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Saturday, November 6, 2021

NISHTHA 3.0 FLN- COURSE 3: ENTIRE QUESTIONNAIRE

निष्ठा 3.0 (FLN) कोर्स-3: UP_बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को समझना: बच्चे कैसे सीखते हैं? (निष्ठा FLN)

संक्षिप्त परिचय: 

बच्चों की संज्ञानात्मक क्षमताओं और सीखने की शैली में भिन्नता होती है तभी तो वे अलग ढंग से सोचते और व्यवहार करते हैं, विश्लेषण भी अलग ढंग से करते हैं और उसी के अनुसार निर्णय लेते हैं। इन सभी बातों की समझ बच्चों को सीखने के अनुभव प्रदान करने से पहले उनकी सीखने की जरूरतों को जानने में शिक्षक की मदद करती है। इसी बात को ध्यान में रखकर इस कोर्स को तैयार किया गया है।

कोर्स का सिंहावलोकन:

कोर्स निर्देश:

विद्यार्थियों के लिये प्रशिक्षण, आकलन एवम् प्रमाण-पत्र प्राप्ति सम्बन्धी निर्देश।


उद्देश्य:

इस कोर्स को पूर्ण करने के पश्चात शिक्षार्थी सक्षम होंगे-

◆ बच्चों को और उनके सीखने के तरीकों की व्याख्या करने में।
◆ बच्चों में सीखने की विभिन्न दक्षताओं पर चर्चा करने में।
◆ सीखने के परिवेश के सृजन करने में।
◆ बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं को पहचानने के तरीकों का विवरण करने में।
◆ बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं को सम्बोधित करने के तरीकों का विवरण करने में।

कोर्स की रूपरेखा:

◆ बच्चों को और उनके सीखने के तरीकों को समझने का महत्व।
◆ बच्चों को और उनके सीखने के तरीकों को जानना।
◆ सीखने की जरूरतों को पहचानने के तरीके।
◆ सीखने के परिवेश का सृजन।
◆ बच्चों के सीखने को बढ़ावा देने के तरीके।


गतिविधि आधारित प्रश्नोत्तरी:

गतिविधि-1: अपनी समझ की जाँच करें-

कक्षा में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए किसे बढ़ावा दें और किसे नहीं, इसे हाँ या नहीं द्वारा वर्गीकृत करें।

1. लगातार नकारात्मक फीडबैक देना।
उ० नहीं।

2. सीखना केवल पाठ्यपुस्तकों तक ही सीमित रखना।
उ० नहीं।

3. पहल करने के लिये उत्प्रेरित करना।
उ० हाँ।

4. स्वयं सीखने के अवसर देना।
उ० हाँ।

5. खोजबीन के अवसर देना।
उ० हाँ।

6. भय उत्पन्न करना।
उ० नहीं।

7. स्वस्थ और प्रेरक परिवेश का निर्माण करना।
उ० हाँ।

8. परस्पर बातचीत के अवसर प्रदान करना।
उ० हाँ।

गतिविधि-4: अपनी समझ की जाँच करें-

1. जब कार्य बच्चों की पसंद और रुचि का होता है तो बच्चे बेहतर तरीके से सीखते हैं।
उ० हाँ।

2. समूहीकरण प्राथमिकता का अर्थ है शिक्षक के निर्देशानुसार बच्चों को समूह में शामिल होना पड़ेगा।
उ० नहीं।

3. किसी समस्या या विचार को नये तरीके से सम्बोधित करने का तरीका ही सृजनात्मक बुद्धिमत्ता है।
उ० हाँ।

4. पहले से मौजूद रुचि, दृढ़ता या चाव को दर्शाती है जबकि सम्भावित रुचि वह है जिसे पाने की बच्चे कोशिश कर सकते हैं।
उ० हाँ।

5. व्यवहारिक बुद्धिमत्ता का अर्थ है समस्या का समाधान बच्चे के लिये उस समय के महत्व के आधार पर करना।
उ० हाँ।

आकलन प्रश्नोत्तरी:

आकलन हेतु 40 महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर सहित संकलन-

1. सीखने-सिखाने की प्रक्रिया का केन्द्र कौन होता है?
उ० बच्चे।

2. 'सृजनात्मक बुद्धि' का क्या अर्थ है?
उ० नवीन और अनापेक्षित तरीके से विचारों और समस्याओं को सम्बोधित करना।

3. खोजबीन क्षेत्र के लिये किस प्रकार की सामग्री की आवश्यकता होती है?
उ० मैग्निफाइंग ग्लास (आवर्धक लेंस) और चुम्बक।

4. कक्षा में कितने प्रकार के परस्पर संवाद होते हैं?
उ० तीन।

5. कक्षा में तीन प्रकार के परस्पर संवाद कौन-कौन से हैं?
उ० साथियों के साथ परस्पर संवाद, बड़ों के साथ परस्पर संवाद और वस्तु या सामग्री के साथ परस्पर संवाद।

6. 'सामग्री के साथ परस्पर संवाद' का क्या अर्थ है?
उ० बच्चों का विभिन्न प्रकार की सीखने/ खेल सामग्री के साथ संलग्न (engage) होना।

7. बच्चों के सीखने के पूर्व ज्ञात अनुभव कैसे प्राप्त होते हैं?
उ० प्रतिदिन के अनुभव जिनका बच्चे सामना करते हैं।

8. चिंतनशील बनने से बच्चों को कैसे मदद मिलती है?
उ० नई परिस्थितियों और अनुभवों के प्रबंधन के लिये पूर्व अनुभव का प्रयोग करके।

9. 'उच्च श्रेणी की बुद्धि' वाले बच्चे का क्या अर्थ है?
उ० अक्सर विविध प्रकार से सोचने वाला।

10. सीखना क्या है?
उ० एक सक्रिय, सहयोगपूर्ण और सामाजिक प्रक्रिया है।

11. बच्चों की आवश्यकताओं का अनुमान लगाने के कितने तरीके है?
उ० तीन।

12. सबसे अधिक सीखना कब होता है?
उ० जब सीखने में सभी इंद्रियों का उपयोग या भागीदारी हो।

13. अधिकतर बच्चों की सीखने की पसंद को क्या प्रभावित करता है?
उ० मस्तिष्क का रुझान, जेंडर और निजी अनुभव।

14. हमारे पास कितनी इन्द्रियाँ हैं?
उ० पाँच।

15. 'बड़ों के साथ परस्पर संवाद' का क्या अर्थ है?
उ० अभिभावक और शिक्षक स्वयं बच्चों के साथ मिलकर सीखने की प्रक्रिया में बच्चों की सहायता करें।

16. जानकारी प्राप्त करने के चार साधन क्या हैं?
उ० दृश्य, श्रव्य, गति संवेदी और स्पर्श।

17. 'सीखने के तरीके जानना' से हम क्या समझते हैं?
उ० निजी पसन्द।

18. 'करके सीखने का अनुभव' का क्या अर्थ है?
उ० करके सीखना।

19. बच्चों की आवश्यकताओं का अनुमान लगाने के तीन तरीकों के नाम क्या हैं?
उ० बच्चों की रुचि जानना, पसन्द जानना, सीखने की शैली को जानना।

20. बच्चों के सीखने में शिक्षक की क्या भूमिका होनी चाहिये?
उ० सहायक बनना।

21. N.C.F.-2005 का पूर्ण रूप क्या है?
उ० नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क-2005।

22. कक्षा के बाहर के वातावरण/ प्रकृति की पहुँच और स्वयं करने का अनुभव किस प्रकार की बुद्धिमत्ता को प्रोत्साहित करने के उदाहरण हैं?
उ० समीक्षात्मक बुद्धिमत्ता।

