इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नाम्बी को 1.3 करोड़ का मुआवजा
एक दशक उपरांत जासूसी के आरोप से बेदाग निकले इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नाम्बी नारायणन (77) को केरल सरकार 1.3 करोड़ रुपये मुआवज़ा देने पर सहमत हो गयी है। यह धनराशि 50 लाख रुपये के अतिरिक्त होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने नाम्बी को 50 लाख रुपये देने का आदेश दिया था।
नाम्बी को इसी वर्ष पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
वर्ष 1994 में नाम्बी नारायणन इसरो में पीएसएलवी रॉकेट, भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान के विकास और अंतरिक्ष अभियानों के लिए क्रायोजेनिक इंजन बनाने के शुरुआती चरण से जुड़े थे। वह क्रायोजेनिक इंजन परियोजना के निदेशक के तौर पर तैनात थे।
इसी दौरान उन पर मालदीव की दो महिलाओं सहित चार लोगों को कथित तौर पर रक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में उपनिदेशक डी. शशिकुमारन और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के भारतीय प्रतिनिधि के. चन्द्रशेखर के साथ गिरफ्तार किया गया था।
यद्यपि किसी भी प्रकार का आर्थिक या भौतिक पारितोषिक प्रख्यात व्यक्तित्व की अमूल्य प्रतिष्ठा की प्रतिपूर्ति तो नहीं कर सकता तथापि शासन एवम् संवैधानिक संस्थाओं की यह पहल उनके निर्मल व्यक्तित्व की पुष्टि के साथ ही दोषपूर्ण व्यवस्था की आत्मनिरीक्षण हेतु स्वीकारोक्ति है।
निर्देशक आर. माधवन भी शीघ्र ही इनकी विस्तृत संघर्ष गाथा "रॉकेट्री- द नाम्बी इफेक्ट" के माध्यम से प्रदर्शित करने जा रहे हैं जिससे अपेक्षायें हैं कि यह फ़िल्म उनके असाधरण जीवनचक्र पर समुचित प्रकाश आपतित करने में सफल होगी।।
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