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Wednesday, July 21, 2021

ध्यानाकर्षण: शिक्षण तकनीक-2

UP_ध्यानाकर्षण_कक्षा प्रबंधन एवं बैठक व्यवस्था


कक्षा प्रबंधन बच्चों की अधिगम प्रक्रिया में भागीदारी को बहुत सीमा तक प्रभावित करता है। इसलिए आवश्यक है कि शिक्षक अपनी कक्षा इस प्रकार से नियोजित करें जिससे सभी बच्चों को प्रतिभाग करने व सीखने के पर्याप्त अवसर मिलें। प्रायः शिक्षक बच्चों को एक ही प्रकार की पंक्तियों में बैठाकर पूरे वर्ष शिक्षण करते रहते हैं जो अरुचिकर ही नहीं अनुचित भी होता है। शिक्षक को उसे गंभीरतापूर्वक लेना होगा उन्हें समय-समय पर कक्षा में बैठक व्यवस्था को परिवर्तित करते रहना चाहिए।





आकलन प्रश्नोत्तरी-


१. ध्यानाकर्षण मॉड्यूल की कौन सी ऐसी शिक्षण तकनीक है जो कक्षा में कम सुनने वाले, कमजोर नजर वाले या बोलने में असुविधा वाले बच्चो को सीखने के पर्याप्त अवसर पर बल देती है?

(क)संसाधनों से पूर्ण कक्षा कक्ष का वातावरण।

(ख) रोचक प्रस्तावना।

(ग) रोल प्ले।

(घ) कक्षा प्रबंधन व बैठक व्यवस्था।√


२. अर्द्धचंद्राकार व्यवस्था उस समय उपयुक्त होती है जब-

(क) कक्षा कक्ष बहुत छोटा हो।

(ख) बच्चों की संख्या कक्षा में पाँच से कम हो।

(ग) बच्चों के बैठने हेतु पर्याप्त जगह हो।√

(घ) एक कक्षा में दो शिक्षक मौजूद हों।


३. कक्षा प्रबंधन बच्चों की अधिगम प्रक्रिया में भागीदारी को बहुत सीमा तक-

(क) अप्रभावित करता है।

(ख) प्रभावित करता है।√

(ग) भागीदारी को घटाता है।

(घ) आंशिक रूप से प्रभावित करता है।


४. कक्षा में बैठक व्यवस्था होनी चाहिए-

(क) गतिविधि व बच्चों तक पहुँच के अनुरूप।√

(ख) शिक्षक के अनुरूप।

(ग) पाठ्यक्रम के अनुरूप।

(घ) श्यामपट्ट के अनुरूप।


५. क्या कभी-कभी छोटे छोटे समूह में बैठाकर शिक्षण कार्य करना "कक्षा प्रबंधन व बैठक व्यवस्था" शिक्षण तकनीक के अंतर्गत आता है?

(क) हाँ।√

(ख) नहीं।

(ग) इसे मात्र बैठक व्यवस्था कहा जाएगा।

(घ) इसे मात्र कक्षा प्रबंधन व्यवस्था कहा जाएगा।


६. कक्षा प्रबंधन व बैठक व्यवस्था पर दिए गए कथनों को ध्यान से पढ़िये और सही विकल्पों के चयन कीजिये | 


कथन-1:  शिक्षक को समय समय पर कक्षा में बैठक व्यवस्था को परिवर्तित करते रहना चाहिए।

कथन-2: समय-समय पर बच्चों को अर्द्ध चंद्राकार आकृति में बैठाना चाहिए। 

कथन-3: पढ़ने-लिखने में तेज बच्चों को एक साथ बैठाना चाहिए।


विकल्प-

(क) कथन 1 व 2 सही हैं।√

(ख) कथन 2 व 3 सही हैं।

(ग) कथन 1, 2 व 3 तीनों सही हैं।

(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।


७. कक्षा शिक्षण के दौरान एक अच्छी बैठक व्यवस्था का परिणाम होता है-

(क) सभी बच्चों / समूह तक शिक्षण सामग्री आसानी से पहुँच जाती है।

(ख) छात्रों के बीच अंतःक्रिया बढ़ती है।

(ग) बच्चे समूह में कार्य करना सीखते हैं।

(घ) उपरोक्त सभी।√


८. निम्नलिखित में से कौन सा तरीका एक शिक्षक द्वारा अपनाया जाना अरुचिकर ही नहीं अनुचित भी है ?

(क) बच्चों को एक ही प्रकार की पंक्ति में बैठाकर पूरे वर्ष शिक्षण करते रहना।√

(ख) बच्चों को कभी-कभी छोटे छोटे समूह में बैठाकर शिक्षण कार्य करना।

(ग) विभिन्न क्षमताओं वाले बच्चो की जोड़ी बनाकर शिक्षण करना।

(घ) उपरोक्त सभी।


९. कम सुनने वाले, कमजोर नजर वाले, बोलने में असुविधा वाले बच्चों को कक्षा में कहाँ बैठाना चाहिए?

(क) सबसे पीछे की पंक्ति में।

(ख) एक सीधी पंक्ति में।

(ग) जहाँ वो बैठना चाहते हैं वहीं पर।

(घ) प्रथम पंक्ति अथवा श्यामपट्ट के निकट।√


१०. एक शिक्षक को अपनी कक्षा का नियोजन इस प्रकार करनी चाहिए कि-

(क) सभी बच्चे प्रतिभाग कर सकें।

(ख) सभी बच्चों को सीखने का अवसर मिल सके।

(ग) शिक्षक कक्षा के सभी बच्चों पर ध्यान रख पाएं।

(घ) उपर्युक्त सभी।√

ध्यानाकर्षण: शिक्षण तकनीक-1

UP_ध्यानाकर्षण_संसाधनों से पूर्ण कक्षा कक्ष


कक्षा कक्ष का वातावरण शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को बहुत प्रभावित करता है । यदि कक्षा कक्ष रोचक एवं आकर्षक चित्रों , लेखन, विषयगत शिक्षण सामग्रियों, अनुपूरक पठन-पाठन संसाधनों आदि से परिपूर्ण है तथा उसमें बच्चों द्वारा किए गए कार्य प्रदर्शित किए गए हैं तो ऐसे वातावरण में बच्चे निश्चित रूप से पढ़ने के लिए तत्पर होंगे।





आकलन प्रश्नोत्तरी-


१. बच्चों द्वारा बनाये गए चित्र, पोस्टर्स व विषयगत शिक्षण सामग्री कक्षा कक्ष में लगाना-

(क) संसाधनों से पूर्ण कक्षा-कक्ष वातावण का अंग नहीं है।

(ख) बच्चों को उत्साहित होकर सीखने में मदद करता है।√

(ग) शिक्षकों के बोझ को हल्का कर देता है।

(घ) ध्यानाकर्षण शिविर के लिए तैयार करते हैं।


२. संसाधनों से परिपूर्ण कक्षा-कक्ष वातावरण निर्माण करते समय शिक्षक को ध्यान रखना चाहिए कि-

(क) कक्षा-कक्ष प्रासंगिक चित्रों / चार्टों / पोस्टर्स / आकृतियों से युक्त हो।

(ख) बच्चों के स्थानीय परिवेश से जुड़ी हो।

(ग) लर्निंग आउटकम की प्राप्ति में सहायक हों।

(घ) उपरोक्त सभी।√


३. लर्निंग कॉर्नर से क्या आशय है ?

