💠स्वागत वन्दन
जय अभिनंदन
पाकिस्तानी विमानों के हमले को नाकाम करने की कोशिश में 27 फरवरी, 2019 को भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पैराशूट की मदद से जब उन्होंने लैंडिंग की, तो वह पाक अधिकृत कश्मीर में थे। अभिनंदन को पाक सैनिकों ने हिरासत में ले लिया। 1 मार्च, 2019 की रात अभिनंदन वर्तमान वाघा-अटारी सीमा के रास्ते सकुशल भारत लौट आये। वाघा-अटारी सीमा पर उनके भारत आने की प्रतीक्षा में देशवासियों ने बरसात की बाधा भी दरकिनार कर दिया।
💠शीर्ष वैश्विक नेताओं को टक्कर
16 वर्षीय छात्रा ग्रेटा थनबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अपने तर्कों से दुनिया भर के नेताओं का ध्यान आकर्षित किया। मैड्रिड शहर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की 25वीं जलवायु परिवर्तन समिट में वैश्विक नेताओं के बारे में ग्रेटा का कहना था कि वे बड़ी-बड़ी बातों से भ्रम पैदा करना बंद करें और 'रियल एक्शन' दिखायें। अगला दशक यह तय करने वाला है कि इस पृथ्वी का भविष्य क्या होगा। पिछले साल जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिये ग्रेटा ने स्वीडन की संसद के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया था। इसके लिये उन्होंने हर शुक्रवार को अपना स्कूल छोड़ा था। इसे देखकर ही कई देशों में 'फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर' के साथ एक मुहिम शुरू हुई।
💠370 और 35 ए अलविदा
सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करने की घोषणा की। राज्य पुनर्गठन बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के बाद राज्य को दो हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बाँटकर उन्हें केन्द्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर को विधायिका वाला और लद्दाख को बिना विधायिका शक्ति वाला केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया। सरकार के इस फैसले के लागू होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिले विशेषाधिकार खत्म हो गये, यानि जम्मू-कश्मीर भी भारत के अन्य राज्यों की तरह सामान्य राज्य बन गया। दरअसल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्तता मिली थी। अनुच्छेद 35 ए जम्मू-कश्मीर राज्य विधानमंडल को 'स्थायी निवासी' परिभाषित करने और उन नागरिकों को विशेषाधिकार प्रदान करने का अधिकार देता था। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार था, लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित कानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार की मंजूरी चाहिये थी। भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं थे। 35 ए के तहत 14 मई, 1954 के पहले जो लोग कश्मीर में बस गये थे, उन्हीं को स्थायी निवासी माना जाता था। जो कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं था, राज्य में सम्पत्ति नहीं खरीद सकता था।
💠मन्दिर वहीं बनेगा
मस्जिद भी बनेगी
देश के सबसे पुराने मामले मामलों में से एक अयोध्या विवाद पर इस वर्ष के 11वें महीने में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया। 40 दिनों तक लगातार चली सुनवाई के बाद 09 नवम्बर, 2019 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व में संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुये निर्मोही अखाड़ा और शिया वक़्फ़ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया और रामलला का हक माना। मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया। जमीन देने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी गई। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को तीन महीने में मन्दिर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया। नया ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगा। अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट का यह बहुप्रतीक्षित फैसला आने के बाद वहाँ राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया। शीर्ष अदालत के आदेश में पूजा-पाठ का अधिकार पक्षकार गोपाल विशारद को दिया गया। फैसला सुनाने वाली संवैधानिक पीठ में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अतिरिक्त न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े, न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, न्यायाधीश अशोक भूषण और न्यायाधीश अब्दुल नज़ीर शामिल थे। मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने फैसला पढ़ते हुये कहा कि दस्तावेजों से पता चलता है कि 1885 से पहले हिन्दू अंदर पूजा नहीं करते थे, बल्कि बाहरी अहाते में रामचबूतरा, सीता रसोई में पूजा करते थे। 1934 में दंगे हुये। उसके बाद से मुसलमानों का एक्सक्लूसिव अधिकार आंतरिक अहाते में नहीं रहा। मुसलमान उसके बाद से अपना एकाधिकार सिद्ध नहीं कर पाये। हिन्दू निर्विवाद रूप से बाहर पूजा करते रहे।