23. जो बच्चे बहुत प्रश्न पूछते हैं, वह हो सकते हैं?
उ० जिज्ञासु।

24. बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये गतिविधि/ रुचि क्षेत्र की मुख्य विशेषता क्या है?
उ० कक्षा में हर तरफ से पहुँच में हो।

25. बच्चों के अलग-अलग सीखने के तरीके और सीखने की गति किसके फलस्वरूप होती है?
उ० जानकारी ग्रहण करने, परिस्थिति की समीक्षा करने और निर्णय लेने के तरीके।

26. सक्रिय और स्वायत्तशासी (Autonomous) छात्र बनने के लिये बच्चों को क्या करना चाहिये?
उ० जिज्ञासु, पहल करने वाला, आत्मविश्वासी, खोजी प्रवृत्ति के और चिंतनशील बनकर।

27. एक बार बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं की खोज के बाद शिक्षक को क्या करना चाहिये?
उ० सीखने की योजना या निर्देशात्मक प्रक्रिया बनायें।

28. बच्चों के वर्तमान स्कूल, कार्य और भविष्य के शैक्षिक व आजीविका के लक्ष्य के बीच का सह-सम्बन्ध कब देखा जाता है?
उ० जब बच्चे उस काम में शामिल होते हैं जिसमें उन्हें आनन्द आता है।

29. गतिविधि/ रुचि क्षेत्र के सही उदाहरण क्या हैं?
उ० कला, खोज, ब्लॉक, संगीत।

30. बच्चे बेहतर कब सीखते हैं?
उ० जब स्वयं करके सीखने में युक्त रहते हैं।

31. कक्षा में एक ही समय में सभी गतिविधि, रुचि, क्षेत्रों की व्यवस्था करने के लिये स्थान की कमी हो तो क्या करना चाहिये?
उ० एक समय में कम से कम चार की व्यवस्था करना और प्रत्येक पन्द्रह दिन में बारी-बारी बदलते रहना।

32. पाँचों इंद्रियों का नाम क्या है?
उ० देखना, स्वाद, स्पर्श, सूँघना, सुनना।

33. गतिविधि/ रुचि क्षेत्रों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उ० अपनी पसंद की गतिविधि में खेलना और भाग लेना।

34. सीखने के अनुभव शुरू करने से पहले शिक्षकों को क्या करना चाहिये?
उ० बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं का पता लगायें।

35. 'बच्चों की रुचि जानना' इसके अन्तर्गत कौन सी रुचियाँ आती हैं?
उ० पहले से मौजूद रुचि और सम्भावित रुचि।

36. कला के द्वारा सीखने के सही उदाहरण क्या हैं?
उ० आकार बनाना और गत्यात्मक पैटर्न की पहचान करना।

37. सम्भावित रुचि में क्या शामिल है?
उ० किसी ऐसी चीज में रुचि जिसके बारे में बच्चा जानता नहीं है, शायद जान जाये तो उसमें ही रुचि हो जाये।

38. बच्चों के अलग-अलग सीखने के तरीके और सीखने की गति किसके फलस्वरूप होती है?
उ० जानकारी ग्रहण करने, परिस्थिति की समीक्षा करने और निर्णय लेने के तरीके।

39. सामूहिक पसन्द का अर्थ क्या है?
उ० किसी विशेष परस्पर संवाद को प्राथमिकता देना जैसे अकेले कार्य करना, साथी के साथ कार्य करना, बड़े-छोटे समूह में कार्य करना।

40. बच्चे 'समग्र रूप से सीखते हैं' का क्या अर्थ है?
उ० बच्चे सभी प्रकार के स्रोतों से जानकारी ग्रहण करते हैं।

सारांश:



#NISHTHA_FLN_3.0_COURSE_3_ENTIRE_ONE_LINER_QUESTIONNAIRE

Friday, November 5, 2021

NISHTHA 3.0 (FLN): COURSE 2- ENTIRE QUESTIONNAIRE

निष्ठा (FLN) 3.0: कोर्स-2:- UP_दक्षता आधारित शिक्षा की ओर बढ़ना।

HEADING TOWARDS COMPETENCY BASED EDUCATION

परिचय: इस कोर्स में दक्षता आधारित शिक्षा की ओर बढ़ने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। इसमें बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान के तीन विकासात्मक लक्ष्यों पर चर्चा की गई है। इसमें प्रतिभागियों के सीखने के प्रतिफलों के संहिताकरण से परिचित भी कराया गया है।

कोर्स का सिंहावलोकन: (i) शिक्षार्थियों के लिये निर्देश- प्रशिक्षण, आकलन एवम् प्रमाण-पत्र प्राप्ति सम्बन्धी निर्देश।

(ii) उद्देश्य: इस कोर्स को पूरा करने के पश्चात शिक्षार्थी निम्न उद्देश्यों को प्राप्त कर सकेंगे-

● 'दक्षता' और 'सीखने के प्रतिफल' पारिभाषिक शब्दों में अंतर करना।
● दक्षता आधारित शिक्षा की ओर बदलाव की आवश्यकता का वर्णन करना।
● भारत में दक्षता आधारित शिक्षा की ओर बदलाव के लिये की गई पहल की व्याख्या करना।
● एकीकृत और समग्र विकास के लिये FLN (बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान) रूपरेखा में प्रयुक्त तीन विकासात्मक लक्ष्यों का वर्णन करना।
● FLN रूपरेखा में सीखने के प्रतिफलों का संहिताकरण की समझ का प्रदर्शन करना।


(iii) कोर्स की रूपरेखा:

● FLN के लिये दक्षता आधारित शिक्षा की आवश्यकता।
● दक्षता आधारित शिक्षा की अवधारणा।
● FLN के लिये सीखने के प्रतिफल।
● दक्षता आधारित शिक्षा प्रणालियों में बदलाव।
● भारत में दक्षता आधारित शिक्षा की ओर।
● मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान (FLN) रूपरेखा लक्ष्य और सीखने के प्रतिफलों का संहिताकरण।


सम्पूर्ण गतिविधि एवम् प्रश्नोत्तरी संकलन:

गतिविधि-1: अपने विचार साझा करें-

विद्यालय में जब अलग-अलग पृष्ठभूमियों के बच्चे, सीखने की भिन्न-भिन्न आवश्यकताएँ लेकर प्रवेश करते हैं, तो अधिकांशतः सभी विद्यार्थियों से कक्षा की विषय सामग्री के मानकों को पूरा करने और सीमित शिक्षा प्रणाली में परीक्षण देने के लिये तैयार किया जाता है। ज्यादातर समय केवल पाठ्यक्रम को पूरा करने पर् ध्यान दिया जाता है, इस बात पर चिंतन नहीं किया जाता कि बच्चे गहन समझ और अनुप्रयोग के स्तर तक पहुँचने में सक्षम हैं या नहीं?? जबकि ऐसे बच्चों को निदानात्मक परीक्षण द्वारा चिन्हित कर उपचारात्मक शिक्षण से लाभान्वित किया जाना हमारा नैतिक दायित्व है ताकि समस्याग्रस्त बच्चे भी शिक्षा की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकें क्योंकि जब बच्चों के सीखने के स्तर को ध्यान में रखे बिना सभी बच्चों को एक जैसी शिक्षा दी जाती है और एक ही समय पर परीक्षण भी किया जाता है, उन्हें तुरंत ही विजेता और हारने वाले कि श्रेणी में विभाजित कर दिया जाता है तो तीसरी कक्षा के अंत तक बच्चे सीखने के ऐसे निष्प्रभावी तरीकों के अभ्यस्त हो जाते हैं और यह हानिकारक क्रम जीवनपर्यंत चलता रहता है जो अंततोगत्वा बच्चों को असफल और हतोत्साहित नागरिकों के झुण्ड में रूपांतरित कर देता है जो अखिल राष्ट्र के विकास में बाधक है।।

