मीजी की ही स्वरूप हैं। इनकी आराधना के साथ ही व्रत का पारायण होता है। सिद्धिदात्री देवी पूजन के साथ कन्याभोज और यज्ञ का विशेष फल मिलता है।

🐚उपासना मंत्र🐚


या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

🚩नवरात्र की अष्टमी माँ महागौरी को समर्पित🚩

 🚩माँ भवानी का अष्टम स्वरूप- देवी महागौरी🚩


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अष्टम महागौरी


आज अष्टांग योग की अधिष्ठात्री देवी महागौरी की पूजा-अर्चना होगी। सौभाग्य, धन-संपदा, सौंदर्य और स्त्री जनित गुणों की अधिष्ठात्री देवी महागौरी हैं। भगवान शिव ने माँ काली पर गंगाजल छिड़का तो वह महागौरी हो गईं। महागौरी सृष्टि का आधार एवं अक्षत सुहाग की प्रतीक हैं। देवी के इस रूप की पूजा-अर्चना विवाहित महिलाओं को अखण्ड सौभाग्य का फल प्रदान करती है।


🐚उपासना मंत्र🐚


सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थसाधिके शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

Friday, October 23, 2020

नवरात्र का सप्तम दिवस माँ कालरात्रि को समर्पित

 🚩माँ भगवती का सातवाँ स्वरूप- देवी कालरात्रि🚩


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                      सप्तम कालरात्रि


आज माँ भगवती के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा अर्चना होगी। देवी का यह स्वरूप अनंत एवं व्यापक है। कालरात्रि अर्थात् काल को जीतने वाली। जन्म, पालन और काल। देवी के तीन स्वरूप। सृष्टि संयोजन और संचालन इन्हीं काली जी की कृपा का फल है। एक बार शिवजी ने देवी को काली कह दिया। इस कारण उनका नाम काली पड़ गया। माता काली की पूजा से सब कुछ सिद्ध होता है। इस रात्रि अखंड ज्योति जलाकर काले तिलों से पूजन करने एवं जप-तप करने से मां काली प्रसन्न होती हैं। रात्रि में यज्ञ करने से साधक के मनोरथ पूर्ण होते हैं। इनकी उपासना का सिद्ध मंत्र है।

उपासना मंत्र


ॐ ऐं हीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।

रावण के दुनिया को अपने अनुसार ढालने के वे स्वप्न जो अधूरे ही रह गये

 🌠रावण के दुनिया को अपने हिसाब से ढालने के वे स्वप्न जो धराशायी हो गये🌠


कुछ ऐसे कार्य जो रावण से भी न हो सके-


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महापंडित और महाज्ञानी रावण अपने जीवनकाल में कुछ ऐसे काम करने के बारे में सोच बैठा था, जिन्हें वह कभी पूरा नहीं कर पाया। लेकिन अगर वह ये काम पूरे कर लेता तो सदा के लिए दुनिया की मूल प्रकृति ही बदल देता।


रावण को लोग बुराई का प्रतीक मानते हैं, क्योंकि उसने दुनिया की हर चीज को, चाहे वह सजीव हो या निर्जीव, अपने अनुसार ढालने की कोशिश की। रावण के बुरे कामों की सूची दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती थी। सृष्टि का संतुलन बनाने के लिए तब भगवान विष्णु को श्रीराम के रूप में अवतार लेकर धरती पर अवतरित होना पड़ा। रामायण में रावण एक योद्धा के रूप में है, जिसे परास्त करना या हराना कठिन है। सारस्वत ब्राह्मण पुलस्त्य ऋषि का पौत्र और विश्रवा का पुत्र रावण  भगवान शिव का परमभक्त, उद्भट राजनीतिज्ञ, महाप्रतापी, अत्यंत बलशाली, शास्त्रों का प्रखर ज्ञाता, प्रकांड विद्वान, पंडित और महाज्ञानी था। लेकिन एक अजेय योद्धा, सर्व-समर्थ होते हुए भी उसके कुछ ऐसे काम भी थे, जो अधूरे ही रह गए। रावण का एक ही काम था कि विश्व वसुंधरा में राक्षसों का ही बोलबाला रहे। हर जगह वह अपना ही वर्चस्व चाहता था। इसके लिए उसने महाबली योद्धाओं की दुनिया में धूम मचा दी, लेकिन पृथ्वी को जीत लेने की उसकी इच्छा अधूरी ही रह गई। रावण खुद को बड़ा शक्तिशाली योद्धा समझता था। वह चाहता था कि लोग बस उसी की पूजा करें। कहते हैं कि उसने स्वर्ग तक सीढ़ियाँ बनाने की एक कोशिश भी की, ताकि वह वहॉं पहुंचकर भी राज कर सके। लेकिन लंका नरेश का यह सपना अधूरा ही रह गया। इसके अतिरिक्त एक कथन यह भी है कि रावण सोने को भी सुगंधित करना चाहता था, ताकि धरती के तमाम सोने को सहेजकर अपने पास रख सके और वह अनमोल स्वर्ण भंडारों का स्वामी बन सके। उसका यह सपना भी कभी पूरा नहीं हो सका।


