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Monday, January 13, 2020

शेफाली वर्मा का दुर्गम सफर

फ़टे ग्लव्ज़-टूटे बैट से टीम इण्डिया का सफर करने वाली 15 वर्षीय शेफाली को सर्वश्रेष्ठ नवोदित सम्मान🏆




मात्र 15 वर्ष की आयु में अर्धशतक जड़ सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड ध्वस्त करना और अब टी-20 विश्व कप में चयन के साथ बीसीसीआई का सर्वश्रेष्ठ अन्तर्राष्ट्रीय नवोदित खिलाड़ी का सम्मान अर्जित करना। रोहतक की शेफाली वर्मा की दो माह में यह उड़ान किसी स्वप्निल परीकथा से कम नहीं है, किन्तु इसके पृष्ठ में संघर्ष की एक कहानी है।
तीन वर्ष पूर्व का वृतान्त है, शेफाली के पिता की जेब में मात्र ₹ 280/- थे। ग्लव्ज़ जीर्ण-शीर्ण हो चुके थे और बैट क्षत-विक्षत हो चुका था। शेफाली के पास बैट पर तार चढ़वाकर तथा ग्लव्ज़ को छुपाकर खेलने के सिवाय कोई उपाय नहीं था, परन्तु पिता से शियाकत नहीं की। विश्वासघात के कारण धरातल पर आ चुके पिता ने उधार लेकर पुत्री को नये ग्लव्ज़ व बैट दिलाया।


भाई के स्थान पर खेल.....बनीं प्लेयर ऑफ द मैच

पिता संजीव ने अवगत कराया कि शेफाली साढ़े दस वर्ष की थीं। पुत्र साहिल को पानीपत में अंडर-12 टूर्नामेंट खेलने जाना था, पर वह बीमार पड़ गया। वह शेफाली को ले गये और उसे टूर्नामेंट में अवतरित करा दिया। वहाँ उसने लड़कों के मैच में प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड प्राप्त किया। संजीव स्वयं भी क्रिकेटर रहे हैं, किन्तु उनका स्वप्न पुत्री ने पूर्ण किया।

प्रणाम ऐसी पुत्री के जुनून और संघर्ष को तथा ऐसे पिता के त्याग एवम् समर्पण को👏


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