🇮🇳जय हिन्द, जय भारत🇮🇳

गतिविधि-3: कथन पढ़ें और 'सही' या 'गलत' के रूप में चिन्हित करें-

(i) सीखने के प्रतिफलों का आकलन विद्यार्थी और शिक्षकों के लिये मार्गदर्शक साधन का कार्य करता है।
(उ) सही।

(ii) सीखने के प्रतिफल पाठ्यपुस्तकों के पाठों को प्रतिचित्रित करते हैं।
(उ) गलत।

(iii) सीखने के प्रतिफलों के 'कौशलों' के रूप में सन्दर्भित किया जाता है।
(उ) गलत।

(iv) सीखने के प्रतिफल आधारित योग्यताएँ उन्नत और सक्रिय सीखने की प्रक्रियाएँ, बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और अधिक उपयुक्त योग्यताएँ प्रदान करती हैं।
(उ) सही।

(v) सीखने के प्रतिफलों का आकलन करने के लिये रचनात्मक आकलन का प्रयोग होता है।
(उ) सही।

(vi) दक्षताएँ एक औपचारिक सेटिंग में प्रणालीगत शिक्षण द्वारा प्राप्त की जा सकती हैं।
(उ) गलत।

(vii) दक्षता एक निर्धारित सन्दर्भ में सीखने के प्रतिफलों को पर्याप्त रूप से लागू करने की योग्यता की ओर संकेत करती है।
(उ) सही।

(viii) सीखने के प्रतिफल अवलोकन और मापने योग्य होने चाहिये।
(उ) सही।

(ix) सूचना, ज्ञान, समझ, प्रवृत्तियों, मूल्यों, कौशलों और व्यवहार की समग्रता दक्षता है।
(उ) गलत।

(x) दक्षता और सीखने के प्रतिफल समानार्थी शब्द हैं और एक-दूसरे के स्थान पर प्रयुक्त हो सकते हैं।
(उ) गलत।

गतिविधि-5: अपनी समझ की जाँच करें-

(i) भारत में दक्षता आधारित शिक्षा को समर्थ बनाने हेतु कौन सी तीन परिस्थितियाँ हैं:
(a) जब RTE ACT-2009 में एक स्वाभाविक शिक्षार्थी के रूप में बच्चों द्वारा ज्ञान का सृजन करने की क्षमता को स्वीकार किया गया और सीखने की प्रक्रिया में शिक्षक की भूमिका के परिकल्पना एक सुगमकर्ता के रूप में की गई।
(b) सर्व शिक्षा अभियान प्रारम्भ करना।
(c) RTE ACT-2009 के नियम 23(2) के संशोधन में यह अनिवार्य कर दिया गया कि "सभी राज्यों के लिये सीखने के प्रतिफल तैयार करने की आवश्यकता है।"
(d) 'सीखने के न्यूनतम स्तर' विकसित किये गये।
(e) NCERT ने कक्षा 1-8 की सभी कक्षाओं और विषयों के लिये सीखने के प्रतिफल विकसित किये।
उपर्युक्त कथन में से कौन-सा कथन सही है?
(उ) विकल्प (a), (c) और (e)।

गतिविधि-6: अपने विचार साझा करें-

व्यक्तिगत स्वच्छता सम्बन्धी आदतों को प्रोत्साहित करने हेतु बच्चों को कीटाणुओं और रोगों से सुरक्षित रखने हेतु हस्त प्रक्षालन के उचित तरीके सिखाना अत्यावश्यक है। उन्हें शौचालय के उचित प्रयोग की आदतें, अपने शरीर का ध्यान रखना, नहाना, बालों में कंघी करना, नाखून काटना आदि भी सिखाया जाना चाहिये। उन्हें मुख और दन्त स्वच्छता सिखाना भी ज़रूरी है। व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ परिवेशीय साफ-सफाई भी अत्यंत महत्वपूर्ण है अतः बच्चों को अपनी कक्षाओं, घरों और आस-पड़ोस को साफ रखने के बारे में समझाना परमावश्यक है।।

🇮🇳जय हिन्द, जय भारत🇮🇳

आकलन प्रश्नोत्तरी (41 प्रश्नों का संग्रह)-

1. दक्षता मॉडल में शिक्षण की विद्यार्थी के ......... से मिलान करने के लिये योजना बनाई जाती है।
उ० विकासात्मक तैयारी।

2. गैर प्रति क्रियात्मक शिक्षण ......... पर ध्यान केंद्रित करता है ।
उ० बच्चों के सीखने को सुनिश्चित किये बिना पाठ्यक्रम पूरा करने।

3. शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के नियम 23(2) का संशोधन चिन्हित करता है कि .........।
उ० सभी राज्यों को कक्षावार, विषयवार सीखने के प्रतिफल तैयार करने चाहिये।

4. बच्चों का अच्छा स्वास्थ्य और खुशहाली बनाना इस बात पर ध्यान केंद्रित नहीं करता ......... ।
उ० भाषा और साक्षरता।

5. FLN फ्रेमवर्क में सीखने के प्रतिफल व्यवस्थित हैं?
उ० सर्पिलाकार।

6. भोजन में पोषक तत्व विटामिन-A, आयोडीन, आयरन और जिंक प्रदान करते हैं?
उ० सूक्ष्म पोषक तत्व।

7. भोजन में प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं?
उ० स्थूल पोषक तत्व।

8. विशिष्ट कथन जिसमें ठीक-ठाक वर्णन किये गये हैं कि एक छात्र मापने योग्य तरीके से क्या करने योग्य होगा, कहलाते हैं?
उ० सीखने के प्रतिफल।

9. जिस शिक्षण में बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जाता और केवल पाठ्यक्रम को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, उसे कहा जाता है?
उ० गैर प्रतिक्रियात्मक शिक्षण।

10. बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान की रूपरेखा को विभाजित किया गया है?
उ० तीन विकासात्मक लक्ष्यों में।

11. एक स्वाभाविक शिक्षार्थी के रूप में बच्चे की ज्ञान सृजित करने की क्षमता को स्वीकार करना है?
उ० रचनावादी पद्धति।

12. बच्चे बिना समझे सामान्य डिकोडिंग द्वारा यांत्रिक ढंग से पढ़ना सीखते हैं यदि उनका ......... सुनिश्चित न हो।
उ० मौखिक भाषा आधार।

13. NCERT ने 'प्राथमिक स्तर में सीखने के प्रतिफल' प्रत्येक कक्षा और विषय के लिये वर्ष ......... में विकसित किये।
उ० 2017।

14. विकासात्मक लक्ष्य 3 कक्षा 3 में निम्नलिखित विषयों की ओर प्रगति करता है-
उ० गणित और पर्यावरण अध्ययन।

