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Tuesday, December 31, 2019

बॉलीवुड के शहंशाह को दादा साहब फाल्के सम्मान

दादा साहब फाल्के पाकर बोले बिग-बी
क्या यह आराम करने का संकेत??!!



राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने रविवार, 29 दिसम्बर 2019 को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर अमिताभ ने हल्के अंदाज में पूछा- पुरस्कार क्या आराम करने का संकेत है क्योंकि मेरे कुछ काम बाकी हैं।
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित अमिताभ बच्चन ने रविवार को कहा कि वह भविष्य में और अधिक काम करने हेतु उत्सुक हैं।
77 वर्षीय अभिनेता ने पुरस्कार ग्रहण करने के उपरांत मज़ाक में कहा कि जब इस पुरस्कार की घोषणा की गई तो मेरे मस्तिष्क में एक शंका उठी कि कहीं यह इस बात का संकेत तो नहीं कि अब घर में बैठिये और विश्राम करिये, आपने बहुत काम कर लिया है। उन्होंने कहा कि अभी बहुत सारा काम है जिसे समाप्त करना शेष है।
उन्होंने कहा कि मुझ पर ईश्वर की असीम कृपा है कि देश की जनता का प्रेम और उत्साहवर्धन प्राप्त होते रहे जिसके कारण मैं आप सभी के समक्ष खड़ा हूँ। इस पुरस्कार की स्थापना 50 वर्ष पूर्व हुई और इतने ही वर्ष मुझे फ़िल्म उद्योग में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। इसका भी मैं आभारी हूँ। इस सम्मान को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूँ। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में जया बच्चन, पुत्र अभिषेक बच्चन भी उपस्थित थे। विजेताओं के सम्मान में राष्ट्रपति ने हाई-टी मेजबानी की।

👉चार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं-

उन्हें अग्निपथ, ब्लैक, पा और पीकू फिल्मों के लिये चार राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिल चुके हैं। 2015 में उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 1984 में पदम् श्री और 2001 में पदम् भूषण प्रदान किया जा चुका है। टेलीविजन पर प्रसारित 'कौन बनेगा करोड़पति' ने उन्हें घर-घर पहचान दिलाई।

👉रिलीज़ हेतु लम्बित फिल्में-

अमिताभ की नववर्ष में चार फिल्में गुलाबो सिताबो, चेहरे, झुण्ड और ब्रह्मास्त्र रिलीज़ होंगी।

👉1969 में की थी कैरियर की शरुआत-

अमिताभ ने कैरियर की शुरुआत 1969 में वॉइस ओवर कलाकार के तौर पर मृणाल सेन की बंगाली फ़िल्म 'भुवन शोम' से की थी। बतौर अभिनेता प्रथम फ़िल्म 'सात हिंदुस्तानी' थी। कई फ्लॉप फिल्मों के बाद 1973 में ज़ंजीर फ़िल्म से उनकी कामयाबी का सफर शुरू हुआ। उन्हें 'एंग्री यंग मैन' के तौर पर पहचान मिली। दीवार, शोले, मिस्टर नटवरलाल, लावारिस, मुकद्दर का सिकन्दर, त्रिशूल, शक्ति और काला पत्थर, अभिमान, मिली, कभी-कभी, सिलसिला, नमक हलाल।

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