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Saturday, July 24, 2021

ध्यानाकर्षण: शिक्षण तकनीक-4

UP_शिक्षण अधिगम सामग्री का सार्थक उपयोग किया जाना





आकलन प्रश्न-


1.शिक्षण अधिगम सामग्री का उद्देश्य है।

(आप एक से अधिक विकल्प चुन सकते हैं )-

(a) रटने की प्रवृत्ति को कम करना।

(b) कक्षा शिक्षण को रोचक व सहज बनाना।

(c) अर्थपूर्ण युक्त अनुभव की प्राप्ति करना।

(d) शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को शीघ्रता से पूर्ण करने में सहायक।


विकल्प:-

(क) a,b,c√

(ख) a, d

(ग) d

(घ) a, b, d


2. कौन सी शिक्षण अधिगम सामग्री श्रव्य दृश्य सामग्री नहीं है -

(क) नाटक

(ख) कम्प्यूटर

(ग) टेलीविजन

(घ) टेप रिकॉर्डर√


3. कठपुतली एक उदाहरण है -

(क) श्रव्य सामग्री का।

(ख) श्रव्य-दृश्य सामग्री का।√

(ग) मनोरंजन का।

(घ) दृश्य सामग्री का।


4. कौन-सी शिक्षण अधिगम सामग्री श्रव्य उपकरण नही है-

(क) फ़्लैश कार्डस।√

(ख) ग्रामोफ़ोन।

(ग) टेप रिकॉर्डर।

(घ) रेडियो।


5. नाटक अथवा अभिनय उदाहरण है -

(क) दृश्य सामग्री का।

(ख) श्रव्य सामग्री का।

(ग) अप्रेक्षित सहायक सामग्री का।

(घ) श्रव्य-दृश्य सामग्री का।√


6. शिक्षण अधिगम सामग्री के रूप में श्रव्य दृश्य सामग्री की उपयोगिता है -

(क) शिक्षण में विविधता लाने में।

(ख) बच्चों की ज्ञानेन्द्रियों को सक्रिय कर सीखने में।√

(ग) बच्चों का मनोरंजन करने में।

(घ) उपरोक्त सभी।


7. कौन-सा कथन शिक्षण अधिगम सामग्री से सम्बन्धित विशेषताओं से भिन्न है-

(क) शिक्षण अधिगम सामग्री बच्चों के स्तर के अनुसार होनी चाहिए।

(ख) बच्चों का सीखना सुगम, रोचक और स्थायी होता है।

(ग) शिक्षण अधिगम सामग्री के निर्माण में अधिक धन और समय व्यय किया गया हो।√

(घ) शिक्षण अधिगम सामग्री प्रकरण को स्पष्ट करने में सहायक होती है।


8. निम्नांकित में से कौन-सी शिक्षण अधिगम सामग्री को कक्षा शिक्षण में अनेक रूपों में उपयोग किया जाता है-

(क) फ़्लैश कार्डस।√

(ख) श्रव्य सामग्री।

(ग) श्रव्य दृश्य सामग्री। 

(घ) प्रतिरूप (मॉडल)।


9. ज्ञानेन्द्रियों के अनुभव पर आधारित सर्वोत्तम शिक्षण अधिगम सामग्री कौन-सी है-

(क) श्रव्य सामग्री।

(ख) दृश्य सामग्री।

(ग) श्रव्य-दृश्य सामग्री।√

(घ) अप्रेक्षित सामग्री।


10. शिक्षण अधिगम सामग्री के उपयोग से होने वाले लाभ हैं?(आप एक से अधिक विकल्प चुन सकते हैं )-

(a) बच्चों को प्रकरण पर स्पष्ट समझ बनेगी।

(b) बच्चे पाठ में रुचि लेंगे।

(c) बच्चों को स्वयं करके सीखने के अवसर प्राप्त होंगे।

(d) सभी बच्चों का मनोरंजन होगा।


विकल्प:-

(क) d

(ख) a,c,d

(ग) a,b,c√

(घ) a, d

Wednesday, July 21, 2021

ध्यानाकर्षण: शिक्षण तकनीक-3

UP_ध्यानाकर्षण_रोचक प्रस्तावना


प्रायः शिक्षक बिना किसी प्रस्तावना अथवा भूमिका बनाए शिक्षण प्रारंभ कर देते हैं। प्रभावी कक्षा शिक्षण की दृष्टि से विषय वस्तु का प्रवेश अत्यंत रुचिकर ढंग से पूर्व ज्ञान पर आधारित होना चाहिए जिससे बच्चे जिज्ञासु होकर नवीन ज्ञान प्राप्त करने के लिए तत्पर हो जाते हैं।





आकलन प्रश्नोत्तरी-


१. एक शिक्षक को अपनी कक्षा में जो पढ़ाना है, उसकी शुरुआत सबसे पहले करनी चाहिए-

(क) सीधे-सीधे पढ़ते हुए।

(ख) बच्चे से पाठ पढ़वाकर।

(ग) किसी रोचक घटना या गीत से।√

(घ) बिना किसी टी. एल. एम. के।


२. वीडियो में शिक्षक बच्चों को पाठ शुरू करने के पहले पूर्व ज्ञान पर आधारित प्रश्न व कहानी सुना व पूछ रहे थे-

