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Tuesday, March 24, 2020

बाँस की बोतल में समाहित स्वास्थ्य के रहस्य

बाँस की बोतल में समाहित सेहत के रहस्य


जैविक पाक कला (ऑर्गेनिक कुकिंग) की बढ़ती लोकप्रियता ने बाँस से बने बर्तनों के बाज़ार को भी जीवंत कर दिया है। मृदा निर्मित पात्रों के अतिरिक्त बाँस से बने बर्तन आजकल काफी प्रचलित हो रहे हैं। बाँस की टोकरी तो हम सदैव से प्रचलन में देखते आये हैं, किन्तु अब बाँस से निर्मित बोतल, प्लेट, कटोरी, ट्रे, चम्मच, सर्विंग स्पून, गिलास आदि भी अनेक रूपों में देखने को मिल रहे हैं।





बाँस की बोतल इन दिनों काफी लोकप्रियता अर्जित कर रही है। बाँस में पोटेशियम, कॉपर, विटामिन बी-2 व 6, प्रोटीन, आयरन आदि तत्व पाये जाते हैं। इन्हीं गुणकारी तत्वों के कारण बाँस की बोतल में जल ग्रहण करने का सुझाव दिया जाता है। इससे अस्थियाँ सुदृढ़ होती हैं, माइग्रेन में आराम मिलता है, केशों व त्वचा को लाभ होता है तथा सिरदर्द व तनाव में आराम मिलता है। इसके अतिरिक्त उदर सम्बन्धी कई समस्याओं में आराम मिलता है। बाँस के बोतल में नियमित जल सेवन से परिवर्तनशील जलवायु में ज्वर आदि की समस्या से निदान मिलता है। वाष्प निर्मित खाद्य पदार्थों हेतु बाँस निर्मित पात्रों का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। यद्यपि मूल्यवान बाँस एवम् हस्तनिर्मित होने के कारण इनसे निर्मित वस्तुयें भी काफी महँगी होती हैं तथापि इसके स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभों पर विचार किया जाये तो यह मूल्य अधिक प्रतीत नहीं होते।।



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