(क) बच्चों का कोने में बैठकर पढ़ने का स्थान।

(ख) कक्षा का एक कोना बच्चों को पढ़ने के लिए अभिप्रेरित करने हेतु सुसज्जित करना।√

(ग) शिक्षक की कुर्सी एक कोना में रखना।

(घ) शिक्षक कमजोर बच्चों को एक कोने में बैठाते हैं।


४. आप बच्चों को प्रिंट समृद्ध वातावरण से जोड़ने के लिए-

(क) बच्चों को कक्षा में पोस्टर्स और चित्रों के अवलोकन का अवसर देंगे।

(ख) बच्चों को चित्रों पर बात-चीत का अवसर और प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

(ग) बच्चों को चित्रों पर बात-चीत का अवसर और प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

(घ) उपरोक्त सभी।√


५. एक विद्यालय के आदर्श कक्षा कक्ष की कुछ प्रमुख शिक्षण सामग्री हैं-

(क) निर्धारित माप का श्यामपट्ट।

(ख) मानचित्र, ग्लोब, घड़ी, कूड़ादान।

(ग) प्रिंट समृद्धता व आई.सी.टी शिक्षण हेतु उपकरण।

(घ) उपरोक्त सभी।√


६. "एक ऐसी कक्षा जिसकी दीवारें रंगारंग व प्रेरणादायक है, पोस्टर्स, चार्ट पेपर्स व अन्य रोचक प्रिंट सामग्री से परिपूर्ण हैं। बच्चों की जिज्ञासा व दैनिक अनुभवों को अभिव्यक्ति के अवसर सृजित करते हैं" क्या आप इस कथन से सहमत हैं ?

(क) सहमत हैं।√

(ख) परिषदीय विद्यालयों के लिए निरर्थक है।

(ग) असहमत हैं।

(घ) प्रेरणा लक्ष्य को पूरा नहीं करते हैं।


७. मिशन प्रेरणा के तहत सरकार द्वारा निर्धारित ----- के सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा तालिका कक्षा-कक्ष में लगी होनी चाहिए।

(क) कक्षा 6 से 8 तक।

(ख) कक्षा 1 से 8 तक।

(ग) कक्षा 1 से 5 तक।√

(घ) कक्षा 1 से 3 तक।


८. ध्यानाकर्षण शिविर को ध्यान में रखकर बनाई गई आदर्श समय सारिणी कहाँ लगाना है ?

(क) प्रधानाध्यापक कक्ष में।

(ख) कक्षा-कक्ष में।√

(ग) विद्यालयीय अभिलेखों में।

(घ) बच्चों की कॉपियों में।


९. कक्षा-कक्ष में प्रेरणा लक्ष्यों की सूची और तालिकाओं को लगाने का उद्देश्य है-

(क) शिक्षकों और अन्य अनुश्रवणकर्ताओं को बच्चों के आकलन में सुविधा हो।√

(ख) सरकार का निर्देश है।

(ग) कक्षा-कक्ष प्रिंट रिच हो जाएगा।

(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।


१०. कक्षा कक्ष को प्रिंट रिच बनाने का एक महत्वपूर्ण लाभ है कि-

(क) बच्चे बार बार देखते हैं।

(ख) बच्चों की साक्षरता का पहला चरण होता है।

(ग) चारों ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में अर्थ भी छिपे होते हैं।

(घ) उपरोक्त (क)(ख)(ग)।√

Friday, June 18, 2021

साइबर फ्रॉड पर अंकुश हेतु राष्ट्रीय हेल्पलाइन

📡☎️साइबर फ्रॉड पर अंकुश हेतु राष्ट्रीय हेल्पलाइन☎️📡


📱🖥️साइबर फ्रॉड : गृहमंत्रालय ने शुरू की हेल्पलाइन🖥️📱


गृहमंत्रालय ने साइबर फ्रॉड रोकने और लोगों को इससे होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 शुरू की है। इस पर किसी भी साइबर अपराध की सूचना दर्ज की जा सकेगी। इस हेल्पलाइन को संचालित करने की जिम्मेदारी इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की होगी। वहीं आरबीआई व अन्य प्रमुख बैंक, पेमेंट वॉलेट और ऑनलाइन मर्चेंट इसमें सहयोग करेंगे। अभी यह सेवा छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में काम कर रही है। अप्रैल में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई इस हेल्पलाइन के जरिये दो महीने में 1.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रोकी गई है।

साइबर क्राइम शाखा ने लोगों को आनलाइन ठगी से बचाने के लिए नई पहल की है। इसके लिए लोगों को उस हेल्पलाइन नंबर के प्रति जागरूक किया जा रहा है, जिस पर शिकायत दर्ज कराने पर खाते या वॉलेट से निकाली गई रकम खाते में वापस आ जाएगी। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर-155260 को यूपी पुलिस की आपात सेवा 112 से भी जोड़ दिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर बनाए गए सिटीजन फाइनेंशियल फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम के तहत यह हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे पहले दिल्ली में लागू किया गया था, जिसे अब पूरे देश में लागू कर दिया गया है। यूपी में इसे आपात सेवा के नंबर-112 से जोड़ दिया गया है। जालसाज ज्यादातर रिटायर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। इस कारण ऐसे लोगों को जागरूक करने पहल की गई है।

ऐसे करेगा काम-


यदि कोई आनलाइन ठगी का शिकार हुआ है यानी उसके बैंक खाते या ई-वॉलेट से पैसा ट्रांसफर कर लिया गया है। तो सबसे पहले 155260 पर डायल करना होगा। यह कॉल 112 पर ट्रांसफर हो जाएगी। कॉल टेकर पीड़ित से संबंधित जानकारी ज्यों ही अपने सिस्टम पर फीड करेगा, अलर्ट संबंधी संदेश बैंकों के पास चला जाएगा। जिस बैंक के खाते या ई-वॉलेट से पैसा ट्रांसफर किया गया है और जिस बैंक के खाते या ई-वॉलेट में पैसा लिया गया है, दोनों को ही यह अलर्ट मिल जाएगा। यह अलर्ट मिलते ही बैंक पैसे की निकासी पर पर रोक लगा देंगे और संपर्क किए जाने पर वह रकम उसके खाते में वापस लौटा दी जाएगी।

Sunday, March 21, 2021

पूर्व आकलन प्रपत्र- एन.सी.ई.आर.टी. कक्षा-१ पाठ्यपुस्तक उन्मुखीकरण प्रशिक्षण (चरण-१)