(क) पेड़-पौधों से।

(ख) जलीय जंतुओं से।

(ग) अनेक प्रकार के जन्तुओं से।√

(घ) वायवीय जीवों से।


३. रोचक प्रस्तावना पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जब आप सभी शिक्षक अपने-

(क) बच्चों का मूल्यांकन कर रहे होते हैं।

(ख) बच्चों की परीक्षा ले रहे होते हैं।

(ग) बच्चों का आकलन कर रहे होते हैं।

(घ) बच्चों को पाठ पढ़ाने के पहले।√


४. एक शिक्षक को अपनी कक्षा में बच्चों को पढ़ाने के पहले शुरुआत करना चाहिए-

(क) सभी को शामिल करना।

(ख) रोचक प्रस्तावना।√

(ग) बच्चों से बातचीत करना।

(घ) सभी।


५. शिक्षक अपने विज्ञान की कक्षा शिक्षण के दौरान सौर मंडल का मॉडल दिखा रहे हैं। आपकी नजर में शिक्षक द्वारा किया गया यह कार्य संबंधित है-

(क) रोचक प्रस्तावना का उद्देश्य।

(ख) रोचक प्रस्तावना हेतु ध्यान रखने योग्य बातें।

(ग) रोचक प्रस्तावना का ढंग।√

(घ) सभी।


६. एक शिक्षिका बच्चों को रुचिकर कविता के माध्यम से  विषय-वस्तु से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं। शिक्षिका द्वारा किया जाने वाला यह कार्य है-

(क) बच्चों से बातचीत करना।

(ख) प्रोजेक्ट कार्य।

(ग) प्रश्न पूछना।

(घ) रोचक प्रस्तावना।√


७. किसी भी विषय-वस्तु का कक्षा शिक्षण प्रारंभ करने से पहले, यदि उसकी भूमिका को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया जाये, तो बच्चे जिज्ञासु होकर सीखने के लिए तैयार व तत्पर होंगे। यह ध्यानाकर्षण तकनीक है-

(क) बच्चों से बातचीत।

(ख) प्रश्न पूछना।

(ग) रोचक प्रस्तावना।√

(घ) सभी को शामिल करना।


८. यदि किसी भी शिक्षक द्वारा अपने शिक्षण कार्य की शुरुआत में, ये निम्नलिखित कार्य किए जा रहे हैं-


 कार्य-1:  किसी रोचक घटना या दृष्टांत को सुनाकर पाठ्यवस्तु की शुरुआत की जा रही है।

कार्य-2:  बिना पूर्व ज्ञान पर आधारित प्रश्न किए।

कार्य-3:  रुचिकर कविता या गीत सुनाकर।


नीचे दिए गए रोचक प्रस्तावना से संबंधित सही विकल्प को चुनें-

(क) कार्य 1 व 2।

(ख) कार्य 2 व 3।

(ग) कार्य 1 व 3।√

(घ) कार्य 1 व 2।


९. एक शिक्षक/शिक्षिका को अपने विषय संबंधी पाठ या प्रकरण को प्रस्तुत करने के पहले रोचक प्रस्तावना के माध्यम से बच्चों के पूर्व ज्ञान का पता लगाना चाहिए। पूर्वज्ञान से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या होनी चाहिए-

(क) कोई प्रश्न नहीं।

(ख) केवल 1 प्रश्न।

(ग) 15-20 प्रश्न।

(घ) 3-5 प्रश्न।√


१०. शिक्षक पाठ को शुरू करने के पहले बच्चों के पूर्व ज्ञान पर आधारित कहानी, गीत, कविता या कोई दृष्टांत सुनाते हैं। यह सभी नीचे दिए गए किस सिद्धांत से संबंधित है ? नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प को चुनें-

(क) अमूर्त से मूर्त की ओर।

(ख) आगमन से निगमन की ओर।

(ग) कठिन से सरल की ओर।

(घ) सरल से कठिन की ओर।√

ध्यानाकर्षण: शिक्षण तकनीक-2

UP_ध्यानाकर्षण_कक्षा प्रबंधन एवं बैठक व्यवस्था


कक्षा प्रबंधन बच्चों की अधिगम प्रक्रिया में भागीदारी को बहुत सीमा तक प्रभावित करता है। इसलिए आवश्यक है कि शिक्षक अपनी कक्षा इस प्रकार से नियोजित करें जिससे सभी बच्चों को प्रतिभाग करने व सीखने के पर्याप्त अवसर मिलें। प्रायः शिक्षक बच्चों को एक ही प्रकार की पंक्तियों में बैठाकर पूरे वर्ष शिक्षण करते रहते हैं जो अरुचिकर ही नहीं अनुचित भी होता है। शिक्षक को उसे गंभीरतापूर्वक लेना होगा उन्हें समय-समय पर कक्षा में बैठक व्यवस्था को परिवर्तित करते रहना चाहिए।





आकलन प्रश्नोत्तरी-


१. ध्यानाकर्षण मॉड्यूल की कौन सी ऐसी शिक्षण तकनीक है जो कक्षा में कम सुनने वाले, कमजोर नजर वाले या बोलने में असुविधा वाले बच्चो को सीखने के पर्याप्त अवसर पर बल देती है?

