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Monday, October 19, 2020

नवरात्र का तृतीय दिवस माँ चन्द्रघण्टा को समर्पित

 🚩माँ भवानी का तृतीय स्वरूप- देवी चन्द्रघण्टा🚩




आज मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना होगी। माँ चन्द्रघण्टा के शिख पर चंद्र और हस्त में घण्टा है, जो शान्ति व नाद के प्रतीक हैं। शास्त्रों में, आराधना में नाद पर विशेष ध्यान दिया गया है। की आराध्य शक्ति हैं। मां चंद्रघंटा नाद के साथ शांति का संदेश देती हैं। माँ के दस हाथ हैं। माँ का वाहन सिंह है। देवासुर संग्राम में देवी के घण्टा नाद से कई असुर काल के ग्रास बन गये।

शास्त्रों में, आराधना में नाद पर विशेष ध्यान दिया गया है। सुर व संगीत दोनों को ही वशीकरण का बीज मंत्र माना गया है। चन्द्रघण्टा देवी इसी की आराध्य शक्ति हैं। माँ चन्द्रघण्टा नाद के साथ शान्ति का संदेश देती है। माँ के इस स्वरूप की आराधना में सिद्धकुंजिका स्तोत्रम् का पाठ मंगल फलदायी है। दुर्गा माँ का यह स्वरूप कल्याणकारी है।

🚩मिशन शक्ति🚩

 बेटियों पर बुरी नजर डालने वालों की दुर्गति तय।


महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा व सम्मान के लिए 180 दिन चलेगा अभियान।




 उ.प्र. सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के लिए पूरे प्रदेश में 'मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत करते हुए साफ कहा कि बेटियों पर बुरी नजर डालने वालों की दुर्गति तय है। जो लोग नारी गरिमा और उसके स्वाभिमान को दुष्प्रभावित करने की कोशिश करेंगे, उनके लिए यूपी की धरती पर कोई जगह नहीं है। ऐसे लोग सभ्य समाज के लिए कलंक हैं। हर बेटी- हर महिला की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।




सीएम ने बलरामपुर में नवरात्रि के पहले दिन देवीपाटन शक्तिपीठ तुलसीपुर में माँ दंतेश्वरी की पूजा अर्चना व गोसेवा करने के बाद 'मिशन शक्ति' की शुरुआत की। सीएम ने रिजर्व पुलिस लाइन में कहा कि यह अभियान शारदीय नवरात्र से शुरू होकर वासंतिक नवरात्र के 180 दिन चलेगा। इस दौरान उन्होंने यूपी पुलिस की भर्ती में बेटियों को 20 प्रतिशत आरक्षण देने की भी घोषणा की।


शोहदों से निपटने के लिए सीएम का मंत्र..


जागरूकता, काउंसिलिंग, नहीं माने तो सामाजिक बहिष्कार।


◾24 विभाग तथा अंतरराष्ट्रीय व स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों की मदद से तीन चरण में मिशन पूरा होगा।


◾पहला चरण : नौ दिन महिला सुरक्षा सम्मान व स्वावलंबन के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। 

◾दूसरा : महिलाओं के प्रति दुष्प्रवृत्ति रखने वाले व्यक्तियों तथा सभ्य समाज में बाधा बनने वालों को चिन्हित किया जाएगा।

◾तीसरा : ऑपरेशन दुराचारी के तहत समाज के सहयोग से सभ्य समाज में बाधा बनने वालों को सजा दिलाई जाएगी।


उद्योगों व कॉरपोरेट संस्थानों में भी चलेगा अभियान-

 प्रदेश सरकार का 'मिशन शक्ति' अभियान भारी उद्योगों, कॉरपोरेट प्रतिष्ठानों व व्यापारिक संस्थाओं में भी तय रणनीति के साथ संचालित किया जाएगा। इसके क्रियान्वयन के लिए आईएएस अधिकारी व विशेष सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास सुजाता शर्मा को नोडल अधिकारी नामित किया है। अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने इन्वेस्ट यूपी व समस्त औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों, आयुक्त वाणिज्यकर तथा मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। ये कार्यक्रम 23 अक्तूबर तक चलेंगे।


सुरक्षा के लिये पिंक स्कूटर पर महिला ब्रिगेड-

राज्यपाल महोदया ने शनिवार को लखनऊ में सेफ सिटी परियोजना व मिशन शक्ति का शुभारम्भ किया। उन्होंने 100 पिंक स्कूटर व महिला सुरक्षा के लिये 10 चौपहिया वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।