 

पूर्व आकलन प्रपत्र 

N.C.E.R.T CLASS-1 BOOK USAGE TRAINING (PHASE-1) 


एन.सी.ई.आर.टी. कक्षा-१ (हिंदी, अंग्रेजी एवं गणित) पाठ्यपुस्तकों पर आधारित ब्लॉक स्तरीय छ: दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण-




निर्देश :- निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए:


Email address *

Name *

NEELESH KUMAR

Block Name (English Capital letters) *

SHERGARH

School Name *

PRIMARY SCHOOL VASUDHARAN JAGIR-1

Mobile Number *


1. पाठ्यपुस्तकों में छिपी पाठ्यचर्या से आप क्या समझते हैं? *

छिपी पाठ्यचर्या पाठ्य-विषयों का स्पष्ट भाग न होकर उसमें निहित सन्देश विशेष है। ये अनौपचारिक विषयों के माध्यम से सिखाए गये व्यवहार होते हैं, जिनका प्रयोग बालक अपने वास्तविक जीवन में करता है। किसी भी पाठ को पढ़ने से शब्द ज्ञान, संख्या बोध, चिंतन कौशल और रुचि का विकास होता है किंतु विषयों में समाहित पाठ्यचर्या पाठ का वह अंश होती है जिससे विश्लेषण, मूल्यांकन तथा रचनात्मक कार्यों को करने की क्षमता का विकास होता है। इसके अंतर्गत सामाजिक सन्देश, जीवन कौशल और अन्य विषयों के अन्तर्सम्बन्ध भी पाठ्यवस्तु के साथ-साथ गतिमान रहते हैं जिनको शिक्षण के दौरान उभारना आवश्यक होता है। इसमें पाठ को पढ़ाने के दौरान दी गई जानकारी तथा पूर्वज्ञान और अनुभव को समाहित किया जा सकता है। इसमें छिपे सूक्ष्म एवम् आवश्यक संदेशों को बच्चों तक पहुँचाया जा सकता है, जैसे- स्वच्छता सम्बन्धी आदतें, सन्तुलित आहार का महत्व, पेयजल की स्वच्छता एवम् सुरक्षा, अच्छे-बुरे स्पर्श की पहचान, जीव-जंतुओं एवम् पेड़-पौधों को हानि न पहुँचाना, एक-दूसरे के साथ सम्मानजनक एवम् सहयोगात्मक व्यवहार, लिंग-भेद को दूर करना इत्यादि। पाठ्यचर्या का दायरा किसी एक खाँचे में सीमित न होकर समग्र एवम् व्यापक है जो नौनिहालों के सर्वांगीण विकास हेतु अपरिहार्य व वांछनीय है।


2. चित्रपाठ किसे कहते हैं?  *

चित्रपाठ चित्रों पर आधारित आश्यपूर्ण पारस्परिक संवाद निष्पादन व स्वतंत्र वैचारिक अभिव्यक्ति हेतु विकसित चित्रात्मक साधन है जिसके द्वारा गहन वैचारिक मंथन के माध्यम से पूर्वज्ञान व संचित अनुभवों के समृद्धिकरण के साथ ही अंतर्निहित महत्वपूर्ण संदेशों का आदान-प्रदान समग्र व्यक्तित्व विकास की अवधारणा को फलीभूत करने के लिये एक तार्किक एवम् महत्वपूर्ण युक्ति है जिसमें बालक द्वारा कल्पनाशक्ति व तर्कशक्ति के अनुप्रयोग से सहज अभिव्यक्ति कौशल तथा बोधगम्यता का विकास सुनिश्चित होता है।


 3.चित्रकथा से क्या आशय है?  *

चित्रकथा से आशय बाल-सुलभ साहित्य का शाब्दिक रूप के साथ-साथ सुंदर एवम् आकर्षक ढंग से दृश्यात्मक निरूपण है जिसके माध्यम से अधिगम प्रक्रिया को अधिक रोचक, प्रेरक एवम् प्रभावशाली बनाया जा सके क्योंकि आकर्षक एवम् सुरुचिपूर्ण दृश्यरतिक सामग्री नैसर्गिक उद्दीपन की द्योतक है।


4. पोस्टर तथा चार्ट में क्या अंतर होता है?  *

पोस्टर- प्रायः शैक्षिक, सामाजिक, नैतिक, सांस्कृतिक सरीखे महत्वपूर्ण सरोकारों के सम्प्रेषण हेतु प्रयुक्त होने वाली आकर्षक व मनमोहक प्रिन्ट समृद्ध सामग्री।


चार्ट- चार्ट या लेखाचित्र प्रायः आँकड़ों का आलेखीय प्रस्तुतिकरण है जिसमें वांछित विवरण को विशिष्ट प्रतीकों द्वारा दर्शाया जाता है। यथा- बार चार्ट में छड़ों के रूप में, रेखा चार्ट में रेखाओं के रूप में तो पाई चार्ट में टुकड़ों के रूप में।


5. संख्या पूर्व संबोध क्या होता है?  *

बच्चों को संख्या अथवा गणितीय अवधारणाओं को सिखाने से पूर्व यह आवश्यक है कि उन्हें ठोस वस्तुओं के साथ स्वयं कार्य करने तथा उससे अनुभव प्राप्त करने के समुचित अवसर प्रदान किये जायें, जैसे- परिवेश में उपलब्ध वस्तुओं को पहचानना, आकार के अनुसार उन्हें क्रमबद्ध करना, उनका समूहीकरण एवम् तुलना करना। यही क्षमतायें संख्यापूर्व अवधारणाएँ कहलाती हैं।


6.संख्या पूर्व संबोध विकसित करने हेतु आपके द्वारा की जाने वाली कोई एक गतिविधि बताइए।

आदर्श प्रस्तुतिकरण हेतु समुचित भूमिका निर्माण के पश्चात् कविता के माध्यम से 'क्या हल्का और क्या भारी' का ज्ञान कराना।