(क)संसाधनों से पूर्ण कक्षा कक्ष का वातावरण।

(ख) रोचक प्रस्तावना।

(ग) रोल प्ले।

(घ) कक्षा प्रबंधन व बैठक व्यवस्था।√


२. अर्द्धचंद्राकार व्यवस्था उस समय उपयुक्त होती है जब-

(क) कक्षा कक्ष बहुत छोटा हो।

(ख) बच्चों की संख्या कक्षा में पाँच से कम हो।

(ग) बच्चों के बैठने हेतु पर्याप्त जगह हो।√

(घ) एक कक्षा में दो शिक्षक मौजूद हों।


३. कक्षा प्रबंधन बच्चों की अधिगम प्रक्रिया में भागीदारी को बहुत सीमा तक-

(क) अप्रभावित करता है।

(ख) प्रभावित करता है।√

(ग) भागीदारी को घटाता है।

(घ) आंशिक रूप से प्रभावित करता है।


४. कक्षा में बैठक व्यवस्था होनी चाहिए-

(क) गतिविधि व बच्चों तक पहुँच के अनुरूप।√

(ख) शिक्षक के अनुरूप।

(ग) पाठ्यक्रम के अनुरूप।

(घ) श्यामपट्ट के अनुरूप।


५. क्या कभी-कभी छोटे छोटे समूह में बैठाकर शिक्षण कार्य करना "कक्षा प्रबंधन व बैठक व्यवस्था" शिक्षण तकनीक के अंतर्गत आता है?

(क) हाँ।√

(ख) नहीं।

(ग) इसे मात्र बैठक व्यवस्था कहा जाएगा।

(घ) इसे मात्र कक्षा प्रबंधन व्यवस्था कहा जाएगा।


६. कक्षा प्रबंधन व बैठक व्यवस्था पर दिए गए कथनों को ध्यान से पढ़िये और सही विकल्पों के चयन कीजिये | 


कथन-1:  शिक्षक को समय समय पर कक्षा में बैठक व्यवस्था को परिवर्तित करते रहना चाहिए।

कथन-2: समय-समय पर बच्चों को अर्द्ध चंद्राकार आकृति में बैठाना चाहिए। 

कथन-3: पढ़ने-लिखने में तेज बच्चों को एक साथ बैठाना चाहिए।


विकल्प-

(क) कथन 1 व 2 सही हैं।√

(ख) कथन 2 व 3 सही हैं।

(ग) कथन 1, 2 व 3 तीनों सही हैं।

(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।


७. कक्षा शिक्षण के दौरान एक अच्छी बैठक व्यवस्था का परिणाम होता है-

(क) सभी बच्चों / समूह तक शिक्षण सामग्री आसानी से पहुँच जाती है।

(ख) छात्रों के बीच अंतःक्रिया बढ़ती है।

(ग) बच्चे समूह में कार्य करना सीखते हैं।

(घ) उपरोक्त सभी।√


८. निम्नलिखित में से कौन सा तरीका एक शिक्षक द्वारा अपनाया जाना अरुचिकर ही नहीं अनुचित भी है ?

(क) बच्चों को एक ही प्रकार की पंक्ति में बैठाकर पूरे वर्ष शिक्षण करते रहना।√

(ख) बच्चों को कभी-कभी छोटे छोटे समूह में बैठाकर शिक्षण कार्य करना।

(ग) विभिन्न क्षमताओं वाले बच्चो की जोड़ी बनाकर शिक्षण करना।

(घ) उपरोक्त सभी।


९. कम सुनने वाले, कमजोर नजर वाले, बोलने में असुविधा वाले बच्चों को कक्षा में कहाँ बैठाना चाहिए?

(क) सबसे पीछे की पंक्ति में।

(ख) एक सीधी पंक्ति में।

(ग) जहाँ वो बैठना चाहते हैं वहीं पर।

(घ) प्रथम पंक्ति अथवा श्यामपट्ट के निकट।√


१०. एक शिक्षक को अपनी कक्षा का नियोजन इस प्रकार करनी चाहिए कि-

(क) सभी बच्चे प्रतिभाग कर सकें।

(ख) सभी बच्चों को सीखने का अवसर मिल सके।

(ग) शिक्षक कक्षा के सभी बच्चों पर ध्यान रख पाएं।

(घ) उपर्युक्त सभी।√

ध्यानाकर्षण: शिक्षण तकनीक-1

UP_ध्यानाकर्षण_संसाधनों से पूर्ण कक्षा कक्ष


कक्षा कक्ष का वातावरण शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को बहुत प्रभावित करता है । यदि कक्षा कक्ष रोचक एवं आकर्षक चित्रों , लेखन, विषयगत शिक्षण सामग्रियों, अनुपूरक पठन-पाठन संसाधनों आदि से परिपूर्ण है तथा उसमें बच्चों द्वारा किए गए कार्य प्रदर्शित किए गए हैं तो ऐसे वातावरण में बच्चे निश्चित रूप से पढ़ने के लिए तत्पर होंगे।





आकलन प्रश्नोत्तरी-


१. बच्चों द्वारा बनाये गए चित्र, पोस्टर्स व विषयगत शिक्षण सामग्री कक्षा कक्ष में लगाना-

(क) संसाधनों से पूर्ण कक्षा-कक्ष वातावण का अंग नहीं है।

(ख) बच्चों को उत्साहित होकर सीखने में मदद करता है।√

(ग) शिक्षकों के बोझ को हल्का कर देता है।

(घ) ध्यानाकर्षण शिविर के लिए तैयार करते हैं।


२. संसाधनों से परिपूर्ण कक्षा-कक्ष वातावरण निर्माण करते समय शिक्षक को ध्यान रखना चाहिए कि-

(क) कक्षा-कक्ष प्रासंगिक चित्रों / चार्टों / पोस्टर्स / आकृतियों से युक्त हो।

(ख) बच्चों के स्थानीय परिवेश से जुड़ी हो।

(ग) लर्निंग आउटकम की प्राप्ति में सहायक हों।

(घ) उपरोक्त सभी।√


३. लर्निंग कॉर्नर से क्या आशय है ?