रावण दूसरों से एकदम अलग ही तरह से सोचता और हर चीज को अपने अनुसार ढालने का प्रयास करता था। जैसे आसमान का रंग काला और समुद्र का जल मीठा हो। कहते हैं कि वह कुछ दिन और जीता तो वह मदिरा को गंधहीन बना देता। वह यह भी चाहता था कि सभी लोग गोरे हो जायें और रंगभेद हमेशा के लिए खत्म हो जाए। रंगभेद मिटाने का विचार सराहनीय था, लेकिन रावण इसे पूरा नहीं कर पाया। अगर ये सारे काम रावण पूरे कर पाता तो दुनिया की पहचान ही कुछ और होती। दुनिया हमेशा के लिए बदल जाती, उसकी इस सोच के बारे में वैज्ञानिक भी हैरान हैं। वैसे भी रावण को महापंडित कहा जाता है और उसके ऐसे विचारों से उसके महापंडित होने का पता चलता है।


दशानन के कुछ ऐतिहासिक कार्य-


🔅रावण ने अपने आराध्य शिव की स्तुति में शिव तांडव स्तोत्र की रचना की थी।


🔅'रावण संहिता' जहाँ रावण के संपूर्ण जीवन के बारे में बताती है, वहीं यह ज्योतिषीय ज्ञान का भण्डार है।


🔅चिकित्सा और तंत्र के क्षेत्र में भी रावण के कुछ ग्रंथ प्रचलित हैं- दस शतकात्मक अर्कप्रकाश, दस पटलात्मक उड्डीशतंत्र, कुमारतंत्र और नाड़ी परीक्षा।


🔅कहते हैं कि रावण ने ही अरुण संहिता, अंक प्रकाश इंद्रजाल, प्राकृत कामधेनु, प्राकृत लंकेश्वर, रावणीयम पुस्तकों की रचना की थी।


🔅रावण ने 'रावण हत्था' वाद्य यंत्र का आविष्कार किया था। यह प्रमुख रूप से राजस्थान और गुजरात में बजाया जाता है। इसे 'रावण हस्त वीणा' भी कहा जाता है।।


#Dussehra_Special #Dashanan_Ravan

Thursday, October 22, 2020

पढ़ा हुआ याद रखने की बेजोड़ ट्रिक

 याद रखने की बेजोड़ ट्रिक- बोलकर पढ़ें👩‍🏫


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'समझ और याददाश्त का आपस में गहरा रिश्ता है। अगर आप समझ विकसित कर लेंगे तो रुचि विकसित होगी और इसी तरह आपको विषय रुचिकर लगने लगेंगे और बोल-बोल कर याद करेंगे तो जल्द ही याद भी होने लगेगा...




कोविड की वजह से सभी स्कूलों की क्लासें घर से ही संचालित हो रही हैं। यह अकस्मात बदलाव कई बच्चों की समझ से परे साबित हो रहा है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों की समस्याओं पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो चला है क्योंकि अधिकतर स्कूलों में पीडीएफ पर टॉपिक भेज दिये जाते हैं ताकि बच्चे घर पर उसे देखकर पढ़ सकें। ऐसे में इस नई पठन-पाठन प्रणाली के मुकाबले बच्चों को भी नई ट्रिक सीखनी होगी। स्वाभाविक है कि अभिभावकों के लिये भी बच्चों को घर में स्कूल जैसा माहौल देना एक नई चुनौती बन गया है।