महिला हेल्पलाइन का होगा विस्तार, 25 संवेदनशील जगहों पर पिंक बूथ बनेंगे-

सीएम ने कहा-भ्रूण हत्या करने वालों का होगा सामाजिक बहिष्कार।

यूपी में नारी शक्ति मिशन का विस्तार करते हुये सीएम ने कहा, वीमेन पावर लाइन सेवा का विस्तार किया जायेगा। 1090, 1076, 181, 108 तथा 102 सेवाओं का आपस में विलय कर महिलाओं की शिकायतों का प्रभावी ढंग से निस्तारण किया जायेगा। प्रदेश भर में 25 संवेदनशील स्थलों पर महिला सहायता हेतु पिंक बूथ स्थापित किये जायेंगे।

सीएम ने कहा, ऑनलाइन फैमिली कॉउंसलिंग की जायेगी। भ्रूणहत्या करने वाले परिवारों की पहचान कर उनका सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा। परिवार में लोगों को जागरूक कर दहेज हत्या व महिला हिंसा के प्रति सजग किया जायेगा। दहेज प्रथा का विरोध होगा। बेटियों को न्याय दिलाने के लिये फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जायेगी।


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Sunday, October 18, 2020

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की रणनीति

👩‍🏫प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में समय प्रबन्धन की रणनीति का है विशेष महत्व👩‍🏫


देश में कोविड महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के पश्चात एक बार फिर से सरकारी नौकरियाँ हासिल करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का दौर आरंभ हो गया है। ऐसे में यह समझना बेहद जरुरी है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए भी अलग रणनीति पर काम करना होता है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में बुनियादी तरीके से सवाल पूछे जाते हैं। इसलिए आपको अपने बेसिक्स हमेशा तरोताजा बनाए रखने चाहिए। इसके लिए छोटी कक्षाओं यानी कक्षा-5 से 12 तक की विज्ञान और मानविकी से जुड़ी किताबों को पढ़ना फायदेमंद होता है।

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यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि प्रत्येक परीक्षा के लिए अलग रणनीति बनाने की आवश्यकता होती है। विषय और टॉपिक के आधार पर एक बेहतर रणनीति के साथ स्टेप बाई स्टेप तैयारी को अंजाम दिया जा सकता है। ऐसी परीक्षाओं में बहुविकल्पीय प्रकार के प्रश्न हों या फिर लिखित दोनों में ही समय प्रबंधन का बड़ा योगदान है।

कई लोग परीक्षाओं में पास होने के लिए परीक्षा के समय ही पढ़ते हैं और अपनी कोर्स की किताबों को पढ़ने तक ही सीमित रहते हैं। लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने के लिए रोज पढ़ना जरुरी हैं। दैनिक राष्ट्रीय अखबार और समाचार चैनलों से रोजमर्रा की जानकारी को आत्मसात करने की आदत बनाना कारगार उपाय साबित होते हैं।

नवरात्र का द्वितीय दिवस माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित

🚩माँ दुर्गा का द्वितीय स्वरूप देवी ब्रह्मचारिणी🚩

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आज मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना होगी। ब्रह्मा जी की शक्ति होने से माँ का यह स्वरूप ब्रह्मचारिणी नाम से लोक प्रसिद्ध हुआ। जब मानसपुत्रों से सृष्टि का विस्तार नहीं हो सका, तो ब्रह्मा जी की इसी शक्ति ने सृष्टि का विस्तार किया। इसी कारण स्त्री को सृष्टि का कारक माना गया। ब्रह्मचारिणी देवी ज्ञान, वैराग्य और ज्ञान की अधिष्ठात्री हैं। इनके एक हाथ में कमंडल और दूसरे में रुद्राक्ष की माला है। करमाला, स्फटिक और ध्यान योग नवरात्रि की दूसरी अधिष्ठापन शक्ति है। उपासक इस दिन जितना ध्यान करेंगे उतना ही उन्हें श्रेष्ठ फल प्राप्त होगा।


