स्वीडन ने क्यों कर दी महामारी सम्बन्धी हर चेतावनी दरकिनार??!!
🇸🇪 स्वीडन: हर चेतावनी दरकिनार, पीएम ने नहीं किया लॉकडाउन।
🇸🇪 कहा- अर्थव्यवस्था बेपटरी हो जायेगी।
🇸🇪वैज्ञानिक बोले, तबाही की ओर जा रहा देश।
🇸🇪बड़ी संख्या में लोगों की न तो जाँच हो रही है, न ही संदिग्धों की पहचान ही की जा रही है।
🇸🇪हजारों संक्रमित, सैंकड़ों की मृत्यु के बावजूद भी स्कूल, कॉलेज, बाजार, सिनेमा, रेस्टोरेंट, पब खुले।
कोरोना वायरस के कहर को देख यूरोपीय देशों के साथ अन्य देशों में लॉकडाउन प्रभावी हैं। वहीं स्वीडन दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहाँ वायरस के कहर के बीच सरकार ने अर्थव्यवस्था का हवाला देकर लॉकडाउन घोषित नहीं किया है। यहाँ स्कूल, कॉलेज, बाजार, सिनेमा, रेस्टोरेंट, पब आदि जैसे सार्वजनिक स्थल खुले हैं। डॉक्टर और वैज्ञानिक चेता रहे हैं कि देश तबाही की ओर बढ़ रहा है। वहीं प्रधानमंत्री का कहना है कि वायरस से लड़ने के लिये देश के हर व्यक्ति के पास भारी भरकम उत्तरदायित्व है।
स्वीडन की सरकार का कहना है कि लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था बेपटरी हो जायेगी और सब कुछ तहस-नहस हो जायेगा। वहीं डॉक्टरों व वैज्ञानिकों का कहना है कि सरकार प्रतीक्षारत है कि हालात सामान्य हो जायेंगे जिसके परिणामस्वरूप सरकार ने अब तक कोरोना रोकथाम के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़े डॉक्टर, वैज्ञानिक और पैरामेडिकल स्टाफ भयभीत हैं। उनका कहना है कि हालात ऐसे ही रहे तो हम तबाह हो जायेंगे जिसकी भरपाई कभी सम्भव नहीं हो पायेगी। लेख लिखे जाने तक स्वीडन में 6100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 350 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी हैं।
🇸🇪हर चीज पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते: पीएम➡️
स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लॉफवेन ने लोगों से कहा है कि हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी। हम हर चीज पर अंकुश या प्रतिबन्ध नहीं लगा सकते हैं क्योंकि ये सवाल सामान्य बुद्धिमत्ता का है। जो युवा हैं, वो अपनी जिम्मेदारी निभायें, अफवाह न फैलायें, कोई इस क्षण अकेला नहीं है। हर व्यक्ति के पास देश के प्रति भारी भरकम जिम्मेदारी है।
🇸🇪वायरस को घातक बनने का अवसर दे रहे➡️
स्वीडन की कारोलिन्सका इंस्टीट्यूट की प्रो. सेसीलिया सॉडरबर्ग नॉक्लर का कहना है कि हम बहुत अधिक लोगों की जाँच नहीं कर रहे हैं, न ही वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान कर रहे हैं। इसका आशय है कि हम वायरस को घातक बना रहे हैं जो हमें विनाश की ओर ले जायेगा।
🇸🇪डॉक्टरों तथा वैज्ञानिकों का सरकार से आग्रह➡️
कोरोना की भयावहता को समझने वाले डॉक्टर, वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों ने सरकार से ठोस कदम उठाने की माँग की है। दो हजार डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों ने सरकार के समक्ष अपील दायर करते हुये इस दिशा में कठोर कदम उठाने की माँग की है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें जितना विलम्ब होगा, उतनी ही भयावहता देश की सरकार और जनता को देखनी होगी।
🇸🇪50 से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते➡️
स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लॉफवेन ने वायरस से बचाव के लिये एक आदेश ऐतिहातन जारी कर दिया है जिसके तहत एक स्थान पर 50 से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकते।
🇸🇪इस कारण नहीं है वायरस का भय➡️
स्वीडन की उपसाला यूनिवर्सिटी के संक्रामक रोग विभाग के प्रो. बजॉर्न ऑलसन का कथन है कि स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में अधिकांश जनसंख्या अकेले ही रहती है। स्वीडन के अन्य नगरों में भीड़ है लेकिन वो सतर्क हैं जिस कारण डरने की जरूरत नहीं है। यदि घर में एक साथ कई पीढ़ियाँँ रह रही हैं और बुजुर्ग अधिक हैं तो खतरा है लेकिन ऐसे परिवार स्वयं ही सावधानी बरतने लगे हैं।।
प्रामाणिक स्रोत: प्रतिष्ठित हिन्दी एवम् अंग्रेजी दैनिक।
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