आओ बच्चों बारी-बारी, 

मिलकर सीखें हल्का-भारी

तुमने देखा हाथी भारी,

करते इस पर लोग सवारी

दौड़ लगाता चूहा हल्का, 

मुर्गी का चूजा भी हल्का

हल्का तिनका, पत्थर भारी, 

देखो इनको बारी-बारी।


7. खेल गीत का कोई उदाहरण दीजिए. *

न्यौता-

चूहे के घर न्यौता है

देखो क्या-क्या होता है

चिड़िया चावल लाएगी

बिल्ली खीर पकाएगी

बन्दर पान बनाएगा 

शेरू मामा खाएगा

मुन्ना तू क्यों रोता है

तेरा भी तो न्यौता है।


8. आपके अनुसार कक्षा एक की पाठ्यपुस्तकों को बदलने की आवश्यकता क्यों है?  *

चूँकि आरम्भिक शिक्षा बच्चों की भावी शिक्षा रूपी मजबूत भवन के संदर्भ में सुदृढ़ नींव का कार्य करती है अतएव सैद्धांतिक ज्ञान के साथ ही व्यावहारिक शिक्षा भी परमावश्यक हो जाती है जिसकी सम्प्राप्ति हेतु पारम्परिक शिक्षण पद्धति को नवाचारी एवम् नवोन्मेषी कलेवर प्रदान करने के उद्देश्य से व्यक्तितव के सर्वांगीण विकास के विनिश्चय हेतु समस्त वांछित पहलुओं का समावेशन अनिवार्य है जिसकी पूर्ति हेतु N.C.E.R.T. के सौजन्य से प्रकाशित पाठ्यपुस्तकें अपेक्षाकृत रूप से प्रासंगिक एवम् प्रभावी हैं। बाल सुलभ सामग्री एवम् गतिविधियों के माध्यम से यह पाठ्यपुस्तकें बच्चों की तर्कशक्ति, चिंतन एवम् कल्पनाशीलता का विकास करने के पर्याप्त अवसर प्रदान करने में कहीं अधिक सक्षम सिद्ध हुई हैं। बच्चों की रुचि व रुझान के अनुकूल यह पुस्तकें भाषायी एवम् गणितीय ज्ञान के साथ ही तर्क, अनुभव, पूर्वज्ञान व चिंतन के आधार पर स्वायत्त अभिव्यक्ति एवम् समग्र विकास के अवसर प्रदान करती हैं।


9. बच्चों में सुनने की क्षमता विकसित करने हेतु कोई एक गतिविधि जो आपने अपने विद्यालय में की हो।  *

ICT उपकरणों की सहायता से विभिन्न ध्वनियाँ सुनाना। यथा- किसी पशु-पक्षी की आवाज़, बस का हॉर्न, रेल की आवाज़, बाँसुरी की आवाज़, सीटी की आवाज़, ढोल की आवाज़, घुँघरू की आवाज़.........आदि सुनाते हुये पूछना कि ध्वनि किसकी थी। जो बच्चा सुनकर सबसे पहले बताए उसे प्रोत्साहित करना।


10. इस प्रशिक्षण से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं?  *

सामान्यतः क्लिष्ट, गूढ़ एवम् अमूर्त अवधारणाओं को रोचक, आनन्ददायक तथा सरल-सुगम बनाने हेतु यथोचित दक्षतायें प्राप्त करना। वास्तविक जीवन एवम् दिनचर्या से तारतम्य स्थापित कर प्रत्यक्ष अनुभवों को आधार बनाते हुये विषयगत कौशलों व अवधारणाओं को सुस्पष्ट करने की कला में निपुणता अर्जित करना।



Monday, January 11, 2021

निष्ठा: कोर्स-18 आधारित गतिविधि एवम् प्रश्नोत्तरी

कोर्स-18: UP_अधिकारों की समझ, यौन शोषण और पॉक्सो अधिनियम 2012 (उत्तर प्रदेश)।

मॉड्यूल-18 आधारित समस्त प्रमुख गतिविधियाँँ एवम् प्रश्नोत्तरी।











गतिविधि-1: अधिकार बनाम आवश्यकताएँ/इच्छायें--

1. सभी अधिकार किसी जरूरत या चाह से संबंधित नहीं है।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


2. विकास के अधिकार में शामिल है, विश्राम का अधिकार, मनोरंजन और संस्कृति का अधिकार और जब हम एक बच्चे को साइकिल प्रदान करते हैं, तो हम उस अधिकार को पूरा कर रहे हैं।

(अ) सही।☑️

(ब) गलत।


3. बच्चों को जानने, खोजने और उन्हें दूसरों के साथ साझा करने का अधिकार है, कला और लिखने या किसी अन्य माध्यम से।

(अ) गलत।

(ब) सही।☑️


4. अच्छा स्वास्थ्य, पीने के लिए स्वच्छ पानी, भोजन, एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण का होना, और उन्हें सुरक्षित रहने के लिए जानकारी देना, प्रत्येक बच्चे का अधिकार है।

(अ) सही।☑️

(ब) गलत।


5. बच्चों की राय परिपक्वता या अनुभव पर आधारित नहीं है, और इसलिए उनके मत को उनके संबंध में नहीं लिया जा सकता।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


मॉड्यूल-18: गतिविधि 2:- चिंतन करें->

📌 स्कूल में बाल शोषण क्यों होता है, इस पर अपने विचार साझा करें। चिंतन के लिए कुछ समय लें और nishtha-activities.blogspot.com पर कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।

✒️ विद्यालयी स्तर पर प्रचलित बाल शोषण के प्रकरणों पर कोई भी धारण निर्मित करने से पूर्व शोषण के प्रकारों को भलीभाँति समझ लेना अत्यावश्यक है क्योंकि शोषण मात्र यौन या लैंगिक ही न होकर शारीरिक (हिंसात्मक), भावनात्मक या उपेक्षात्मक भी हो सकता है। यद्यपि किसी भी प्रकार का शोषण एक सभ्य, शिक्षित एवम् लोकतंत्रात्मक समाज के चेतनाशून्य व्यक्तित्व का परिचायक है तथापि यहाँ यह जान लेना भी समीचीन है कि विद्यालयी स्तर पर यौन शोषण के सापेक्ष अन्य उल्लिखित दुर्व्यवहारों का प्रचलन एक कटु एवम् दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव है; शोषण चाहे किसी भी रूप में रूप हो, पूर्णतः अस्वीकार्य एवम् वर्जित होना चाहिये। किन्तु दुर्भाग्यवश आधुनिकता का दम्भ भरने वाले कथित प्रगतिशील समाज में  कहीं छद्म कठोर अनुशासन के मिथ्या प्रदर्शन हेतु, तो कहीं रूढ़िवादी विचारधारा की तुष्टि हेतु या पूर्वाग्रहों से ग्रस्त होने के कारण अथवा मिथ्याभिमान, आत्ममुग्धता या प्रभुत्व स्थापन की एकाधिकारवादी मानसिकता के चलते दुर्व्यवहारों का चलन अप्रत्याशित रूप से प्रक्रियागत है जिसके निवारण हेतु आमूलचूल व धरातलीय सभ्यतागत, सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, नैतिक, चारित्रिक, सामाजिक, पारिवारिक एवम् मानसिक पुनरुद्धार की महती आवश्यकता है जिसमें शिक्षक एवम् अखिल शैक्षिक समुदाय की सक्रिय-सकारात्मक भूमिका अपरिहार्य है।


गतिविधि-3: अपनी समझ को जाँचें--

सही या गलत बताएँ-

1. लैंगिक शोषण किसी भी बच्चे, उम्र, लिंग, जाति, आर्थिक और सामाजिक स्थिति में हो सकता है।

(अ) गलत।

(ब) सही।☑️


2. अधिकांश लैंगिक शोषण किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो बच्चे के लिए अजनबी है।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


