कोरोना संक्रमण को लेकर जर्मनी की दूरदर्शिता
🇩🇪जर्मनी ने भांप लिया था आसन्न संकट।
🇩🇪समय पर व्यापक जाँच-ट्रैकिंग से थामी मृत्यु दर।
🇩🇪मृत्यु दर मात्र डेढ़ फीसदी तक रोकने में सफल रहने वाला प्रथम देश।
पश्चिमी देशों में घातक विषाणु कहर बरपा रहा है लेकिन जर्मनी एकमात्र ऐसा देश है, जहाँ बड़ी संख्या में संक्रमितों के बावजूद मृत्यु के आँकड़े बेहद कम हैं। मंगलवार तक इस देश में लगभग 105519 लोग संक्रमित हुये। संक्रमितों के सन्दर्भ में अमेरिका, इटली और स्पेन की उससे आगे थे लेकिन यहाँ मृत्यु दर पड़ोसी देशों की तुलना में बेहद कम रही है। जर्मनी में लगभग 1902 लोगों का देहांत हो चुका है। इस पहलू से मृत्यु दर मात्र 1.4% है। वहीं इटली में यह दर 12%, स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन में 10%, चीन में 4% व अमेरिका में 2.5% रही है। यहाँ तक कि दक्षिण कोरिया, जो कर्व फ्लैटनिंग के मॉडल के लिये जाना गया, वहाँ भी मृत्यु दर 1.7% रही है।
🇩🇪पता लगते ही शुरू हुई लोगों की ट्रैकिंग▶️
जर्मनी में मृत्यु दर कम रख पाने के पीछे ट्रैकिंग का बड़ा योगदान रहा। किसी के पॉजिटिव पाये जाने पर लक्षण न मिलने के बाद भी वह जिस-जिस के सम्पर्क में रहा उन सभी की जाँच की गई और उसे दो हफ्ते तक आइसोलेट रहने को कहा गया। इस तरह संक्रमितों की कड़ी चिन्हित की गई जो काफी कारगर रही। वहीं, शेष देश ऐसा नहीं कर सके।
🇩🇪कई देशों द्वारा आँकड़े छिपाने के आरोप नहीं टिक सके▶️
यद्यपि, जर्मनी में मृत्यु के आँकड़े कम रहने पर अमेरिका समेत कई देश उस पर आँकड़ों से खिलवाड़ का आरोप लगा रहे हैं, किन्तु कई विशेषज्ञ तथ्यों के आधार पर जर्मनी के पक्ष में खड़े हैं। स्वास्थ्य तैयारियों के साथ-साथ चांसलर एंगेला मर्केल द्वारा लोगों के साथ मित्रवत सम्वाद से भी देश में भरोसा बढ़ा। उनके द्वारा लागू किये गये लॉकडाउन नियमों को विपक्षी दलों समेत सभी लोगों ने एक स्वर में स्वीकारा। उन्होंने जाँच से लेकर उपचार तक बड़े तार्किक निर्णय लिये।
🇩🇪व्यापक जाँच रही कारगर▶️
जनवरी मध्य तक जब काफी लोग वायरस की भयावहता का अनुमान नहीं लगा पाये थे तब बर्लिन स्थित एक अस्पताल ने जाँच का फॉर्मूला बनाकर ऑनलाइन पोस्ट भी कर दिया था। जर्मनी में पहला मामला फरवरी में आया था, तब तक देशभर में प्रयोगशालाओं ने जाँच किटों के स्टॉक निर्माण सहित अन्य तैयारियाँ कर ली थीं। विषाणुविद डॉ. क्रिस्टियन द्रोस्तें के अनुसार, संक्रमण पर नियंत्रण करने में उनकी प्रयोगशालाओं ने महती भूमिका निभाई, जहाँ व्यापक स्तर पर जाँचें की गईं।
🇩🇪भविष्य की रणनीति के साथ कार्य▶️
जर्मनी ने भावी योजना भी बना ली है। वहाँ अप्रैल अन्त तक वृहद स्तर पर एंटीबॉडी अध्ययन किया जायेगा जिसके तहत जर्मनी में हर हफ्ते एक लाख लोगों की रैंडम सैंपलिंग होगी ताकि लोगों में प्रतिरक्षा विकास प्रक्रिया का पता लगाया जा सके।
🌟यद्यपि भारत सरकार के भगीरथी प्रयास भी अत्यन्त साहसिक, सराहनीय व अनुकरणीय हैं तथापि उनकी सिद्धि तभी सार्थक हो सकेगी जब प्रत्येक भारतीय तन-मन-धन से शासन-प्रशासन से समन्वय स्थापित कर तथा हर स्तर पर उनका समर्थन कर अपने मौलिक कर्त्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वाह सुनिश्चित करे।।
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ENGLISH VERSION-
🇩🇪Germany realized the impending crisis.
🇩🇪Comprehensive diagnosis on time prevented mortality.
🇩🇪First country to succeed in withholding death rate up to just one and a half percent.
The deadly virus is wreaking havoc in Western countries, but Germany is the only country where the death toll is very low despite the large number of infected persons. As of Tuesday, about 105519 people have been infected in this country. The United States, Italy and Spain were ahead of it in terms of infected, but the death rate here is much lower than in neighbouring countries. Around 1902 people have died in Germany. The death rate from this aspect is only 1.4%. In Italy, the rate is 12%, Spain, France and Britain 10%, China 4% and America 2.5%. Even South Korea, known for its model of curve flattening, has a mortality rate of 1.7%.
🇩🇪 Tracking of people started as soon as they found out ▶️
Tracking was a major contributor to keep low mortality in Germany. All those who were found positive despite of being asymptomatic and with whomsoever they met were examined and were asked to remain isolated for two weeks. In this way, the chain of the infected persons was identified which was very effective. On the other hand, the rest of the countries could not do so.
🇩🇪Accusations of hiding statistics by many countries could not last ▶️
Although many countries, including the US, are accusing it of manipulating the data, as the death toll in Germany is very low, But many experts are in favor of Germany based on the facts. Along with health preparedness, Chancellor Angela Merkel's friendly interaction with the people also increased trust in the country. The lockdown rules enforced by her were accepted by all including the opposition parties in one voice. She took big logical decisions from investigation to treatment boldly.
🇩🇪Comprehensive diagnosis proved effective▶️ ️
By the middle of January, when many people could not predict the magnitude of the virus, a hospital in Berlin had made a test formula and posted it online. By the time the first case in Germany came in February, laboratories across the country had made other preparations, including building the stock of test kits. According to virologist Dr. Christian Drosten, their laboratories played a vital role in controlling infection, where extensive tests were conducted.
🇩🇪Working with future strategy▶️
Germany has also made future plans. There will be a large-scale antibody study by the end of April, under which random sampling of one lakh people will be done in Germany every week so that the immune development process could be detected in the people.
🌟 Although the Herculean efforts of the Indian government are also very bold, commendable and exemplary, however, their attainment will be significant only when every Indian ought to ensure to coordinate with the government and administration physically, mentally and monetarily and support them at every level by fulfilling their fundamental duties sincerely.
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