15. बच्चों को निः शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE ACT) अधिनियम का उद्देश्य ......... आयु के बच्चों को नि: शुल्क और अनिवार्य शिक्षा देना है।
उ० 6-14 वर्ष।

16. सीखने के प्रतिफल एक विशेष कक्षा और विषय के लिये प्रतिचित्रित करते हैं?
उ० पाठ्यचर्या को।

17. बच्चों को नि: शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिनियम (RTE ACT) किस वर्ष पास हुआ था?
उ० 2009।

18. प्रारम्भिक बाल्यावस्था सामाजिक और भावात्मक कौशल जिन्हें ......... भी कहा जाता है, सीखने के लिये विकास की महत्वपूर्ण अवधि है।
उ० मानसिक स्वास्थ्य।

19. एक दिनचर्या में, बच्चे के समग्र विकास के लिये तीन विकासात्मक लक्ष्यों को सम्बोधित किया जाना चाहिये?
उ० एक एकीकृत तरीके से।

20. "लक्ष्यों" को ......... द्वारा FLN मिशन की प्रगति के निगरानी करने के रूप में परिभाषित किया गया है।
उ० राज्य पदाधिकारियों।

21. रचनावादी पद्धति में शिक्षक को ......... के रूप में देखा जाता है।
उ० सुगमकर्ता।

22. दक्षता आधारित शिक्षा प्रणाली में, आकलन का प्रयोग होता है?
उ० विद्यार्थी और शिक्षकों के लिये मार्गदर्शन साधन के रूप में।

23. दक्षता आधारित शिक्षा इस विचार पर आधारित है कि शिक्षार्थियों को अवधारणाओं और सिद्धांतों की गहरी समझ विकसित करने योग्य हो जाना चाहिये ताकि ......... ?
उ० वे ज्ञान को वास्तविक जीवन की स्थितियों में हस्तांतरित/ प्रयोग कर सकें।

24. गतिविधियाँ जैसे काटना, फाड़ना, चिपकाना, मोती पिरोना, पेहलियाँ जोड़ना, गीली मिट्टी/ कले, बालू, पानी आदि से खेलने से होता है?
उ० सूक्ष्म माँसपेशियों का विकास।

25. गतिविधियाँ जिनमें भागना, दौड़ना, कूदना, सन्तुलन बनाना, साइकिल चलाना शामिल हैं, ......... के लिये प्रदान की जानी चाहिये।
उ० बड़ी स्थूल माँसपेशियों के विकास।

26. प्रत्येक दक्षता को एक नम्बर/ कोड ......... के लिये दिया गया है।
उ० सरल पहचान करना और सन्दर्भ।

27. दक्षता आधारित शिक्षा में आदर्श आकलन किया जाता है?
उ० पूरा वर्ष।

28. कौन-सा दक्षता आधारित शिक्षा का प्रतिफल नहीं है?
उ० छात्र वार्षिक परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करते हैं।

29. जिस शिक्षण में बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जाता और केवल पाठ्यक्रम को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, उसे कहा जाता है?
उ० गैर प्रतिक्रियात्मक शिक्षण।

30. बच्चों के सीखने की प्रगति का आकलन करने के लिये शिक्षकों और हितधारकों के मार्गनिर्देशक बिंदु हैं?
उ० सीखने के प्रतिफल।

31. सन्दर्भ के उपयुक्त ज्ञान, कौशलों और प्रवृत्तियों के मेल को इस रूप में परिभाषित करते हैं?
उ० दक्षता।

32. FLN का तीसरा वर्ष इस नाम से जाना जाता है?
उ० बालवाटिका।

33. प्रतिफल आधारित पद्धति प्रदान नहीं करती?
उ० उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण के रूप में आकलन।

34. सीखने के प्रतिफलों को होना चाहिये?
उ० अवलोकन करने और मापने योग्य।

35. कौन-सा लक्ष्य FLN का नहीं है?
उ० बच्चे खेलों में भाग लेते हैं।

36. ......... के अंत तक बच्चे सीखने के ऐसे तरीकों के आदी हो जाते हैं जो जीवनपर्यंत चलता रहता है?
उ० कक्षा 3।

37. भावनाओं की अभिव्यक्ति और प्रबंधन तथा सकारात्मक और उपयोगी सम्बन्ध स्थापित करने की योग्यता और परिवेश को खोजने और संलग्न होने की योग्यता का हिस्सा है?
उ० सामाजिक-भावात्मक विकास।

38. पोषण देखभाल का घटक नहीं है?
उ० स्वायत्तता।

39. संज्ञानात्मक तत्वों, आधारभूत पहलुओं और अंतर्वैयक्तिक गुणों के कुल योग को कहते हैं?
उ० दक्षता।

40. एक स्वाभाविक शिक्षार्थी के रूप में बच्चे की ज्ञान सृजित करने की क्षमता को स्वीकार करना है?
उ० रचनावादी पद्धति।

41. FLN फ्रेमवर्क में दक्षताएँ और सीखने के प्रतिफल प्राप्त किये गये हैं?
उ० विकासात्मक लक्ष्यों से।

सारांश:



#NISHTHA_3.0_FLN_COURSE_2_ENTIRE_QUESTIONNAIRE

NISHTHA 3.0 (FLN)- COURSE 1: ENTIRE QUESTIONNAIRE

COURSE-1: UP_बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन (निष्ठा FLN)

FUNDAMENTAL LITERACY AND NUMERACY MISSION

परिचय: बच्चों की शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों में भाषा और गणित कौशल का निर्माण करने और दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिये भारत सरकार ने बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन (FLN) आरम्भ किया है। यह कोर्स मिशन के उद्देश्यों और लक्ष्यों से सम्बन्धित है और इस सम्बन्ध में विभिन्न हितधारकों की भूमिका पर प्रकाश डालता है।

उद्देश्य: इस कोर्स को करने के पश्चात शिक्षार्थी सक्षम होंगे-

● शिक्षा के आधार के रूप में प्रारम्भिक बाल्य देखभाल और शिक्षा (ECCE) की आवश्यकता और महत्व का वर्णन करना।
● बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन के लक्ष्य को समझना।
● FLN मिशन की आवश्यकता को पहचानना।
● FLN के लक्ष्य और उद्देश्यों को जानना।
● विभिन्न हितधारकों की भूमिका और जवाबदेही को समझना।

संक्षिप्त परिचय: 

● बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन का परिचय।
● बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा अधिगम शिक्षा के आधार के रूप में।
● FLN मिशन की दूरदर्शिता।
● FLN मिशन की आवश्यकता।
● FLN मिशन के उद्देश्य।
● विभिन्न हितधारकों की भूमिकाएँ व जवाबदारियाँ।

कोर्स की रूपरेखा:


सम्पूर्ण गतिविधि एवम् प्रश्नोत्तरी संकलन-

गतिविधि-1: अपनी समझ साझा करें-

'पत्थर की भी तक़दीर बदल सकती है, 
शर्त यह है कि सलीके से सँवारा जाए।'