🐚उपासना मन्त्र🐚

या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


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Saturday, October 17, 2020

नवरात्र का प्रथम दिवस माँ शैलपुत्री को समर्पित

रोग-शोक विनाशक हैं माँ शैलपुत्री

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माँ भगवती के प्रथम स्वरूप को शास्त्रों में शैलपुत्री के नाम से सम्बोधित किया गया है। शैलपुत्री माता सती (पार्वती) का ही रूप हैं। माता सती के पिता, प्रजापति दक्ष ने एक विशाल यज्ञ आयोजित कराया और उसमें समस्त देवी-देवताओं को आमन्त्रित किया, किन्तु भगवान शिव और माता सती को निमन्त्रण नहीं भेजा। माता सती को जैसे ही यह ज्ञात हुआ, तो वे भगवान शिव के पास पहुँची और यज्ञ में जाने का मन्तव्य
 प्रकट किया। भगवान शिव ने उन्हें समझाया कि बिना निमन्त्रण के यज्ञ में जाना श्रेयस्कर नहीं होगा, लेकिन माता सती की इच्छा के कारण भगवान शिव ने उन्हें यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। माता सती जब अपने पिता दक्ष के यहॉं पहुँची, तो वहॉं परिजनों ने उनका उपहास उड़ाया और किसी ने भी ठीक से उनसे बात तक नहीं की। परिजनों के इस व्यवहार से उनके मन को अत्यन्त कष्ट पहुँचा। उन्होंने देखा कि वहाँ भगवान शिव के प्रति तिरस्कार का भाव भरा हुआ है। दक्ष ने भगवान शिव के प्रति कुछ अपमानजनक वचन भी कहे। यह सब देखकर उनका हृदय क्षोभ, ग्लानि और क्रोध से संतप्त हो उठा। उन्होंने सोचा, भगवान शिव की बात न मान, यहाँ आकर बहुत बड़ी गलती की है। माता सती अपने पति के इस अपमान को सह न सकीं। उन्होंने अपने उस रूप को तत्क्षण वहीं योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया। वज्रपात के समान इस दारुण-दुःखद घटना को सुनकर शिवजी ने क्रोधित होकर अपने गणों को भेजकर दक्ष के यज्ञ का पूर्णतः विध्वंस करवा दिया। सती ने योगाग्नि द्वारा अपनी देह को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इस बार वे 'शैलपुत्री' के नाम से विख्यात हुईं। हेमवती भी उनका ही नाम है। माँ शैलपुत्री की आराधना से भक्तों को चेतना का सर्वोच्च शिखर प्राप्त होता है, जिससे शरीर में स्थित 'कुण्डलिनी शक्ति' जागृत होकर रोग-शोक रूपी दैत्यों का विनाश करती है।
माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप में शैलपुत्री मानव के मन पर आधिपत्य रखती हैं। जीवन में प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने की शक्ति माँ शैलपुत्री ही प्रदान करती हैं। इनके एक हाथ में त्रिशूल तथा दूसरे में कमल पुष्प रहता है। इनका वाहन वृषभ (बैल) है।

या देवी सर्वभूतेषु प्रकृति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धशेखरम, वृषारूढांं शूलधरां शैलपुत्रींं यशस्विनीम्।।


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ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण कोर्स/मॉड्यूल-1: प्रश्नोत्तरी

ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण कोर्स/मॉड्यूल-1: राष्ट्रीय पाठ्यचर्या और समावेशी कक्षा (उत्तर प्रदेश)- प्रश्नोत्तरी


16 अक्टूबर 2020 से 31 अक्टूबर 2020 तक प्रस्तावित ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण के अन्तर्गत 'पाठ्यचर्या और समावेशी शिक्षा (उत्तर प्रदेश)' में निहित प्रश्नोत्तरी का सम्पूर्ण हल👇













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#UP_राष्ट्रीय_पाठ्यचर्या_और_समावेशी_कक्षा
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Tuesday, August 4, 2020

भारत में ऑक्सफोर्ड के कोरोना रोधी टीके का परीक्षण!

ऑक्सफोर्ड की कोरोना रोधी वैक्सीन का भारत में होगा द्वितीय-तृतीय चरण का ट्रायल।

डीसीजीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इण्डिया को दी अनुमति।

Image Credit: Pixabay


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तथा फार्मास्युटिकल कम्पनी एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार कोरोना रोधी वैक्सीन से दुनिया भर के लोगों में आशा की एक नई किरण जगी है। भारत में मनुष्यों पर वैक्सीन के दूसरे व तीसरे चरण के ट्रायल के लिये ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इण्डिया (डीसीजीआई) ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया (एसाईआई) को अनुमति प्रदान कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार डीसीजीआई के डॉक्टर वी जी सोमानी ने विशेषज्ञ समिति के मूल्यांकन के निष्कर्षों के पश्चात रविवार देर रात परीक्षण की स्वीकृति दे दी। सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) के अधिकारी के अनुसार परीक्षण की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद तृतीय चरण के परीक्षण से पूर्व कम्पनी को डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (डीएसएमबी) के सेफ्टी डेटा को सीडीएससीओ को हस्तांतरित करना होगा।