3. जब भी कोई बच्चा आपसे लैंगिक शोषण के बारे में बात करता है तो यह महत्वपूर्ण है कि आप सूचना के सत्यापन के लिए कथित शोषण कर्ता से बात करें।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


4. एक वयस्क द्वारा एक बच्चे को चीजें/उपहार, ध्यान और स्नेह, पैसा, मिठाई, खिलौने प्रदान करना या बाहर ले जाना यौन शोषण की एक प्रक्रिया की शुरुआत हो सकती है।

(अ) सही।☑️

(ब) गलत।


5. यदि यौन क्रिया के दौरान, बच्चा चिल्ला या विरोध नहीं कर रहा है या पीछे नहीं धकेल रहा है या सहमति दे दी है, तो यह समझा जा सकता है कि बच्चा उस कृत्य में रूचि रखता है।

(अ) गलत।☑️

(ब) सही।


6. बच्चे, विशेषकर लड़कियाँ, जो बाहर जाने वाली, बातूनी, शारीरिक रूप से स्पष्टवादी होती हैं, अक्सर यौन शोषण को आकर्षित करते हैं।

(अ) सही।

(ब) गलत।☑️


7. एक संभावित लैंगिक उत्पीड़नकर्ता की पहचान के लिए कोई निश्चित संकेतक/ व्यवहार नहीं है।

(अ) गलत।

(ब) सही।☑️


8. बच्चे अक्सर यौन शोषण के बारे में कहानियां बनाते है।

(अ) सही।

(ब) गलत।☑️


9. लैंगिक शोषण आमतौर पर अँधेरे, परित्यक्त स्थानों में होता है।

(अ) सही।

(ब) गलत।☑️


10. यदि बच्चा दुरुपयोग की रिपोर्ट करने के लिए तैयार नहीं है, तो हम मदद नहीं कर सकते।

(अ) सही।

(ब) गलत।☑️


मुख्य प्रश्नोत्तरी-

1. अगर आपको बच्चे के साथ हुए किसी भी लैंगिक अपराध के बारे में पता चलता है तो आप किसे रिर्पोट करेंगे?

(अ) जिला बाल संरक्षण इकाई।

(ब) चाइल्डलाइन 1098 सेवा।

(स) माता-पिता।

(द) पुलिस/एस.जे.पी.यू।☑️


2. बच्चा कौन है कोई भी व्यक्ति...........................?

(अ) 6 वर्ष की आयु से कम।

(ब) 14 वर्ष की आयु से कम।

(स) 16 वर्ष की आयु से कम।

(द) 18 वर्ष की आयु से कम।☑️


3. बाल लैंगिक शोषण .......................... से होता है।

(अ) लड़कियों के साथ ज्यादा और लड़को के साथ कम।

(ब) केवल लड़कों से

(स) लड़कियों से ही।

(द) लड़के और लड़कियों दोनों।☑️


4. एक शिक्षक उस बच्चे का समर्थन कैसे कर सकता है जो अपने लैंगिक शोषण के बारे में बात साझा कर रहा है?

(अ) दुराचारी को डाँटना/चेतावनी देना।

(ब) दूसरों के साथ घटना पर चर्चा करना।

(स) सहानुभूति के साथ बच्चे की बात सुनें और बात करें।☑️

(द) बच्चे को दोष देना।


5. कौन-सा अधिनियम बाल शोषण अपराधी को दण्डित करने के लिए विशेष कानून है?

(अ) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015।

(ब) निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009।

(स) पॉक्सो अधिनियम, 2012।☑️

(द) भारतीय दण्ड संहिता, 1860।


7. कृत्य कब एक "गुरूत्तर" अपराध बन जाता है?

(अ) जब कृत्य एक बार किया गया हो।

(ब) जो व्यक्ति विश्वास या अधिकार की स्थिति में हो, कृत्य उसके द्वारा किया गया हो।☑️

(स) बच्चे की वित्तीय स्थिति का लाभ उठाने के लिये कृत्य किया गया हो।

(द) जब महिलाओं द्वारा कृत्य किया गया हो।


8. किसी बच्चे को नग्न चित्र दिखाना किस प्रकार का शोषण है?

(अ) उपेक्षात्मक।

(ब) लैंगिक शोषण।☑️

(स) शारीरिक शोषण।

(द) भावनात्मक दुरुपयोग।


9. बाल लैंगिक शोषण की रिर्पोट की जानी चाहिए जब ...........................।

(अ) मामला दुर्व्यवहार का हो।

(ब) परिवार रिपोर्ट करने के लिए सहमत हो।

(स) सभी परिस्थितियों में जैसे ही इसके बारे में पता चलें।☑️

(द) बाल यौन शोषण का मामला गंभीर हो।


10. बाल लैंगिक शोषण हो सकता है क्योंकि :

(अ) प्यार और रोमानी रिश्ते की उलझन।

(ब) वित्तीय संकट।

(स) बच्चे अनुशासित नहीं हैं।

(द) कारणों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।☑️


नोट:- कृपया प्रश्नों अथवा विकल्पों के क्रम को लेकर कदापि भ्रमित न हों क्योंकि यह प्रत्येक प्रकरण में पृथक हो सकता है अतः प्रश्नों एवम् विकल्पों को भलीभाँति आत्मसात करने के उपरान्त ही उचित उत्तर का चयन करें।


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Friday, January 8, 2021

निष्ठा: कोर्स-17 आधारित गतिविधि एवम् प्रश्नोत्तरी

कोर्स-17: UP_कोविड-19 परिदृश्य: विद्यालयी शिक्षा में चुनौतियों का समाधान (उत्तर प्रदेश)।

मॉड्यूल-17 आधारित समस्त अनिवार्य गतिविधियाँँ एवम् प्रश्नोत्तरी।


गतिविधि-1: महामारी के दौरान एहतियात।

सत्य/असत्य चुनें-

१. छींक आए तो साड़ी के पल्लू या गमछे का उपयोग करें क्योंकि छींक में मौजूद सूक्ष्मजीवी आपके हाथ से आपके नाक, मुँह या आँखों में स्थानांतरित हो जाएगा।

(अ) असत्य।

(ब) सत्य।☑️


२. बिना हाथ धोए या साफ किए अपने चेहरे को छूने से वायरस नहीं फैलता है।

(अ) असत्य।☑️

(ब) सत्य।


३. हाथ मिलाने और कार्यक्रम आयोजित करने से महामारी फैलने का खतरा नहीं बढ़ता है।

(अ) असत्य।☑️

(ब) सत्य।


४. यदि किसी को बुखार, खाँसी और साँस लेने में कठिनाई हो, तो उसे तुरंत चिकित्सा सुविधा प्राप्त किए बिना एंटीबायोटिक्स लेनी चाहिए ।