हमें यहॉं पत्थर नहीं अपितु राष्ट्र के भविष्य उन नौनिहालों के बचपन को सदिश आकार देना है जो देश के कर्णाधार बनेंगे।
बच्चे बाल्यकाल से ही खोजी, प्रायोगिक एवम् जिज्ञासु प्रवृत्ति के कारण खेल-खेल में ही बहुत कुछ सीख सकते हैं जिसे साकार करने में ECCE निर्विवाद रूप से अत्यावश्यक घटक है जिसके माध्यम से बच्चे स्वतंत्र रूप से नित नव प्रयोगों द्वारा सहज व सुगम रूप से सीखते हुये स्वयं को विद्यालयी परिवेश से अनुकूलित करते हुए अधिगम जगत की मुख्यधारा में समायोजित कर सकें।
भावी जीवन की सुदृढ़ इमारत के निर्माण हेतु ECCE रूपी ठोस आधारशिला अपरिहार्य है। आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि NEP-2020 प्रेरणास्पद व नवाचारी विधियों से इस भगीरथी लक्ष्य को सफल बनाने में ऐतिहासिक सिद्ध होगी।।
🇮🇳जय हिन्द, वन्दे मातरम्🇮🇳

गतिविधि-2: अपनी समझ की जाँच करें-

सही या गलत बताएँ-

(i) प्री-स्कूल में जाने वाले बच्चों का आयु वर्ग 3-6 वर्ष है।
(उ) सही।

(ii) प्री-स्कूलिंग शिक्षा से आधारभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान का विकास होता है।
(उ) सही।

(iii) प्री-स्कूल में बच्चे खेल आधारित और विकासात्मक रूप से उपयुक्त गतिविधियों और सामग्री से नहीं सीखते हैं।
(उ) गलत।

(iv) मौखिक भाषा का विकास, ध्वनिजन्य जागरूकता, प्रिन्ट जागरूकता आदि प्री-स्कूल स्तर पर शारीरिक विकास के घटक हैं।
(उ) गलत।

(v) प्री-स्कूल शिक्षा के सभी पहलू जैसे शारीरिक विकास, संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास, सामाजिक-भावनात्मक विकास परस्पर सम्बन्धित और परस्पर निर्भर हैं।
(उ) सही।

गतिविधि-3: अपने विचार साझा करें-

जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में रेखांकित किया गया है कि वर्तमान में प्रारंभिक स्तर पर पाँच करोड़ से अधिक छात्रों का एक विशाल वर्ग बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान से वंचित है। ऐसी विकट स्थिति को अविलंब उपचारित किया जाना चाहिए ताकि बुनियादी शिक्षा तक पहुँच सुगम एवम् सार्वभौमिक हो सके। समस्त छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्ति के सहज, समान व सुलभ अवसर उपलब्ध हो सकें। सभी नौनिहालों हेतु आधारभूत साक्षरता और संख्याज्ञान प्राप्ति एक अनिवार्य राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिये।
पर्याप्त अनुसंधान एवम् प्रमाण भी इंगित करते हैं कि बुनियादी स्तर पर अधिगम गति तीव्रतम से सर्वोत्तम की ओर गतिमान होती है। इस स्तर पर प्राप्त प्रत्येक सकारात्मक अनुभव आजीवन सीखने और समग्र विकास में सहायक सिद्ध होता है। NEP-2020 गुणवत्तापरक प्रारम्भिक बाल्यावस्था और शिक्षा (ECCE) के महत्व की अनुशंसा करती है और दृढ़तापूर्वक इस पर बल देती है। 
बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान मिशन के उद्देश्यों की प्राप्ति में ECCE की प्रमुख भूमिका है। NEP-2020 ने प्री-स्कूल की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है और इसे शिक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग माना है। चूँकि बाल्यकाल बौद्धिक क्षमता, शारीरिक विकास, मानसिक परिपक्वता और मूल्यों के विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है अतएव प्रत्येक हितधारक को समुचित सम्मान सहित अवसरों की समानता सुनिश्चित करते हुये पूर्वाग्रह से मुक्त पुस्तकों, चित्रों, पोस्टरों, खेल सामग्रियों और अन्य गतिविधियों का चयन करते हुये बच्चों की ध्वनि सम्बन्धी जागरूकता, ध्वनि भेद, दृश्य धारणा व दृश्य जुड़ाव सरीखी दक्षताओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है ताकि बच्चे भविष्य में बेहतर पाठक और लेखक के रूप में परिणित हो सकें। बच्चों के समग्र विकास और सीखने पर बल देते हुये बच्चों को अधिगम कला में सशक्त बनाना होगा जिसमें NEP-2020 और ECCE आशा की एक नई किरण बनकर उभरी हैं।।

🇮🇳जय हिन्द, जय भारत🇮🇳

गतिविधि-4: प्रश्नोत्तरी- सहमत या असहमत

(i) समग्र रूप से सीखना, एकीकृत, समावेशी, आनन्ददायक और आकर्षक नहीं होना चाहिए।
(उ) असहमत।

(ii) एक बार जब छात्र बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान में पिछड़ जाते हैं, तो वे वर्षों तक सीखने की अवस्था में ही बने रहते हैं, जो लगातार सीखने-समझने में असमर्थ होते हैं।
(उ) सहमत।

(iii) बुनियादी साक्षरता एवम् संख्याज्ञान मिशन का लक्ष्य 2025 तक प्राथमिक कक्षाओं में बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान के व्यापक रूप से लागू करने के लिये सभी पहलुओं को सक्षम वातावरण से जोड़ना है ताकि प्रत्येक बच्चा पढ़ने, लिखने और संख्याज्ञान में वांछित सीखने की क्षमता प्राप्त कर सके।
(उ) सहमत।

(iv) छात्रों, स्कूलों, शिक्षकों, अभिभावकों और समाज के साथ मिलकर इस महत्वपूर्ण लक्ष्य और मिशन को पूरा करने के लिये हर सम्भव तरीके से अनिवार्य रूप से सहयोग और प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये, जो वास्तविक रूप में भविष्य में सभी प्रकार के शिक्षण का आधार बनता है।
(उ) सहमत।

(v) सभी बच्चों के लिये बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान प्राप्त करना तत्काल राष्ट्रीय मिशन नहीं बनना चाहिये।
(उ) असहमत। 

आकलन प्रश्नोत्तरी-

(i) हमारे देश में ECCE ......... संस्थाओं के माध्यम से चलाई जाती है जिसमें शामिल हैं-
(a) एकल आँगनबाड़ी।
(b) प्राथमिक स्कूलों के साथ सम्बद्ध आँगनबाड़ी।
(c) कम से कम 5 से 6 वर्ष की आयु वाले पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों के साथ सह-स्थित।
(d) एकल प्री-स्कूल जैसा कि NEP-2020 में कहा गया है।
(उ) प्रारम्भिक बाल्यावस्था शिक्षण।

(ii) NEP-2020 के अनुसार, MDM कार्यक्रम प्रारम्भिक कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को भी विस्तारित किया जायेगा। यहाँ प्रारम्भिक कक्षा का अर्थ है .........
(उ) कक्षा 1 से पहले की कक्षायें।

(iii) भावी स्कूली शिक्षा और आजीवन सीखने के लिये ......... और संख्याओं की बुनियादी समझ, जीवन के लिये आवश्यक आधार है। (NEP-2020)
(उ) पढ़ और लिख पाना।

(iv) बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान का तात्पर्य स्कूली शिक्षा के बुनियादी स्तर में पर्याप्त ......... का निर्माण करना है।
(उ) साक्षरता और संख्या ज्ञान।

(v) सभी हितधारकों को जैसे शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों और समुदाय को ......... के लिये मजबूत नींव तैयार करने में शामिल करें।
(उ) जीवनपर्यंत चलने वाले अधिगम।

(vi) ECCE का पूरा नाम है?
(उ) Early childhood care and education (बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा)।

