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Friday, March 27, 2020

सामाजिक दूरी उल्लंघन के सम्भावित दुष्प्रभाव

शारीरिक दूरी उल्लंघन के सम्भावित दुष्प्रभाव


🔴सामाजिक दूरी नहीं रखी तो मई तक 13 लाख तक हो सकते हैं कोरोना के मामले।

🔴30,000 से 2,30,000 के मध्य रोगियों की संख्या हो सकती है अप्रैल के अंत तक।




देश में कोरोना वायरस के प्रकरण जिस द्रुतगति से बढ़ रहे हैं, उसके आधार पर मई तक यह आँकड़ा 10 से 13 लाख के मध्य पहुँच सकता है। यह अनुमान अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा लगाया गया है। अध्ययन के अनुसार यदि सामाजिक दूरी जैसे उपायों को गम्भीरतापूर्वक नहीं लिया गया तो अप्रैल के अंत तक रोगियों की संख्या 30,000 से 2,30,000 के मध्य हो सकती है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि अमेरिका और इटली की तुलना में महामारी से निपटने के लिये भारत अच्छा काम कर रहा है। इसका प्रसार रोकने के लिये सख्त प्रबन्ध एवम् उपाय किये जा रहे हैं। मिशिगन विश्विद्यालय में बायोस्टैटिस्टिक्स और महामारी विज्ञान के प्रो. भ्रामर मुखर्जी व जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के देबाश्री रे भी अध्ययन में सहभागी थे। उन्होंने कहा, यदि वायरस के मामले ऐसे ही बढ़ते रहे तो स्थिति पीड़ाजनक हो सकती है। मौजूदा अनुमान देश में आरम्भिक चरण के आँकड़ों के क्रम में है, जो कि कम परीक्षणों के कारण है।


🔳जटिल स्थिति➡️


◼️अधूरी तैयारी.....प्रति एक हजार पर 0.7 बिस्तर➡️

भारत में स्वास्थ्य तंत्र इस महामारी से लड़ने में अभी पूर्णतः सक्षम नहीं है। भारत में प्रति 1000 व्यक्तियों पर अस्पताल के बेड की संख्या मात्र 0.7 है। वहीं फ्रांस में यह 6.5, दक्षिण कोरिया में 11.5, चीन में 4.2, इटली में 3.4, ब्रिटेन में 2.9, अमेरिका में 2.8 और ईरान में 1.5 है।


◼️जाँच दर कम, कम मामले आ रहे सामने➡️

अध्ययन कोविड इण्डिया-19 स्टडी समूह के वैज्ञानिकों ने किया है। समूह यह पता लगा रहा था भारत में इस महामारी का खतरा कितना बड़ा है। समूह में सम्मिलित डाटा वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में जाँच दर बहुत कम है। 18 मार्च को देश में कोरोना टेस्ट के लिये 11,500 सैंपल मिले। इससे समझा जा सकता है कि जाँच के लिये लोग सामने नहीं आ रहे हैं। भारत की तुलना में बहुत कम आबादी के दक्षिण कोरिया में 2 लाख 70 हजार व्यक्तियों का परीक्षण हो चुका है।


◼️अमेरिका-इटली में अकस्मात् बढ़े मामले➡️

अब तक कोविड-19 की वैक्सीन विकसित नहीं हुई है, न ही दवा बन सकी है। ऐसे में यदि कोरोना भारत में तृतीय चरण में पहुँचा तो परिणाम विध्वंसक होंगे। वैज्ञानिकों के अनुसार अमेरिका या इटली में भी कोविड-19 का प्रसार धीरे-धीरे ही हुआ, फिर अकस्मात् तीव्रता से मामले बढ़े।।



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