(अ) सत्य।

(ब) असत्य।☑️


५. कोविड-19 के दौरान एहतियात के तौर पर विविध मास्क पहनें ।

(अ) असत्य।☑️

(ब) सत्य।


६. सार्वजनिक जगहों पर थूकने और धूम्रपान करने से वायरस नहीं फैलता है।

(अ) असत्य।☑️

(ब) सत्य।


७. स्व-दवा/उपचार से बचें।

(अ) असत्य।

(ब) सत्य।☑️


८. अगर कुछ भी खरीदने के लिए घर से बाहर जा रहे हैं तो अन्य लोगों को संक्रमित करने से बचने के लिए मास्क पहनें। अब बाहर जाते समय नाक और मुँह ढँकना अनिवार्य है।

(अ) सत्य।☑️

(ब) असत्य।


९. किसी को घर पर रहकर स्व-अलगाव करना चाहिए, यदि वे अस्वस्थता महसूस करना शुरू करते हैं, भले ही सिरदर्द, कम ग्रेड बुखार (37.3 ℃ या इससे ऊपर ) और हल्की बहती नाक जैसे हल्के लक्षण हों,तब तक जब तक वे ठीक न हो जायें।

(अ) असत्य।

(ब) सत्य।☑️


१०. उपयोग किए गए महीन कपड़े/कागज़ का तुरंत निपटान करें क्योंकि बूँदें वायरस को फैलाती हैं।

(अ) सत्य।☑️

(ब) असत्य।


११. अच्छी श्वसन स्वच्छता का पालन करके, यानी जब आप खाँसते या छींकते हैं तो अपने मुँह और नाक को मुड़ी हुई कोहनी या महीन कपड़े / कागज़ से ढँक कर, आप अपने आसपास के लोगों को सर्दी, फ्लू और कोविड-19 जैसे वायरस से बचा सकते हैं।

(अ) सत्य।☑️

(ब) असत्य।

मॉड्यूल 17- गतिविधि 3: प्रदर्शन

📌 अपने भावनात्मक अनुभवों को प्रदर्शित करें जो लॉकडाउन की अवधि के दौरान हुये थे। आपने उन भावनाओं का सामना कैसे किया?

✒️ इतिहास साक्षी रहा है अभूतपूर्व घटनायें सदैव अपने गर्भ में असाधारण परिस्थितियाँँ समेटे रहती हैं जिनके शक्तिशाली प्रभाव से यह प्राणी जगत यदा-कदा हतप्रभ व किंकर्तव्यविमूढ़ रह जाता है और स्वयं को सर्वश्रेष्ठ समझने का उसका अहंकार छिन्न-भिन्न हो जाता है, अंततः इस अलौकिक सृष्टि की अथाह विस्मयकारी लीलाओं के समक्ष नतमस्तक होना ही पड़ता है। कोविड-19 का दौर और उससे उपजी लॉकडाउन जैसी विकट-विषम परिस्थितियाँँ भी हमारे मानस पटल पर अमिट छवि अंकित कर चुकी हैं जो आजीवन अविस्मरणीय रहेंगी; इस दौरान अनेकों प्रिय-अप्रिय अनुभवों के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र के लाखों दैनिक श्रमिकों का करुणाजनक पलायन और उनकी दयनीय स्थिति मेरे लिये अत्यन्त भावनात्मक, हृदयविदारक एवम् कटु अनुभव रहा जिसका सामना करने के लिये मुझे अध्यात्म का आश्रय और अधिक गहनता व गम्भीरता से लेना पड़ा ताकि मानसिक शान्ति के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके। आध्यात्मिक यत्नों के अतिरिक्त कुछ परोपकारी भलमानसों के पुनीत यज्ञ में यथासामर्थ्य आंशिक आहुति न्यौछावर करने को भी सदैव तत्पर रहा किन्तु जब-जब पीड़ा लक्ष्मण रेखा लाँघ गयी तो उसे शब्दों में पिरोकर अभिव्यक्त भी करता रहा और उपलब्ध संसाधनों तथा माध्यमों द्वारा उपयुक्त मंचों तक प्रसारित भी करता रहा।

।।जय हिन्द, वन्देमातरम्।।

मॉड्यूल 17- गतिविधि 4: अपने विचार साझा करें।

📌 आप उन छात्रों का मार्गदर्शन कैसे करेंगे जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है?

✒️ जीवनचक्र में अकस्मात् ऐसे मोड़ भी आ जाते हैं जब हमारी यात्रा की गति लाख प्रयासों के बावजूद मन्द पड़ ही जाती है; वर्तमान परिदृश्य ने भी हम सबको ऐसे दोराहे पर ला खड़ा किया है जहाँँ एक शिक्षक होने के नाते जनहित और जनकल्याण को सर्वोपरि रखते हुये हमें 'सामाजिक आकांक्षाओं के दर्पण' की महती भूमिका में एक समर्पित एवम् विनम्र परामर्शदाता का पुनीत दायित्व भी निभाना होगा ताकि अपने परमकर्त्तव्य से हम पूर्ण एवम् नैसर्गिक न्याय कर सकें। एक सेनानायक की भाँति हमें अपने विद्यार्थियों तथा उनके परिजनों के मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन के साथ-साथ नैतिक, सामाजिक, वैयक्तिक, आर्थिक आदि पक्षों का भी अनुसमर्थन करना होगा जिसके लिये परस्पर व्यक्तिगत सम्बन्धों की उन्नति हेतु भावनात्मक सेतु निर्मित करना होगा क्योंकि प्रत्येक समस्या के सम्पूर्ण समाधान हेतु उसकी पृष्ठभूमि का व्यापक अन्वेषण-विश्लेषण-संश्लेषण अवश्यम्भावी है; इसी क्रम में ऐसे छात्रों के मार्गदर्शन हेतु जिनके माता-पिता का व्यवसाय इस महामारी से प्रभावित हुआ है, हमें और अधिक संवेदनशील, विनयशीलता एवम् धैर्यवान बनने की आवश्यकता है। हमें ऐसे छात्रों को कोविड-19 सम्बन्धी समस्त सावधानियों और दिशा-निर्देशों के प्रति संवेदी बनाने के साथ ही उनमें सकारात्मकता तथा वांछनीय साहस के आविर्भाव सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनका सामाजिक, मानसिक व नैतिक अनुसमर्थन भी करना होगा तथा उन्हें जटिल परिस्थितियों से जूझने के पारम्परिक मार्गों से हटकर वैकल्पिक एवम् अभिनव उपक्रमों के प्रति प्रोत्साहित करना होगा। विभिन्न डिजिटल व ऑनलाइन मंचों तथा अवसरों से उनका परिचय कराते हुये भावी असीम सम्भावनाओं के प्रति सभी हितधारकों की परस्पर सहभागिता से अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करते हुये सफल क्रियान्वयन हेतु व्यावहारिक शिक्षण-प्रशिक्षण सुनिश्चित करना होगा। उदहारणस्वरूप गवर्नमेंट ई-मार्किट प्लस (GeM+) , पी.एम. स्वनिधि जैसी सराहनीय योजनाओं को लेकर समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक को जागरूक व सक्षम बनाना होगा।

।।जय हिन्द, वन्देमातरम्।।

गतिविधि-5: अपनी समझ को परखें-

बताएँ कि निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य?