(vii) प्री-स्कूल की शिक्षा सुनिश्चित करती है ......... प्री-स्कूल से आरम्भिक प्राथमिक कक्षा तक जिससे कि अधिगम में बेहतर प्रदर्शन हो और स्कूल में पढ़ाई जारी रखने की दर बेहतर बनी रहे।
(उ) निर्बाध ट्रांजिशन।

(viii) किसी भी बच्चे के जीवनकाल में प्रारम्भिक वर्ष 'महत्वपूर्ण' होते हैं क्योंकि इस समय ......... किसी अन्य चरण की तुलना में अधिक तीव्र होती है।
(उ) विकास की दर।

(ix) आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/ शिक्षकों का ECCE प्रशिक्षण स्कूल शिक्षा विभाग के क्लस्टर संसाधनों केन्द्रों द्वारा ......... होगा।
(उ) मेंटर।

(x) प्रारम्भिक बाल्यावस्था शिक्षा को किसके सन्दर्भ में एक विशिष्ट लक्ष्य के रूप में शामिल किया गया है?
(उ) सतत विकास लक्ष्य या SDG।

(xi) NEP ने FLN हासिल करने के लिये ......... की समय सीमा निर्धारित की है?
(उ) 2025।

(xii) स्कूली शिक्षा के बुनियादी स्तर में भाषा और गणित कौशल का निर्माण करना किसका उद्देश्य है?
(उ) बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन।

(xiii) NEP-2020 में यह परिकल्पना की गई है कि 5 वर्ष की आयु से पहले प्रत्येक बच्चा एक 'प्रारम्भिक कक्षा' या 'बालवाटिका' में जायेगा, जिसमें एक ECCE को पढ़ाने योग्य (Qualified) शिक्षक होगा। बालवाटिका .........
(उ) कक्षा 1 से पहले की कक्षा।

(xiv) NCERT, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को FLN मिशन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये ......... प्रदान करेगा।
(उ) पाठ्यपुस्तक।

(xv) राष्ट्रीय ......... का मूल उद्देश्य है कि सभी बच्चे पढ़ने और समझ के साथ प्रतिक्रिया करने में सक्षम हों। बच्चे समझ के साथ स्वतंत्र रूप से लिख पायें। संख्या, माप और आकार के क्षेत्र में तर्क को समझ पायें और ......... संख्यात्मकता स्थानिक समझ कौशल के माध्यम से समस्या-समाधान करने में स्वतंत्र बनें।
(उ) बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन।

(xvi) बुनियादी शिक्षा का मुख्य केन्द्र ......... है।
(उ) बच्चे का सर्वांगीण विकास।

(xvii) राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान (FLN) मिशन यह सुनिश्चित करने के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि हमारे बच्चे ......... तक अर्थ के साथ पठन कौशल और बुनियादी संख्यात्मक कौशल प्राप्त करें।
(उ) कक्षा III।

(xviii) राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों की भूमिका है ......... ।
(उ) लक्ष्य की प्राप्ति के लिये योजना बनाना और उसको क्रियान्वित करना।

(xix) बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लिये सन्दर्भ व्यक्तियों का क्षमतावर्धन और सन्दर्भ सामग्री विकसित करना सरकार के साथ-साथ ......... की भी जिम्मेदारी है।
(उ) स्कूल।

(xx) NEP-2020 द्वारा प्रस्तावित नई 5+3+3+4 संरचना में, 3 वर्ष की आयु से ......... को एक मजबूत आधारशिला के रूप में शामिल किया गया है, जिसका उद्देश्य बेहतर समग्र शिक्षा, विकास और कल्याण को बढ़ावा देना है।
(उ) ECCD।

(xxi) प्रारम्भिक बाल्यवस्था देखभाल और शिक्षा पाठ्यक्रम की योजना और कार्यान्वयन का कार्य, शिक्षा मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय (WCD), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (HFW) और जनजातीय मामलों के मंत्रालयों द्वारा ......... किया जायेगा।
(उ) संयुक्त रूप से।

(xxii) स्कूली शिक्षा विभाग कक्षा 1 से 5 के लिये छात्र जुड़ाव, प्रतिधारण और शैक्षणिक उपलब्धि के लिये सीखने के परिणाम गुणवत्ता माप ......... विकसित करेगा।
(उ) ऐप।

(xxiii) KVS स्कूलों को मिशन मोड में कक्षा 5 तक सभी छात्रों द्वारा बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त करने के लिये ......... के रूप में विकसित किया जायेगा।
(उ) मॉडल स्कूल।

(xxiv) FLN मिशन ......... में दक्षता हासिल करने के लिये एक राष्ट्रीय पहल है।
(उ) समझ के साथ भाषा और गणित पढ़ना।

(xxv) FLN के दिशा निर्देश किसने दिये हैं?
(उ) भारत के शिक्षा मंत्रालय ने।

(xxvi) बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन का दृष्टिकोण है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुये एक सक्षम वातावरण सुनिश्चित हो जो ......... प्राथमिक कक्षाओं में 2025 तक सुनिश्चित करें, ताकि प्रत्येक बच्चा कक्षा III के अंत तक और ग्रेड V के पहले पढ़ने, लिखने और अंकगणित में वांछित सीखने की क्षमता को प्राप्त कर सकें।
(उ) बुनियादी साक्षरता और गणित का सार्वभौमिक अधिग्रहण।

(xxvii) SDG के लक्ष्य 4.2 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लड़कियों और लड़कों को जिसमें वंचित समूह और विकलांग बच्चे भी शामिल हैं, 2030 तक गुणवत्तापूर्ण ......... देखभाल और पूर्व प्राथमिक शिक्षा प्राप्त हो ताकि वे प्राथमिक शिक्षा के लिये तैयार हो सकें।
(उ) प्रारम्भिक बाल्यावस्था विकास।

(xxviii) ECCE की अवधि है ......... ।
(उ) जन्म से 8 वर्ष तक।

(xxix) FLN मिशन एक ......... है।
(उ) राष्ट्रीय पहल। 

(xxx) सरकार में, ECCE मुख्य रूप से स्वीकृत बाल विकास सेवाओं या ICDS केन्द्रों के माध्यम से प्रदान किया जाता है जिन्हें ......... के रूप में जाना जाता है।
(उ) आँगनबाड़ी।

(xxxi) CBSE प्राथमिक स्तर पर ......... के एक पूल की पहचान करेगा जो सरकारी प्राथमिक शिक्षकों का मार्गदर्शन कर सकता है और प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों का समर्थन करने के लिये ई-सामग्री भी विकसित कर सकता है जिसमें पाठ योजनाएँ, नवीन शिक्षाशास्त्र का उपयोग आदि शामिल है।
(उ) उत्कृष्ट शिक्षक।

(xxxii) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि वर्तमान में प्राथमिक स्तर पर अनुमानित रूप से 5 करोड़ से अधिक छात्र बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान का कौशल हासिल नहीं कर पाये हैं।
(उ) सहमत तथा FLN को मजबूत करने के लिये कदम उठाये जाने चाहिये।

(xxxiii) FLN लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये निम्नलिखित में से कौन सी स्वयंसेवकों की भूमिका नहीं है?
(उ) FLN मिशन की पॉलिसी तैयार करना।

(xxxiv) राष्ट्रीय बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन का गठन ......... के द्वारा होगा।
(उ) शिक्षा मंत्रालय।

