चिरौंजी को चारोली नाम से भी जाना जाता है। यह पयाल नामक वृक्ष की उपज है। भारत में यह उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश व छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्रों में विशेष रूप से उत्पन्न होती है। मिष्ठानों में इसका प्रयोग अधिक होता है। सौन्दर्य प्रसाधनों में भी इसका इस्तेमाल होता है। चिरौंजी में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिये अत्यंत लाभदायक हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। यह विटामिन सी तथा बी का भी बढ़िया स्रोत है। यह वात, पित्त व ज्वर में भी शमनकारी सिद्ध होता है।
👉दैहिक दुर्बलता में चिरौंजी का सेवन अत्यन्त लाभकारी है। सर्दी-ज़ुकाम में भी इसका सेवन लाभदायक है। इसे दुग्ध के साथ पकाकर सेवन करने से ज़ुकाम में आराम मिलता हैं। वहीं दूसरी ओर यह देह को शीतलता भी प्रदान करती है।
👉चिरौंजी सौंदर्य-वर्द्धक औषध के रूप में भी इस्तेमाल होती है। इसके प्रयोग से चेहरे पर चमक आती है और कील-मुँहासे खत्म हो जाते हैं। इसे पीसकर लगाने से चेहरे के दाग-धब्बों से भी छुटकारा मिल जाता है।
👉चिरौंजी में प्रोटीन की उच्च मात्रा होने के साथ ही कम कैलोरी भी होती है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर भी होता है। इसे खाने से भूख नहीं लगती। इस गुण के कारण यह वजन घटाने में भी सहायक है।।
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