१. सभी पदाधिकारियों और छात्रों को समूची विद्यालय अवधि में फेस मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है।

(अ) असत्य।☑️

(ब) सत्य।


२. एक छात्रावास भोजनालय के समय को एक बार में छात्रों की भीड़ से बचने के लिए क्रमबद्ध किया जा सकता है।

(अ) सत्य।☑️

(ब) असत्य।


३. कोविड-19 के दौरान विद्यालय में समूह गतिविधियाँ जारी रखी जा सकती हैं ।

(अ) असत्य।☑️

(ब) सत्य।


४. बच्चों को अपने निजी परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

(अ) सत्य।☑️

(ब) असत्य।


५. छात्रों को विद्यालय जाने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।

(अ) सत्य।

(ब) असत्य।☑️

मुख्य प्रश्नोत्तरी-

१. महामारी की अवधि के दौरान छात्रों के मानसिक कल्याण के मुद्दों को सँभालने के लिए सबसे प्रभावी उपाय कौन-सा है?

(अ) निजी शिक्षक (ट्यूटर्स)।

(ब) शिक्षक।

(स) डॉक्टर।

(द) शिक्षक परामर्शदाता।☑️


२. दुनिया भर में हाल ही में खोजी गई संक्रामक बीमारी कौन-सी महामारी बन गई है?

(अ) कोविड-19।☑️

(ब) इबोला।

(स) स्वाइन फ्लू।

(द) टाइफाइड।


३. छात्रों के अधिगम के परिणाम का समय-समय पर मूल्यांकन ......... और शिक्षण विधियों में मदद करता है।

(अ) शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में सुधार करने।☑️

(ब) छात्रों को ग्रेड देने।

(स) छात्रों की योग्यता के बारे में जानने।

(द) छात्रों की बुद्धि की पहचान करने।


४. वैकल्पिक दिवसीय विद्यालय मॉडल को कारगर बनाने में कौन-सी प्रमुख चुनौती नहीं है?

(अ) जागरूकता पैदा करना।

(ब) स्वाध्याय।

(स) लचीलापन।

(द) अध्ययन सामग्री।☑️


५. कोविड-19 एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे संचारित होता है?

(अ) व्यायाम से।

(ब) हँसने से।

(स) खर्राटे से।

(द) खाँसने और छींकने से।☑️


६. छात्रवासियों (हॉस्टलर्स) के लिए सुरक्षित संगरोध (क्वारंटीन) सुविधा की व्यवस्था शुरू करने का सही समय क्या है?

(अ) विद्यालय में प्रवेश लेने के दौरान।

(ब) विद्यालय को पुनः खोलने से पहले।☑️

(स) विद्यालय शुरू होने के बाद।

(द) आवश्यकता पड़ने पर।


७. छात्रों को कोरोनो वायरस के प्रसार से बचाने के संबंध में विद्यालय में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कौन जिम्मेदार है?

(अ) एक प्रधानाचार्य।

(ब) शिक्षक।

(स) माता-पिता।

(द) सभी हितधारक।☑️


८. विद्यालय में सामाजिक दूरी को बनाए रखने का प्रभावी तरीका क्या है?

(अ) आयु-समूह के अनुसार वैकल्पिक दिवसीय विद्यालयी शिक्षा।

(ब) बोली जाने वाली भाषा के अनुसार वैकल्पिक दिवसीय विद्यालयी शिक्षा।

(स) सामाजिक पृष्ठभूमि के अनुसार वैकल्पिक दिवसीय विद्यालयी शिक्षा।

(द) छात्रों के क्रमांक के अनुसार वैकल्पिक दिवसीय विद्यालयी शिक्षा।☑️


९. किसी व्यक्ति को कोविड-19 महामारी से संक्रमित होने से बचाने की सबसे उपयुक्त विधि कौन-सी है?

(अ) हाथ मिलाना।

(ब) दोस्तों के साथ गपशप करना।

(स) जॉगिंग।

(द) सामाजिक दूरी।☑️


१०. कोरोना वायरस के कारण होने वाला कोविड-19 रोग किस प्रकार का है?

(अ) वंशानुगत।

(ब) विटामिन की कमी।

(स) प्रजातिगत (जेनेरिक)।

(द) संक्रामक।☑️


नोट:- कृपया प्रश्नों अथवा विकल्पों के क्रम को लेकर कदापि भ्रमित न हों क्योंकि यह प्रत्येक प्रकरण में पृथक हो सकता है अतः प्रश्नों एवम् विकल्पों को भलीभाँति आत्मसात करने के उपरान्त ही उचित उत्तर का चयन करें।


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Wednesday, January 6, 2021

निष्ठा: कोर्स-16 आधारित गतिविधि एवम् प्रश्नोत्तरी

कोर्स-16:UP_मापदण्ड-पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा (उत्तर प्रदेश)।

मॉड्यूल-16 आधारित सम्पूर्ण प्रश्नोत्तरी एवम् आवश्यक गतिविधियाँ-



मॉड्यूल-16: गतिविधि-2~प्रतिबिंबित

वैसे तो हमारे पास कोई ऐसा विशिष्ट कौशल नहीं है जिसके कारण हम स्वयं के या किसी अन्य के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकें लेकिन बाल्यकाल से ही ज्ञानार्जन और प्रमुख स्मरणीय बिंदुओं को लिपिबद्ध करने का स्वतःस्फूर्त जुनून अवश्य रहा है जोकि कोविड-19 के अभूतपूर्व परिदृश्य एवम् वृहद-व्यापक लॉकडाउन के दौरान भी अक्षुण रहा जिसके फलस्वरूप व्यक्तिगत ब्लॉग, यूट्यूब चैनल एवम् सोशल मीडिया के विविध माध्यमों से विषाद एवम् नैराश्य के माहौल में कुछ न कुछ सकारात्मक एवम् प्रेरक सन्देश निरन्तर साझा करने को तत्पर रहे और आज भी जब कभी क़्वालिटी टाइम मिल पाता है तो यही क्रम गतिमान रहता है, स्वयं को जागरूक रखना और यथासम्भव अधिकाधिक साथियों को प्रेरित करना।

गतिविधि-3: अपनी समझ की जाँच करें-

सत्य या असत्य चुनें-

1. कक्षा के लिये कार्य अनुभव कार्यक्रम पेश होगा।

(A) सत्य।☑️

(B) असत्य।


2. व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण में शिक्षा के सभी चरणों में उद्देश्यपूर्ण मैनुअल कार्य होना चाहिए।

(A) असत्य।☑️

(B) सत्य।


3. शिक्षा क्षेत्र में कोठारी आयोग की रिपोर्ट (1964-66) ने सामाजिक रूप से उपयोग उत्पादक कार्यों की कल्पना की, (स्कूल में, घर में, कार्यशाला में, खेत में किसी के कारखाने में या किसी अन्य उत्पादक कार्यों में भागीदारी" |