(xxxv) NCERT देश की एक अग्रणी शैक्षणिक संस्था है और यह संस्था शिक्षक-प्रशिक्षकों के लिये सामग्री विकसित करने और प्रशिक्षण आयोजित करने के साथ-साथ ......... के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
(उ) बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता।

(xxxvi) सभी बच्चों के लिये बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करना त्वरित राष्ट्रीय ......... होना चाहिये।
(उ) मिशन।

(xxxvii) NEP-2020 की आकांक्षा है कि सभी बच्चे बुनियादी गणित और संख्यात्मक कौशल के साथ ......... सीखें।
(उ) पढ़ना और लिखना।

(xxxviii) NEP-2020 में कक्षा 1 से पहले 3-6 वर्ष के आयु वर्ग के लिये आँगनबाड़ी/ विद्यालय पूर्व/ बालवाटिका में शिक्षा के ......... का प्रस्ताव है।
(उ) 3 वर्ष।

(xxxix) मिशन मोड में ......... तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
(उ) 2025-26 तक।

(xl) मिशन का विचार यह है कि प्रत्येक बच्चा ......... पढ़ने, लिखने और गणित में वांछित सीखने की क्षमता प्राप्त कर ले।
(उ) ग्रेड III के अंत तक और ग्रेड V के पहले।

सारांश-




#NISHTHA_FLN_3.0_COURSE_1_ENTIRE_QUESTIONNAIRE

Thursday, September 23, 2021

बालगीत- बदरा (बादल)

 बालगीत- बदरा (बादल)

स्वरचित बालगीत प्रारम्भिक स्तर के शिक्षार्थियों हेतु-

स्वरचित बालगीत-


उमड़-उमड़ घिर आये बदरा,
घुमड़-घुमड़ घिर आये बदरा।
झूम-झूमकर बरसे बदरा,
घूम-घूमकर बरसे बदरा।
बीच राह हम फँस गये भैया,
मेंढक गावे टर्रक टैया।
मोर भी नाचे ता-ता थैया,
सोनू-मोनू बड़े खिलैया।
सड़कों पे दौड़ात नवैया,
करत फिरत हैं छप्पक-छैया।।


Wednesday, August 25, 2021

ध्यानाकर्षण: शिक्षण तकनीक-12

UP_ध्यानाकर्षण_परिवेशीय संसाधनों का उपयोग: कोर्स-12





आकलन प्रश्नोत्तर-


1. कक्षा शिक्षण में परिवेशीय संसाधनों का प्रयोग सर्वाधिक किया जाना चाहिए-

(A) कक्षा शिक्षण से पहले।

(B) कक्षा शिक्षण के बाद।

(C) कक्षा शिक्षण के दौरान।🆗

(D) छुट्टी के समय।


2. शिक्षण अधिगम में परिवेशीय संसाधनों का प्रयोग प्रभावी होता है क्योंकि यह-

(A) सरल एवं सहज है।

(B) रुचिकर है।

(C) प्रकृति आधारित है।

(D) ज्ञानेंद्रियों और पूर्व अनुभव पर आधारित है।🆗


3. परिवेशीय संसाधनों का लाभ है कि इसके उपयोग से-

(i) बच्चों का सैद्धांतिक विकास क्रियात्मक रूप से होता है।

(ii) बच्चों में प्रकृति के प्रति सम्मान का भाव पैदा होता है।

(iii) बच्चों की सृजनात्मकता का विकास होता है।

(iv)  बच्चे परिवेशीय संसाधनों के महत्व को समझ पाते हैं।


(A) i, ii

(B) i, iii

(C) i, iii, iv

(D) i, ii, iii, iv🆗


4. परिवेशीय संसाधनों का शिक्षण में उपयोग करने से सीखना होगा-

(A) आसान एवं अवधारणाओं को स्पष्ट करने वाला।🆗

(B) अव्यवहारिक, महंगा व दुष्कर।

(C) व्यवहारिक परंतु समय अधिक लेने वाला।

(D) क्षणिक व आनंददायी।


5. परिवेशीय संसाधनों का प्रयोग किया जा सकता है-

(A) विज्ञान में।

(B) गणित में।

(C) भाषा में।

(D) सभी विषयों के शिक्षण में।🆗


6. परिवेश में उपलब्ध संसाधनों के उपयोग से कक्षा शिक्षण के किस उद्देश्य की प्राप्ति में सर्वाधिक सहायता मिलती है ?

(A) ज्ञानात्मक उद्देश्य की प्राप्ति में।

(B) बोधात्मक उद्देश्य की प्राप्ति में।🆗

(C) प्रयोगात्मक उद्देश्य की प्राप्ति में।

(D) कौशलात्मक उद्देश्य की प्राप्ति में।


7. शिक्षण में परिवेशीय संसाधनों के उपयोग से तात्पर्य है-

(A) प्राकृतिक संसाधन।

(B) विद्यालय व कक्षा में उपस्थित संसाधन।

(C) शिक्षार्थी के घर, गाँव, आसपास की वस्तुएँ।

(D) परिवेश में पाई जाने वाली सभी वस्तुएँ।🆗


8. परिवेशीय संसाधन हैं-

(A) अनाज के दानें, पत्तियाँ, फल, फूल, बीज, कंकड़।

(B) माचिस की तीलियाँ, आइसक्रीम में प्रयुक्त चम्मच, पेंसिल, रबर, कटर।

(C) विद्यालय में उपलब्ध वस्तुएँ।

(D) उपरोक्त सभी।🆗


9. परिवेशीय संसाधनों से बच्चों का विशेष जुडाव होता है क्योंकि-

(A) इनकी उपलब्धता हर स्थान पर होती है।

(B) निःशुल्क और कम दाम में मिलते हैं।

(C) बच्चे इनको स्वयं परिवेश से प्राप्त कर एकत्र करते हैं।🆗

(D) सभी के लिए सर्व सुलभ होते हैं।


10. शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में प्रयोग किए जाने वाले उदाहरण होने चाहिए-

(A) पूर्व अनुभव आधारित।

(B) पुस्तक पर आधारित।

(C) परिवेशीय संसाधनों पर आधारित।

(D) दोनों A और C।🆗

ध्यानाकर्षण: शिक्षण तकनीक-11

UP_ध्यानाकर्षण_जोड़ी में कार्य: कोर्स-11





आकलन प्रश्नोत्तर-


1. जोड़ी में कार्य दर्शाता है कि बच्चे -

(i) किसी पाठ्यांश या प्रकरण पर चर्चा कर रहे होंगे।

(ii) उत्तरों की जाँच कर रहे होंगे।

(iii) किसी विषय के बारे में एक दूसरे को पढ़कर सुना रहे होंगे तथा उसके अर्थों की खोज कर रहे होंगे।

(iv) किसी योजना का निर्माण कर रहे होंगे।


(A) i, ii

(B) i, ii, iii

(C) i, iii, iv

(D) i, ii, iii, iv🆗


2. जोड़ी में कार्य के दौरान हम बच्चों को कार्य आवंटित करते हैं -

(A) एक ही कार्य सभी जोड़ों को।

(B) आधे जोड़ों को एक तरह का और आधे जोड़ों को दूसरी तरह का।

(C) सभी जोड़ों को एक ही विषय पर आधारित अलग-अलग कार्य।🆗

(D) सभी जोड़ों को अलग-अलग विषय पर एक ही तरह का कार्य।


3. जोड़ी में कार्य में शिक्षक द्वारा निभाई जाने वाली मुख्य जिम्मेदारी है - 

(i) गतिविधि का उद्देश्य एवं अपेक्षित परिणाम का निर्धारण करना। 

(ii) जोड़ी बनाने का मापदंड तय करना। 

(iii) जोड़ी के सदस्यों की भूमिका का निर्धारण एवं उनका आकलन करना। 

(iv) जोड़ी के कम सक्रिय सदस्य को विषय पर बातचीत करने तथा विचारों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना।