(क) बच्चों का कोने में बैठकर पढ़ने का स्थान।

(ख) कक्षा का एक कोना बच्चों को पढ़ने के लिए अभिप्रेरित करने हेतु सुसज्जित करना।√

(ग) शिक्षक की कुर्सी एक कोना में रखना।

(घ) शिक्षक कमजोर बच्चों को एक कोने में बैठाते हैं।


४. आप बच्चों को प्रिंट समृद्ध वातावरण से जोड़ने के लिए-

(क) बच्चों को कक्षा में पोस्टर्स और चित्रों के अवलोकन का अवसर देंगे।

(ख) बच्चों को चित्रों पर बात-चीत का अवसर और प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

(ग) बच्चों को चित्रों पर बात-चीत का अवसर और प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

(घ) उपरोक्त सभी।√


५. एक विद्यालय के आदर्श कक्षा कक्ष की कुछ प्रमुख शिक्षण सामग्री हैं-

(क) निर्धारित माप का श्यामपट्ट।

(ख) मानचित्र, ग्लोब, घड़ी, कूड़ादान।

(ग) प्रिंट समृद्धता व आई.सी.टी शिक्षण हेतु उपकरण।

(घ) उपरोक्त सभी।√


६. "एक ऐसी कक्षा जिसकी दीवारें रंगारंग व प्रेरणादायक है, पोस्टर्स, चार्ट पेपर्स व अन्य रोचक प्रिंट सामग्री से परिपूर्ण हैं। बच्चों की जिज्ञासा व दैनिक अनुभवों को अभिव्यक्ति के अवसर सृजित करते हैं" क्या आप इस कथन से सहमत हैं ?

(क) सहमत हैं।√

(ख) परिषदीय विद्यालयों के लिए निरर्थक है।

(ग) असहमत हैं।

(घ) प्रेरणा लक्ष्य को पूरा नहीं करते हैं।


७. मिशन प्रेरणा के तहत सरकार द्वारा निर्धारित ----- के सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा तालिका कक्षा-कक्ष में लगी होनी चाहिए।

(क) कक्षा 6 से 8 तक।

(ख) कक्षा 1 से 8 तक।

(ग) कक्षा 1 से 5 तक।√

(घ) कक्षा 1 से 3 तक।


८. ध्यानाकर्षण शिविर को ध्यान में रखकर बनाई गई आदर्श समय सारिणी कहाँ लगाना है ?

(क) प्रधानाध्यापक कक्ष में।

(ख) कक्षा-कक्ष में।√

(ग) विद्यालयीय अभिलेखों में।

(घ) बच्चों की कॉपियों में।


९. कक्षा-कक्ष में प्रेरणा लक्ष्यों की सूची और तालिकाओं को लगाने का उद्देश्य है-

(क) शिक्षकों और अन्य अनुश्रवणकर्ताओं को बच्चों के आकलन में सुविधा हो।√

(ख) सरकार का निर्देश है।

(ग) कक्षा-कक्ष प्रिंट रिच हो जाएगा।

(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।


१०. कक्षा कक्ष को प्रिंट रिच बनाने का एक महत्वपूर्ण लाभ है कि-

(क) बच्चे बार बार देखते हैं।

(ख) बच्चों की साक्षरता का पहला चरण होता है।

(ग) चारों ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में अर्थ भी छिपे होते हैं।

(घ) उपरोक्त (क)(ख)(ग)।√

Friday, June 18, 2021

साइबर फ्रॉड पर अंकुश हेतु राष्ट्रीय हेल्पलाइन

📡☎️साइबर फ्रॉड पर अंकुश हेतु राष्ट्रीय हेल्पलाइन☎️📡


📱🖥️साइबर फ्रॉड : गृहमंत्रालय ने शुरू की हेल्पलाइन🖥️📱


गृहमंत्रालय ने साइबर फ्रॉड रोकने और लोगों को इससे होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 शुरू की है। इस पर किसी भी साइबर अपराध की सूचना दर्ज की जा सकेगी। इस हेल्पलाइन को संचालित करने की जिम्मेदारी इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की होगी। वहीं आरबीआई व अन्य प्रमुख बैंक, पेमेंट वॉलेट और ऑनलाइन मर्चेंट इसमें सहयोग करेंगे। अभी यह सेवा छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में काम कर रही है। अप्रैल में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई इस हेल्पलाइन के जरिये दो महीने में 1.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रोकी गई है।