29 दिन में दी जायेंगी वैक्सीन की दो खुराक

व्यक्ति को चार सप्ताह में वैक्सीन की दो डोज देनी है। पहली डोज प्रथम दिन तथा दूसरी डोज 29वें दिन दी जायेगी। इस दौरान दवा के प्रभाव, उसकी सुरक्षा एवम् अन्य कारकों को परखा जायेगा। वैक्सीन के प्रथम चरण के प्रारंभिक परिणाम सकारात्मक आने के बाद द्वितीय व तृतीय ट्रायल का अनुमोदन किया गया है।


17 नगरों में होगा 1600 व्यक्तियों पर ट्रायल

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इण्डिया की ओर से दिये गये प्रस्ताव में 18 वर्ष से अधिक आयु के 1600 लोगों पर ट्रायल की बात सामने आई है। ट्रायल देश के भिन्न-भिन्न सत्रह नगरों में होगा। वहीं ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ब्रिटेन में द्वितीय चरण गतिमान है।

भारत बॉयोटेक तथा कैडिला हेल्थकेयर की सौजन्य से पहले से ही देश में जारी प्रथम एवम् द्वितीय चरण के मानवीय परीक्षणों के चलते भारत भी कोरोना रोधी वैक्सीन के सम्भावित निर्माताओं की होड़ में सम्मिलित हो गया है।

दोनों स्थानीय फार्मा कम्पनियों द्वारा मानवीय परीक्षणों हेतु क्रमशः आठ विविध स्थानों पर 1150 प्रतिभागियों तथा पाँच विविध स्थानों पर 1000 प्रतिभागियों का चयन किया गया है।
वैश्विक स्तर पर लगभग 24 प्रायोगिक टीके मानवीय परीक्षण के विविध चरणों में हैं जबकि 141 अन्य पूर्व परीक्षण स्तर पर हैं।। 
💉💉💉💉💉💉💉जय धन्वंतरि💉💉💉💉💉💉

ENGLISH VERSION:-)

💉Serum Institute gets nod for final phase Covid vaccine trial

💉Two other potential candidates- each from Bharat Biotech and Cadila Healthcare are already conducting phase 1 and phase 2 of human trials

India's apex drug regulator has allowed Pune based Serum Institute of India (SII) to conduct late stage- Phase 2 and 3 human trials in India for the Oxford Covid-19 vaccine candidate.
With this, Serum Institute also joins the race for Covid-19 vaccine in India where two other potential candidates- each from Bharat Biotech and Cadila Healthcare are already conducting phase 1 and phase 2 of human trials.
The human trials by Serum Institute will involve around 1600 people aged above 18 years across 17 selected sites including AIIMS Delhi and Jodhpur, BJ Medical College in Pune, RMRIMS in Patna and PGIMER Chandigarh, as per media reports.
This would mean this is so far the largest trial for Covid-19 vaccine in the country as the other two candidates in human trials involve a relatively smaller participant base and trial size. For one of the other two locally developed vaccine candidates, there are 1150 participants in eight sites, whereas the other is in five sites with 1000 participants.
The approval to Serum Institute is backed with recommendations from a subject expert committee on vaccines which had earlier raised queries on the initial proposal from Serum Institute seeking permission to start clinical trials in India. While Serum Institute addressed the concerns within hours, the committee gave its final approval following a meeting on Friday.
Serum Institute has partnered with AstraZeneca for the Oxford University's Covid-19 vaccine candidate.

💉SII to conduct largest vaccine trial in India

It has shown promising results in early human trials (Phase 1 and 2) in the UK. The results published in The Lancet last month showed the vaccine to be safe and capable of inducing an immune response.
Once the trials are over successfully and the vaccine is approved, SII plans to make one billion doses of the jab over the next one year for India and other low and middle income countries. It will start producing a few millions of doses at personal risk. Based on the success of trials it is expected to be available by the end of this year. It is believed to reach the masses by the first quarter of the next year, as per media reports.
It is also said that the concerned company will try to price the vaccine below ₹1000/- (Rs. One thousand only). 

Globally, around 24 vaccine candidates are in various stages of human trials while 141 others are in the pre-clinical stages.

#Silverlining