(A) i, ii

(B) i, ii, iii

(C) i, ii, iv

(D) i, ii, iii, iv🆗


4. जोड़ी में कार्य के दौरान शिक्षक -

(A) जोड़ी से कोई बात नहीं करेंगे।

(B) सभी जोड़ों से एक साथ बात करेंगे।

(C) कक्षा में सभी जोड़ियों में जाकर अवलोकन और मार्गदर्शन करेंगे।🆗

(D) छात्रों द्वारा पूछने पर ही बात करेंगे।


5. बच्चे नि:संकोच और सहजता से अपनी बात कह सकें इसके लिए आवश्यक है कि बच्चों को कार्य करने के अवसर दिए जायें -

(A) व्यक्तिगत रूप से।

(B) बड़े समूह में।

(C) छोटे समूह में।

(D) जोड़ी में।🆗


6. जोड़ी में कार्य के दौरान बच्चे करते हैं-

(A) विचार विमर्श।

(B) चिंतन।

(C) A और B दोनों।🆗

(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं।


7. सबसे उपयुक्त विकल्प चुनें - परस्पर जोड़ी में कार्य करने के परिणाम स्वरूप बच्चे-

(A) अधिक आत्मविश्वास और आनंद से कार्य करते हैं।🆗

(B) अधिक देर तक कार्य करते हैं।

(C) निरंतर बेहतर कार्य करने की भावना से नहीं कार्य करते हैं।

(D) कुछ समय के बाद ध्यान बँट जाता है।


8. बच्चों को जोड़ी में कार्य करवाने से-

(A) समय की बचत होती है।

(B) सीखने-सिखाने की गति तीव्र हो जाती है।

(C) शिक्षण अधिगम प्रक्रिया सरल व सुगम हो जाती है।

(D) उपरोक्त सभी।🆗


9. जोड़ी बनाते समय ध्यान रखना चाहिए कि -

(A) दोनों बच्चे एक समान गति से सीखने वाले हों।

(B) एक बच्चा तीव्र गति से सीखने वाला हो।🆗

(C) दोनों बच्चों में परस्पर गहरी मित्रता हो।

(D) दोनों बच्चे तीव्र गति से सीखने वाले हों।


10. जोड़ी में कार्य करवाया जा सकता है -

(A) सिर्फ विज्ञान और गणित विषय पर।

(B) सिर्फ विज्ञान, गणित व अंग्रेजी विषय पर।

(C) सिर्फ विज्ञान, गणित व सामाजिक विषय पर।

(D) सभी विषयों में।🆗

ध्यानाकर्षण: शिक्षण तकनीक-10

UP_ध्यानाकर्षण_समूह कार्य: कोर्स-10





आकलन प्रश्नोत्तर-


1. समूह कार्य करवाया जा सकता है-

(A) सिर्फ विज्ञान व गणित विषय पर।

(B) सिर्फ विज्ञान, गणित व भाषा विषय पर।

(C) सिर्फ विज्ञान, गणित व सामाजिक विषय पर।

(D) सुनियोजित ढंग से सभी विषयों पर।🆗


2. समूह कार्य के दौरान हम बच्चों को कार्य आवंटित करते हैं-

(A) एक ही कार्य सभी समूहों को।

(B) आधे समूहों को एक तरह का आधे समूहों को दूसरी तरह का कार्य।

(C) सभी समूहों को एक ही विषय पर आधारित अलग-अलग कार्य।🆗

(D) सभी समूहों को अलग-अलग विषय पर एक ही तरह का कार्य।


3. बच्चों को समूह कार्य में संलग्न होने पर क्या लाभ होते हैं?

(A) बच्चे समूह कार्य में प्रसन्नतापूर्वक हिस्सा लेते हैं।

(B) बच्चों की झिझक दूर होती है

(C) बच्चों में एक दूसरे की मदद की भावना जागृत होती है

(D) उपरोक्त सभी लाभ होते हैं।🆗


4. समूह कार्य के दौरान शिक्षक-

(A) कोई बात नहीं करेंगे मात्र अवलोकन करेंगे।

(B) प्रत्येक समूह में जाकर चर्चा में शामिल होंगे और सहायता करेंगे।🆗

(C) मात्र अवलोकन करेंगे तथा विद्यार्थियों के आग्रह पर सहायता करेंगे।

(D) छात्रों के द्वारा पूछने पर ही बात करेंगे।


5. समूह कार्य के दौरान बच्चों को-

(A) नेतृत्व का अवसर मिलता है

(B) प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है।

(C) खुलकर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलता है।🆗

(D) स्व-मूल्यांकन का अवसर मिलता है।


6. दिखाये गए वीडियो में समूह कार्य के माध्यम से शिक्षिका  किस प्रकरण पर चर्चा कर रहीं हैं ?

(A) भौतिक परिवर्तन एवं रासायनिक परिवर्तन।

(B) भौतिक अभिक्रिया एवं रासायनिक अभिक्रिया।

(C) मन्द परिवर्तन एवं तीव्र परिवर्तन।🆗

(D) दृश्य परिवर्तन एवं अदृश्य परिवर्तन।


7. समूह कार्य की योजना बनाते समय शिक्षक द्वारा ध्यान में रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात है-

(A) समूह में बच्चे क्या करेंगे और उक्त गतिविधि से क्या सीखेंगे?🆗

(B) समूह में बच्चे क्या बात करेंगे?

(C) समूह में बच्चों से क्या प्रश्न पूछे जाएंगे?

(D) समूह में कौन-कौन से बच्चे बोलेंगे?


8. शिक्षक समूह कार्य की योजना बनाते हैं- 

(A) कक्षा शिक्षण के दौरान।

(B) सिर्फ विज्ञान, गणित व सामाजिक विषय पर।

(C) A और B दोनों।🆗

(D) उपरोक्त सभी।


9. कक्षा में समूह कार्य को आयोजित करने से पहले क्या-क्या तैयारियाँ कर लेनी चाहिए?

(i) समूह कार्य के उद्देश्य और अपेक्षित परिणाम का निर्धारण किया जाना चाहिए।

(ii) समूह बनाने का मापदंड और गतिविधि के दौरान उसके विभिन्न सदस्यों की भूमिका का निर्धारण किया जाना चाहिए।

(iii) गतिविधि के लिए आवश्यक सामग्री का संकलन कर लेना चाहिए।

(iv) समूह कार्य हेतु समय का आवंटन कर लेना चाहिए।

(v)  समूह की गतिविधियों के आकलन हेतु तरीकों का निर्धारण  कर लेना चाहिए।


(A) ii, iv, v

(B) i, iii, iv

(C) i, ii

(D) i, ii, iii, iv, v🆗


10. समूह कार्य करवाते समय शिक्षक की अपेक्षित अनुभूति -

(A) कोर्स न पूरा होने की आशंका।

(B) समय की बर्बादी।

(C) कोई सार्थक परिवर्तन नहीं होगा।

(D) सीखने-सिखाने में सुगमता।🆗