बुज़ुर्ग कहा करते थे कि बोल-बोल कर पढ़ाई करो। इससे पाठ जल्दी और स्थायी रूप से याद होगा। कई लोग वाकई इस तकनीक का प्रयोग करते हैं मगर ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो बोल-बोल कर याद करने को व्यर्थ की कसरत मानते हैं। ऐसे लोगों को अपना दृष्टिकोण बदलना चाहिए और उन लोगों के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए , जो अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सफल हुए। उन्हें मालूम पड़ जायेगा कि ऐसे लोग अपने अध्ययन काल में बोल-बोल कर ही पाठ को याद करते थे और इसी तकनीक से उन्हें पढ़ाई में लगातार अच्छी सफलता मिलती गई और अन्ततः वे जीवन के ऊँचे मुकाम पर पहुँच पाए। हाल ही में कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू के शोधकर्ताओं ने 100 छात्रों की किसी बात को याद रखने की क्षमता पर शोध किया। निष्कर्ष यह निकला कि जब वो बोलकर पढ़ते हैं , तो उन्हें बात याद रह जाने की संभावना 77 फीसदी तक बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने 100 छात्रों को लैब से बाहर बुलाया तथा 160 शब्दों एक पूल उनके सामने रखा। बच्चों से कहा गया कि वो पहले 40 शब्द शांति से अपने मन में पढ़ें। अगले 40 शब्द अपनी आवाज में रिकॉर्ड करें और फिर उन्हें सुनें। इसके बाद अगले 40 शब्द किसी और कि आवाज में रिकॉर्ड कराकर बच्चों को सुनाए गए और आखिरी 40 शब्द बच्चों द्वारा जोर-जोर से बोलकर पढ़े गये। बच्चों का परीक्षण पूरा होने के एक सप्ताह बाद उन्हें फिर से बुलाया तथा याद कराए शब्द बोलने को कहागया। इसमें शोधकर्ताओं ने देखा कि बच्चों ने जो शब्द बोल-बोल कर पढ़े थे उनमें से 77 शब्द उन्हें याद थे। बाकी तीनों प्रक्रिया के करीब-करीब 10 से 15 शब्द कम याद थे। इस तरह बोल कर पढ़ी गई बातों को याद रह जाने की प्रक्रिया को शोधकर्ताओं ने "द प्रोडक्शन इफेक्ट" नाम दिया। इस प्रोडक्शन इफेक्ट में तीन फैक्टर काम करते हैं। पहला बोलकर पढ़ने से हमारा दिमाग, कान और जुबान एक साथ और एक ही काम के लिए सक्रिय हो जाते हैं। इससे बातें याद रह जाने की संभावना बढ़ती है। दूसरा कारण है बोलकर पढ़ने से व्यक्ति उस कंटेंट को खुद से बेहतर तरीके से जोड़ पाता है। मन ही मन में पढ़ने से कंटेंट की रिलेटिविटी कम होती है। तीसरा और सबसे अहम कारण यह रहा कि बोलकर पढ़ने से उस कंटेंट को व्यक्ति द्वारा विजुलाइज करने से वो दिमाग में बस जाती है। तो ऐसे में घर में पढ़ रहे बच्चों को बोल-बोल कर पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। 


कुछ ट्रिक और भी हैं-

🔘 ज्यादातर लोग यह कहते हैं कि "मुझे याद नहीं होता। पढ़ते वक्त भी व अपने मन में कहते रहते है कि मुझे याद नहीं होगा" याद रखिये हमारा दिमाग यही काम करता है जो हम करने को कहते है। इसलिए कोरोना काल में बच्चों को अभी से कहना शुरू करें कि "कहिए मुझे सब याद रहता है।"


🔘 आप तथा बच्चे घर में ही है तो उनसे याद किये कंटेंट को 24 घण्टे में दोहराने का कहें। फिर 7 दिनों के अंदर दोहराए। इससे वे चीजें देर तक याद रख पायेंगे।


🔘 अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कल्पना ज्ञान से ज्यादा जरूरी है। मतलब पढ़ते वक्त कल्पना करने से चीजें जल्दी तथा लंबे समय तक याद रहती हैं।


#Memorising_Tricks