🚩माँ भगवती का सातवाँ स्वरूप- देवी कालरात्रि🚩
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सप्तम कालरात्रि
आज माँ भगवती के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा अर्चना होगी। देवी का यह स्वरूप अनंत एवं व्यापक है। कालरात्रि अर्थात् काल को जीतने वाली। जन्म, पालन और काल। देवी के तीन स्वरूप। सृष्टि संयोजन और संचालन इन्हीं काली जी की कृपा का फल है। एक बार शिवजी ने देवी को काली कह दिया। इस कारण उनका नाम काली पड़ गया। माता काली की पूजा से सब कुछ सिद्ध होता है। इस रात्रि अखंड ज्योति जलाकर काले तिलों से पूजन करने एवं जप-तप करने से मां काली प्रसन्न होती हैं। रात्रि में यज्ञ करने से साधक के मनोरथ पूर्ण होते हैं। इनकी उपासना का सिद्ध मंत्र है।
उपासना मंत्र
ॐ ऐं हीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।
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