साइबर क्राइम शाखा ने लोगों को आनलाइन ठगी से बचाने के लिए नई पहल की है। इसके लिए लोगों को उस हेल्पलाइन नंबर के प्रति जागरूक किया जा रहा है, जिस पर शिकायत दर्ज कराने पर खाते या वॉलेट से निकाली गई रकम खाते में वापस आ जाएगी। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर-155260 को यूपी पुलिस की आपात सेवा 112 से भी जोड़ दिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर बनाए गए सिटीजन फाइनेंशियल फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम के तहत यह हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे पहले दिल्ली में लागू किया गया था, जिसे अब पूरे देश में लागू कर दिया गया है। यूपी में इसे आपात सेवा के नंबर-112 से जोड़ दिया गया है। जालसाज ज्यादातर रिटायर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। इस कारण ऐसे लोगों को जागरूक करने पहल की गई है।

ऐसे करेगा काम-


यदि कोई आनलाइन ठगी का शिकार हुआ है यानी उसके बैंक खाते या ई-वॉलेट से पैसा ट्रांसफर कर लिया गया है। तो सबसे पहले 155260 पर डायल करना होगा। यह कॉल 112 पर ट्रांसफर हो जाएगी। कॉल टेकर पीड़ित से संबंधित जानकारी ज्यों ही अपने सिस्टम पर फीड करेगा, अलर्ट संबंधी संदेश बैंकों के पास चला जाएगा। जिस बैंक के खाते या ई-वॉलेट से पैसा ट्रांसफर किया गया है और जिस बैंक के खाते या ई-वॉलेट में पैसा लिया गया है, दोनों को ही यह अलर्ट मिल जाएगा। यह अलर्ट मिलते ही बैंक पैसे की निकासी पर पर रोक लगा देंगे और संपर्क किए जाने पर वह रकम उसके खाते में वापस लौटा दी जाएगी।

Sunday, March 21, 2021

पूर्व आकलन प्रपत्र- एन.सी.ई.आर.टी. कक्षा-१ पाठ्यपुस्तक उन्मुखीकरण प्रशिक्षण (चरण-१)

 

पूर्व आकलन प्रपत्र 

N.C.E.R.T CLASS-1 BOOK USAGE TRAINING (PHASE-1) 


एन.सी.ई.आर.टी. कक्षा-१ (हिंदी, अंग्रेजी एवं गणित) पाठ्यपुस्तकों पर आधारित ब्लॉक स्तरीय छ: दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण-




निर्देश :- निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए:


Email address *

Name *

NEELESH KUMAR

Block Name (English Capital letters) *

SHERGARH

School Name *

PRIMARY SCHOOL VASUDHARAN JAGIR-1

Mobile Number *


1. पाठ्यपुस्तकों में छिपी पाठ्यचर्या से आप क्या समझते हैं? *

छिपी पाठ्यचर्या पाठ्य-विषयों का स्पष्ट भाग न होकर उसमें निहित सन्देश विशेष है। ये अनौपचारिक विषयों के माध्यम से सिखाए गये व्यवहार होते हैं, जिनका प्रयोग बालक अपने वास्तविक जीवन में करता है। किसी भी पाठ को पढ़ने से शब्द ज्ञान, संख्या बोध, चिंतन कौशल और रुचि का विकास होता है किंतु विषयों में समाहित पाठ्यचर्या पाठ का वह अंश होती है जिससे विश्लेषण, मूल्यांकन तथा रचनात्मक कार्यों को करने की क्षमता का विकास होता है। इसके अंतर्गत सामाजिक सन्देश, जीवन कौशल और अन्य विषयों के अन्तर्सम्बन्ध भी पाठ्यवस्तु के साथ-साथ गतिमान रहते हैं जिनको शिक्षण के दौरान उभारना आवश्यक होता है। इसमें पाठ को पढ़ाने के दौरान दी गई जानकारी तथा पूर्वज्ञान और अनुभव को समाहित किया जा सकता है। इसमें छिपे सूक्ष्म एवम् आवश्यक संदेशों को बच्चों तक पहुँचाया जा सकता है, जैसे- स्वच्छता सम्बन्धी आदतें, सन्तुलित आहार का महत्व, पेयजल की स्वच्छता एवम् सुरक्षा, अच्छे-बुरे स्पर्श की पहचान, जीव-जंतुओं एवम् पेड़-पौधों को हानि न पहुँचाना, एक-दूसरे के साथ सम्मानजनक एवम् सहयोगात्मक व्यवहार, लिंग-भेद को दूर करना इत्यादि। पाठ्यचर्या का दायरा किसी एक खाँचे में सीमित न होकर समग्र एवम् व्यापक है जो नौनिहालों के सर्वांगीण विकास हेतु अपरिहार्य व वांछनीय है।


2. चित्रपाठ किसे कहते हैं?  *

चित्रपाठ चित्रों पर आधारित आश्यपूर्ण पारस्परिक संवाद निष्पादन व स्वतंत्र वैचारिक अभिव्यक्ति हेतु विकसित चित्रात्मक साधन है जिसके द्वारा गहन वैचारिक मंथन के माध्यम से पूर्वज्ञान व संचित अनुभवों के समृद्धिकरण के साथ ही अंतर्निहित महत्वपूर्ण संदेशों का आदान-प्रदान समग्र व्यक्तित्व विकास की अवधारणा को फलीभूत करने के लिये एक तार्किक एवम् महत्वपूर्ण युक्ति है जिसमें बालक द्वारा कल्पनाशक्ति व तर्कशक्ति के अनुप्रयोग से सहज अभिव्यक्ति कौशल तथा बोधगम्यता का विकास सुनिश्चित होता है।


