याद रखने की बेजोड़ ट्रिक- बोलकर पढ़ें👩🏫
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'समझ और याददाश्त का आपस में गहरा रिश्ता है। अगर आप समझ विकसित कर लेंगे तो रुचि विकसित होगी और इसी तरह आपको विषय रुचिकर लगने लगेंगे और बोल-बोल कर याद करेंगे तो जल्द ही याद भी होने लगेगा...
बुज़ुर्ग कहा करते थे कि बोल-बोल कर पढ़ाई करो। इससे पाठ जल्दी और स्थायी रूप से याद होगा। कई लोग वाकई इस तकनीक का प्रयोग करते हैं मगर ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो बोल-बोल कर याद करने को व्यर्थ की कसरत मानते हैं। ऐसे लोगों को अपना दृष्टिकोण बदलना चाहिए और उन लोगों के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए , जो अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सफल हुए। उन्हें मालूम पड़ जायेगा कि ऐसे लोग अपने अध्ययन काल में बोल-बोल कर ही पाठ को याद करते थे और इसी तकनीक से उन्हें पढ़ाई में लगातार अच्छी सफलता मिलती गई और अन्ततः वे जीवन के ऊँचे मुकाम पर पहुँच पाए। हाल ही में कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू के शोधकर्ताओं ने 100 छात्रों की किसी बात को याद रखने की क्षमता पर शोध किया। निष्कर्ष यह निकला कि जब वो बोलकर पढ़ते हैं , तो उन्हें बात याद रह जाने की संभावना 77 फीसदी तक बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने 100 छात्रों को लैब से बाहर बुलाया तथा 160 शब्दों एक पूल उनके सामने रखा। बच्चों से कहा गया कि वो पहले 40 शब्द शांति से अपने मन में पढ़ें। अगले 40 शब्द अपनी आवाज में रिकॉर्ड करें और फिर उन्हें सुनें। इसके बाद अगले 40 शब्द किसी और कि आवाज में रिकॉर्ड कराकर बच्चों को सुनाए गए और आखिरी 40 शब्द बच्चों द्वारा जोर-जोर से बोलकर पढ़े गये। बच्चों का परीक्षण पूरा होने के एक सप्ताह बाद उन्हें फिर से बुलाया तथा याद कराए शब्द बोलने को कहागया। इसमें शोधकर्ताओं ने देखा कि बच्चों ने जो शब्द बोल-बोल कर पढ़े थे उनमें से 77 शब्द उन्हें याद थे। बाकी तीनों प्रक्रिया के करीब-करीब 10 से 15 शब्द कम याद थे। इस तरह बोल कर पढ़ी गई बातों को याद रह जाने की प्रक्रिया को शोधकर्ताओं ने "द प्रोडक्शन इफेक्ट" नाम दिया। इस प्रोडक्शन इफेक्ट में तीन फैक्टर काम करते हैं। पहला बोलकर पढ़ने से हमारा दिमाग, कान और जुबान एक साथ और एक ही काम के लिए सक्रिय हो जाते हैं। इससे बातें याद रह जाने की संभावना बढ़ती है। दूसरा कारण है बोलकर पढ़ने से व्यक्ति उस कंटेंट को खुद से बेहतर तरीके से जोड़ पाता है। मन ही मन में पढ़ने से कंटेंट की रिलेटिविटी कम होती है। तीसरा और सबसे अहम कारण यह रहा कि बोलकर पढ़ने से उस कंटेंट को व्यक्ति द्वारा विजुलाइज करने से वो दिमाग में बस जाती है। तो ऐसे में घर में पढ़ रहे बच्चों को बोल-बोल कर पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
कुछ ट्रिक और भी हैं-
🔘 ज्यादातर लोग यह कहते हैं कि "मुझे याद नहीं होता। पढ़ते वक्त भी व अपने मन में कहते रहते है कि मुझे याद नहीं होगा" याद रखिये हमारा दिमाग यही काम करता है जो हम करने को कहते है। इसलिए कोरोना काल में बच्चों को अभी से कहना शुरू करें कि "कहिए मुझे सब याद रहता है।"
🔘 आप तथा बच्चे घर में ही है तो उनसे याद किये कंटेंट को 24 घण्टे में दोहराने का कहें। फिर 7 दिनों के अंदर दोहराए। इससे वे चीजें देर तक याद रख पायेंगे।
🔘 अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कल्पना ज्ञान से ज्यादा जरूरी है। मतलब पढ़ते वक्त कल्पना करने से चीजें जल्दी तथा लंबे समय तक याद रहती हैं।
#Memorising_Tricks
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