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Wednesday, October 21, 2020

नवरात्र का पंचम दिवस माँ स्कन्दमाता को समर्पित

 🚩माँ भवानी का पंचम स्वरूप- माँ स्कन्दमाता🚩




आज देवी के पाँचवें स्वरूप स्कन्दमाता की आराधना होगी। देवी का यह स्वरूप नारी शक्ति और मातृ शक्ति का सजीव चरित्र है। स्कंद कुमार की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। गणेश जी देवी के मानस पुत्र हैं और कार्तिकेय जी गर्भ से उत्पन्न। तारकासुर को वरदान था कि वह शंकर जी के शुक्र से उत्पन्न पुत्र द्वारा ही मृत्यु को प्राप्त हो सकता है। इसी कारण देवी पार्वती का शंकर जी से मंगल परिणय हुआ। इससे कार्तिकेय पैदा हुए और तारकासुर का वध हुआ। शंकर-पार्वती के मांगलिक मिलन को सनातन संस्कृति में विवाह परंपरा का प्रारंभ माना गया। कन्यादान, गर्भधारण इन सभी की उत्पत्ति शिव और पार्वती प्रसंंगोपरांंत हुई।

उपासना मंत्र🐚


या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


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