 3.चित्रकथा से क्या आशय है?  *

चित्रकथा से आशय बाल-सुलभ साहित्य का शाब्दिक रूप के साथ-साथ सुंदर एवम् आकर्षक ढंग से दृश्यात्मक निरूपण है जिसके माध्यम से अधिगम प्रक्रिया को अधिक रोचक, प्रेरक एवम् प्रभावशाली बनाया जा सके क्योंकि आकर्षक एवम् सुरुचिपूर्ण दृश्यरतिक सामग्री नैसर्गिक उद्दीपन की द्योतक है।


4. पोस्टर तथा चार्ट में क्या अंतर होता है?  *

पोस्टर- प्रायः शैक्षिक, सामाजिक, नैतिक, सांस्कृतिक सरीखे महत्वपूर्ण सरोकारों के सम्प्रेषण हेतु प्रयुक्त होने वाली आकर्षक व मनमोहक प्रिन्ट समृद्ध सामग्री।


चार्ट- चार्ट या लेखाचित्र प्रायः आँकड़ों का आलेखीय प्रस्तुतिकरण है जिसमें वांछित विवरण को विशिष्ट प्रतीकों द्वारा दर्शाया जाता है। यथा- बार चार्ट में छड़ों के रूप में, रेखा चार्ट में रेखाओं के रूप में तो पाई चार्ट में टुकड़ों के रूप में।


5. संख्या पूर्व संबोध क्या होता है?  *

बच्चों को संख्या अथवा गणितीय अवधारणाओं को सिखाने से पूर्व यह आवश्यक है कि उन्हें ठोस वस्तुओं के साथ स्वयं कार्य करने तथा उससे अनुभव प्राप्त करने के समुचित अवसर प्रदान किये जायें, जैसे- परिवेश में उपलब्ध वस्तुओं को पहचानना, आकार के अनुसार उन्हें क्रमबद्ध करना, उनका समूहीकरण एवम् तुलना करना। यही क्षमतायें संख्यापूर्व अवधारणाएँ कहलाती हैं।


6.संख्या पूर्व संबोध विकसित करने हेतु आपके द्वारा की जाने वाली कोई एक गतिविधि बताइए।

आदर्श प्रस्तुतिकरण हेतु समुचित भूमिका निर्माण के पश्चात् कविता के माध्यम से 'क्या हल्का और क्या भारी' का ज्ञान कराना।

आओ बच्चों बारी-बारी, 

मिलकर सीखें हल्का-भारी

तुमने देखा हाथी भारी,

करते इस पर लोग सवारी

दौड़ लगाता चूहा हल्का, 

मुर्गी का चूजा भी हल्का

हल्का तिनका, पत्थर भारी, 

देखो इनको बारी-बारी।


7. खेल गीत का कोई उदाहरण दीजिए. *

न्यौता-

चूहे के घर न्यौता है

देखो क्या-क्या होता है

चिड़िया चावल लाएगी

बिल्ली खीर पकाएगी

बन्दर पान बनाएगा 

शेरू मामा खाएगा

मुन्ना तू क्यों रोता है

तेरा भी तो न्यौता है।


8. आपके अनुसार कक्षा एक की पाठ्यपुस्तकों को बदलने की आवश्यकता क्यों है?  *

चूँकि आरम्भिक शिक्षा बच्चों की भावी शिक्षा रूपी मजबूत भवन के संदर्भ में सुदृढ़ नींव का कार्य करती है अतएव सैद्धांतिक ज्ञान के साथ ही व्यावहारिक शिक्षा भी परमावश्यक हो जाती है जिसकी सम्प्राप्ति हेतु पारम्परिक शिक्षण पद्धति को नवाचारी एवम् नवोन्मेषी कलेवर प्रदान करने के उद्देश्य से व्यक्तितव के सर्वांगीण विकास के विनिश्चय हेतु समस्त वांछित पहलुओं का समावेशन अनिवार्य है जिसकी पूर्ति हेतु N.C.E.R.T. के सौजन्य से प्रकाशित पाठ्यपुस्तकें अपेक्षाकृत रूप से प्रासंगिक एवम् प्रभावी हैं। बाल सुलभ सामग्री एवम् गतिविधियों के माध्यम से यह पाठ्यपुस्तकें बच्चों की तर्कशक्ति, चिंतन एवम् कल्पनाशीलता का विकास करने के पर्याप्त अवसर प्रदान करने में कहीं अधिक सक्षम सिद्ध हुई हैं। बच्चों की रुचि व रुझान के अनुकूल यह पुस्तकें भाषायी एवम् गणितीय ज्ञान के साथ ही तर्क, अनुभव, पूर्वज्ञान व चिंतन के आधार पर स्वायत्त अभिव्यक्ति एवम् समग्र विकास के अवसर प्रदान करती हैं।


9. बच्चों में सुनने की क्षमता विकसित करने हेतु कोई एक गतिविधि जो आपने अपने विद्यालय में की हो।  *