💠ज़मीन से चाँद तक
भारत के चन्द्रयान-2 के प्रक्षेपण की घोषणा 15 जुलाई को की गई थी, लेकिन इसरो ने महज़ एक घण्टे पहले तकनीकी खामी के कारण इसे टाल दिया। 22 जुलाई को जीएसएलवी एमके तृतीय-एम 1 से चन्द्रयान-2 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। 4 अगस्त को इसरो ने चन्द्रयान-2 उपग्रह से ली गयी तस्वीरों का पहला सेट जारी किया। 14 अगस्त को चन्द्रयान-2 ने 'लूनर ट्रान्सफर ट्रेजेक्टरी' में प्रवेश किया। 20 अगस्त को चन्द्रयान-2 चन्द्रमा की कक्षा में पहुँचा। 22 अगस्त को इसरो ने चन्द्रमा की सतह से करीब 2,650 किलोमीटर की ऊँचाई पर चन्द्रयान-2 के एलआई 4 कैमरे से ली गयी चाँद की तस्वीरें जारी कीं। 2 सितम्बर को लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक ऑर्बिटर से अलग हुआ। 7 सितम्बर को लैंडर 'विक्रम' को चन्द्रमा पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हुई। 2.1 किलोमीटर की ऊँचाई तक सब ठीक रहा, लेकिन फिर लैंडर का सम्पर्क दुर्भाग्यवश ज़मीनी स्टेशन से टूट गया।
💠तीन तलाक से तौबा
संसद में बिल पारित होने के साथ ही तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया। बिल के क्लॉज नम्बर 3 के मुताबिक अगर कोई शख्स मुँहजुबानी, लिखकर या किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अपनी पत्नी को तलाक देता है तो वह गैर-कानूनी होगा। शिकायत पर पुलिस बिना वारण्ट के आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है। तीन तलाक केस अगर अदालत में साबित हो गया तो पति को 3 साल की कैद की सज़ा हो सकती है। मजिस्ट्रेट अब महिला का पक्ष सुने बिना उसके पति को जमानत नहीं दे सकेंगे। पीड़ित महिला पति से गुजारा भत्ते का दावा भी कर सकती है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तीन तलाक कानून अस्तित्व में आ गया।
💠करतारपुर कॉरिडोर
भारत के डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान के करतारपुर से जोड़ने वाले करतारपुर साहिब गलियारे को 9 नवम्बर, 2019 को उद्घघाटन किया गया। करतारपुर सिखों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह पाकिस्तान के नरोवल जिले में स्थित है। यह भारतीय सीमा से 3 से 4 किलोमीटर दूर है। लाहौर से इसकी दूरी 120 किलोमीटर है। गुरु नानक देव जी 1522 में करतारपुर आये थे और अपना अंतिम समय उन्होंने यहीं व्यतीत किया था। इसी स्थान पर दरबार साहिब गुरुद्वारा स्थित है। इसी कारण यह भारतीयों का पवित्र धर्म स्थल है। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए करार के मुताबिक रोजाना करीब पाँच हजार श्रद्धालु गलियारे से होकर इस गुरुद्वारे तक मत्था टेकने जायेंगे।
💠नागरिकता संशोधन अधिनियम
11/12/2019
नाकरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसम्बर, 2019 को संसद में पारित कर दिया गया। इसमें नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत नागरिकता प्रदान करने से सम्बन्धित नियमों में बदलाव किया गया है। इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आये हिन्दुओं के साथ सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिये भारतीय नागरिकता हासिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। नागरिकता अधिनियम के अनुसार जन्म, वंशानुगत क्रम, पंजीकरण के साथ यदि कोई व्यक्ति जिस देश मे रहता है, वह देश भारत में मिल जाता है, तो उसे भारत की नागरिकता प्रदान की जा सकती है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून बन चुका है। अनभिज्ञता के वशीभूत चन्द नागरिक इसके विरोध में प्रदर्शन भी कर चुके हैं किंतु तथ्यों को जानने के पश्चात अधिकांश जनता इस विधयेक के समर्थन में है।
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