(A) असत्य।☑️

(B) सत्य।


4. व्यावसायिक विषयों में अब कक्षा 9वीं से 12वीं तक सामान्य शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न व्यवसायों के लिए रोजगार और व्यावसायिक कौशल विकसित करने की पेशकश की जाती है।

(A) सत्य।☑️

(B) असत्य।


5. सामान्य शिक्षा के तहत पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा कक्षा 6 से 8 तक दी जायेगी।

(A) सत्य।☑️

(B) असत्य। 

गतिविधि-4: गतिविधियों का सम्बन्धित क्षेत्र से मिलान करें-

कक्षा 6 से 8 तक की पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा के तहत आयोजित की जा सकने वाली गतिविधियों का सम्बन्धित क्षेत्र से मिलान करें-


प्रश्न-


उत्तर-


मॉड्यूल-16: गतिविधि-6~अपने विचार साझा करें-

सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक कौशल का एकीकरण-

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सन् 2012 में एक राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया गया। यह फ्रेमवर्क सामान्य शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा को एकीकृत करने और स्कूल से काम करने या अग्रिम शिक्षा के लिये एक सुचारू परिवर्तन हेतु शिक्षार्थियों को निर्बाध मार्ग प्रदान करने के लिये शुरू किया गया। यह सीखने के प्रतिफल के स्तर की एक श्रृंखला के रूप में आयोजित किया जाता है जिसे तालिकाबद्ध कर 1 से लेकर 10 स्तरों तक बढ़ते हुये क्रम में व्यवस्थित किया गया है। यह स्तर सीखने की जटिलता पर निर्भर करते हैं, 1 सबसे कम जटिल है जबकि 10 सर्वाधिक जटिल। यह कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में डिप्लोमा (N.S.Q.F.स्तर 5), एडवांस डिप्लोमा और डिग्री (N.S.Q.F.स्तर 6-10) के माध्यम से ग्रेड 9 (N.S.Q.F. स्तर 1) से शुरू होने वाली एक व्यापक रुपरेखा है। N.S.Q.F. के प्रत्येक स्तर को तालिकाबद्ध ज्ञान क्षेत्र में सीखने के प्रतिफलों के विवरण के रूप में वर्णित किया गया है-

(१) आवश्यक प्रक्रिया

(२) व्यावसायिक ज्ञान

(३) व्यावसायिक कौशल

(४) मुख्य कौशल

(५) उत्तरदायित्व।


मुख्य प्रश्नोत्तरी-

1. ईश्वरभाई पटेल समिति (1977) ने एस.यू.पी.डब्ल्यू को एक उद्देश्यपूर्ण सार्थक के रूप में विद्यटित किया ......... जिसके परिणामस्वरूप वस्तुओं या सेवाओं का काम होता है, जो समुदाय के लिए उपयोगी हैं।

(A) मशीन।

(B) मैनुअल।☑️

(C) अच्छा।

(D) सामान्य।


2. महात्मा गाँधी ने (1937) में कहा था कि मैनुअल और ......... कार्य को परीक्षा में जगह मिलनी चाहिए। 

(A) मौलिक।

(B) बुनियादी।

(C) उत्पादक।☑️

(D) प्रायोगिक।


3. शिक्षा का व्यावसायिक विकास और ......... बुनियादी तकनीकी कौशल के साथ-साथ उच्च माध्यमिक स्तर पर स्कूली शिक्षा के वर्षों के दौरान सामान्य शिक्षा के विकास का प्रावधान है और इसके लिए माध्यमिक स्तर के बाद व्यक्तियों के रोजगार में वृद्धि करना और उन्हें रोजगार के अवसर के लिये तैयार करना है।

(A) पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा।

(B) व्यावसायिक शिक्षा।

(C) कार्य शिक्षा।

(D) जेनेटिक।☑️


4. पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा न केवल किताबी ज्ञान और ज्ञान के अनुप्रयोग के बीच की सीमाओं को कम करती है, बल्कि यह बच्चों के कार्यक्षेत्रों में कौशल की आवश्यकताओं को भी उजागर करती है, इस प्रकार से उसकी मदद करती है।

(A) रोजगार कौशल को विकसित कर।

(B) सभी।☑️

(C) भविष्य के लिये करियर का रास्ता तय कर।

(D) कौशल प्रशिक्षण के लिये तैयार कर।


5. रोजगार कौशल मॉड्यूल को 9वीं से 12वीं कक्षा तक व्यावसायिक पाठ्यक्रम के भाग के रूप में पेश किया गया है जिसमें संचार कौशल, स्व-प्रबंधन कौशल, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी कौशल, ......... कौशल और हरित कौशल शामिल हैं।

(A) पारस्परिक कौशल।

(B) उद्यमिता कौशल।☑️

(C) अनुकूलन क्षमता कौशल।

(D) विचार कौशल।


6. भारतीय शिक्षा आयोग को हंटर कमीशन (1882) के नाम से भी जाना जाता है जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा के लिये छात्रों को तैयार करने के पहले दो विशिष्ट धाराएँँ होनी चाहिए और इसकी ......... व्यवसाय के लिए उपयुक्तता होनी चाहिए।

(A) सैद्धान्तिक।

(B) पारंपरिक।

(C) नैदानिक।

(D) व्यावहारिक।☑️


7. कार्य अनुभव को ......... के रूप में जाना जाता है।

(A) सामाजिक रूप से उपयोगी उत्पादक कार्य।☑️

(B) पूर्व-व्यावसायिक कार्य।

(C) व्यावहारिक कार्य।

(D) सामान्य कार्य।


8. अब पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा को समग्र शिक्षा के तहत कक्षा 6 से ......... तक स्कूली शिक्षा के व्यवसायीकरण के रूप में परिकल्पित किया जा रहा है।

(A) 8वीं।☑️

(B) 6वीं।

(C) 9वीं।

(D) 7वीं।


9. शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति ......... ज्ञापित है कि "व्यावसायिक शिक्षा के व्यवस्थित, सुव्यवस्थित एवं कठोरता से लागू कार्यक्रमों की शुरुआत प्रस्तावित शैक्षिक पुनर्गठन में महत्वपूर्ण है।

(A) 2020

(B) 1992

(C) 1968

(D) 1986☑️


10. योग्यता एक ......... और औसत दर्जे का ज्ञान एवं कौशल है।

(A) प्रयोगात्मक।

(B) लागू।

(C) अवलोकनीय।☑️

(D) नष्टकारी।


नोट:- कृपया प्रश्नों अथवा विकल्पों के क्रम को लेकर कदापि भ्रमित न हों क्योंकि यह प्रत्येक प्रकरण में पृथक हो सकता है अतः प्रश्नों एवम् विकल्पों को भलीभाँति आत्मसात करने के उपरान्त ही उचित उत्तर का चयन करें।



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