ICT उपकरणों की सहायता से विभिन्न ध्वनियाँ सुनाना। यथा- किसी पशु-पक्षी की आवाज़, बस का हॉर्न, रेल की आवाज़, बाँसुरी की आवाज़, सीटी की आवाज़, ढोल की आवाज़, घुँघरू की आवाज़.........आदि सुनाते हुये पूछना कि ध्वनि किसकी थी। जो बच्चा सुनकर सबसे पहले बताए उसे प्रोत्साहित करना।


10. इस प्रशिक्षण से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं?  *

सामान्यतः क्लिष्ट, गूढ़ एवम् अमूर्त अवधारणाओं को रोचक, आनन्ददायक तथा सरल-सुगम बनाने हेतु यथोचित दक्षतायें प्राप्त करना। वास्तविक जीवन एवम् दिनचर्या से तारतम्य स्थापित कर प्रत्यक्ष अनुभवों को आधार बनाते हुये विषयगत कौशलों व अवधारणाओं को सुस्पष्ट करने की कला में निपुणता अर्जित करना।



Monday, January 11, 2021

निष्ठा: कोर्स-18 आधारित गतिविधि एवम् प्रश्नोत्तरी

कोर्स-18: UP_अधिकारों की समझ, यौन शोषण और पॉक्सो अधिनियम 2012 (उत्तर प्रदेश)।

मॉड्यूल-18 आधारित समस्त प्रमुख गतिविधियाँँ एवम् प्रश्नोत्तरी।











गतिविधि-1: अधिकार बनाम आवश्यकताएँ/इच्छायें--

1. सभी अधिकार किसी जरूरत या चाह से संबंधित नहीं है।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


2. विकास के अधिकार में शामिल है, विश्राम का अधिकार, मनोरंजन और संस्कृति का अधिकार और जब हम एक बच्चे को साइकिल प्रदान करते हैं, तो हम उस अधिकार को पूरा कर रहे हैं।

(अ) सही।☑️

(ब) गलत।


3. बच्चों को जानने, खोजने और उन्हें दूसरों के साथ साझा करने का अधिकार है, कला और लिखने या किसी अन्य माध्यम से।

(अ) गलत।

(ब) सही।☑️


4. अच्छा स्वास्थ्य, पीने के लिए स्वच्छ पानी, भोजन, एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण का होना, और उन्हें सुरक्षित रहने के लिए जानकारी देना, प्रत्येक बच्चे का अधिकार है।

(अ) सही।☑️

(ब) गलत।


5. बच्चों की राय परिपक्वता या अनुभव पर आधारित नहीं है, और इसलिए उनके मत को उनके संबंध में नहीं लिया जा सकता।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


मॉड्यूल-18: गतिविधि 2:- चिंतन करें->

📌 स्कूल में बाल शोषण क्यों होता है, इस पर अपने विचार साझा करें। चिंतन के लिए कुछ समय लें और nishtha-activities.blogspot.com पर कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।

✒️ विद्यालयी स्तर पर प्रचलित बाल शोषण के प्रकरणों पर कोई भी धारण निर्मित करने से पूर्व शोषण के प्रकारों को भलीभाँति समझ लेना अत्यावश्यक है क्योंकि शोषण मात्र यौन या लैंगिक ही न होकर शारीरिक (हिंसात्मक), भावनात्मक या उपेक्षात्मक भी हो सकता है। यद्यपि किसी भी प्रकार का शोषण एक सभ्य, शिक्षित एवम् लोकतंत्रात्मक समाज के चेतनाशून्य व्यक्तित्व का परिचायक है तथापि यहाँ यह जान लेना भी समीचीन है कि विद्यालयी स्तर पर यौन शोषण के सापेक्ष अन्य उल्लिखित दुर्व्यवहारों का प्रचलन एक कटु एवम् दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव है; शोषण चाहे किसी भी रूप में रूप हो, पूर्णतः अस्वीकार्य एवम् वर्जित होना चाहिये। किन्तु दुर्भाग्यवश आधुनिकता का दम्भ भरने वाले कथित प्रगतिशील समाज में  कहीं छद्म कठोर अनुशासन के मिथ्या प्रदर्शन हेतु, तो कहीं रूढ़िवादी विचारधारा की तुष्टि हेतु या पूर्वाग्रहों से ग्रस्त होने के कारण अथवा मिथ्याभिमान, आत्ममुग्धता या प्रभुत्व स्थापन की एकाधिकारवादी मानसिकता के चलते दुर्व्यवहारों का चलन अप्रत्याशित रूप से प्रक्रियागत है जिसके निवारण हेतु आमूलचूल व धरातलीय सभ्यतागत, सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, नैतिक, चारित्रिक, सामाजिक, पारिवारिक एवम् मानसिक पुनरुद्धार की महती आवश्यकता है जिसमें शिक्षक एवम् अखिल शैक्षिक समुदाय की सक्रिय-सकारात्मक भूमिका अपरिहार्य है।


गतिविधि-3: अपनी समझ को जाँचें--

सही या गलत बताएँ-

1. लैंगिक शोषण किसी भी बच्चे, उम्र, लिंग, जाति, आर्थिक और सामाजिक स्थिति में हो सकता है।

(अ) गलत।

(ब) सही।☑️


2. अधिकांश लैंगिक शोषण किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो बच्चे के लिए अजनबी है।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


3. जब भी कोई बच्चा आपसे लैंगिक शोषण के बारे में बात करता है तो यह महत्वपूर्ण है कि आप सूचना के सत्यापन के लिए कथित शोषण कर्ता से बात करें।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


4. एक वयस्क द्वारा एक बच्चे को चीजें/उपहार, ध्यान और स्नेह, पैसा, मिठाई, खिलौने प्रदान करना या बाहर ले जाना यौन शोषण की एक प्रक्रिया की शुरुआत हो सकती है।

(अ) सही।☑️

(ब) गलत।


5. यदि यौन क्रिया के दौरान, बच्चा चिल्ला या विरोध नहीं कर रहा है या पीछे नहीं धकेल रहा है या सहमति दे दी है, तो यह समझा जा सकता है कि बच्चा उस कृत्य में रूचि रखता है।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


6. बच्चे, विशेषकर लड़कियाँ, जो बाहर जाने वाली, बातूनी, शारीरिक रूप से स्पष्टवादी होती हैं, अक्सर यौन शोषण को आकर्षित करते हैं।

(अ) सही।

(ब) गलत।☑️


7. एक संभावित लैंगिक उत्पीड़नकर्ता की पहचान के लिए कोई निश्चित संकेतक/ व्यवहार नहीं है।

(अ) गलत।

(ब) सही।☑️


8. बच्चे अक्सर यौन शोषण के बारे में कहानियां बनाते है।

(अ) सही।

(ब) गलत।☑️


9. लैंगिक शोषण आमतौर पर अँधेरे, परित्यक्त स्थानों में होता है।

(अ) सही।

(ब) गलत।☑️


10. यदि बच्चा दुरुपयोग की रिपोर्ट करने के लिए तैयार नहीं है, तो हम मदद नहीं कर सकते।

(अ) सही।

(ब) गलत।☑️


मुख्य प्रश्नोत्तरी-

1. अगर आपको बच्चे के साथ हुए किसी भी लैंगिक अपराध के बारे में पता चलता है तो आप किसे रिर्पोट करेंगे?

(अ) जिला बाल संरक्षण इकाई।

(ब) चाइल्डलाइन 1098 सेवा।

(स) माता-पिता।

(द) पुलिस/एस.जे.पी.यू।☑️


2. बच्चा कौन है कोई भी व्यक्ति...........................?

(अ) 6 वर्ष की आयु से कम।

(ब) 14 वर्ष की आयु से कम।

(स) 16 वर्ष की आयु से कम।

(द) 18 वर्ष की आयु से कम।☑️


3. बाल लैंगिक शोषण .......................... से होता है।

(अ) लड़कियों के साथ ज्यादा और लड़को के साथ कम।

(ब) केवल लड़कों से

(स) लड़कियों से ही।

(द) लड़के और लड़कियों दोनों।☑️


4. एक शिक्षक उस बच्चे का समर्थन कैसे कर सकता है जो अपने लैंगिक शोषण के बारे में बात साझा कर रहा है?

(अ) दुराचारी को डाँटना/चेतावनी देना।

(ब) दूसरों के साथ घटना पर चर्चा करना।

(स) सहानुभूति के साथ बच्चे की बात सुनें और बात करें।☑️

(द) बच्चे को दोष देना।


5. कौन-सा अधिनियम बाल शोषण अपराधी को दण्डित करने के लिए विशेष कानून है?

(अ) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015।

(ब) निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009।

(स) पॉक्सो अधिनियम, 2012।☑️

(द) भारतीय दण्ड संहिता, 1860।


7. कृत्य कब एक "गुरूत्तर" अपराध बन जाता है?

(अ) जब कृत्य एक बार किया गया हो।

(ब) जो व्यक्ति विश्वास या अधिकार की स्थिति में हो, कृत्य उसके द्वारा किया गया हो।☑️

(स) बच्चे की वित्तीय स्थिति का लाभ उठाने के लिये कृत्य किया गया हो।

(द) जब महिलाओं द्वारा कृत्य किया गया हो।


8. किसी बच्चे को नग्न चित्र दिखाना किस प्रकार का शोषण है?

(अ) उपेक्षात्मक।

(ब) लैंगिक शोषण।☑️

(स) शारीरिक शोषण।

(द) भावनात्मक दुरुपयोग।


9. बाल लैंगिक शोषण की रिर्पोट की जानी चाहिए जब ...........................।

(अ) मामला दुर्व्यवहार का हो।

(ब) परिवार रिपोर्ट करने के लिए सहमत हो।

(स) सभी परिस्थितियों में जैसे ही इसके बारे में पता चलें।☑️

(द) बाल यौन शोषण का मामला गंभीर हो।


10. बाल लैंगिक शोषण हो सकता है क्योंकि :

(अ) प्यार और रोमानी रिश्ते की उलझन।

(ब) वित्तीय संकट।

(स) बच्चे अनुशासित नहीं हैं।

(द) कारणों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।☑️


नोट:- कृपया प्रश्नों अथवा विकल्पों के क्रम को लेकर कदापि भ्रमित न हों क्योंकि यह प्रत्येक प्रकरण में पृथक हो सकता है अतः प्रश्नों एवम् विकल्पों को भलीभाँति आत्मसात करने के उपरान्त ही उचित उत्तर का चयन करें।


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